राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-847/2003
चेयरमैन, न्यू ओखला इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी
बनाम
जे0एन0 द्विवेदी, पुत्र स्व0 एम0आर0 द्विवेदी
दिनांक: 18.07.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील विगत 20 वर्षों से लम्बित है। पूर्व में दर्जनों तिथियों पर विभिन्न कारणों से, जिसमें से एक कारण उभय पक्ष के अधिवक्तागण का उपस्थित न होना भी पाया गया, स्थगित की जाती रही। आज भी पुकार हुई। उभय पक्ष के अधिवक्तागण आज भी अनुपस्थित हैं।
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी चेयरमैन, न्यू ओखला इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा परिवाद संख्या-272/2001 (पुराना नम्बर-524/2000) जे0एन0 द्विवेदी बनाम चेयरमैन, नोएडा अथॉरिटी में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27.02.2003 के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी प्राधिकरण को आदेशित किया गया कि वह 30 दिन के अंदर प्रत्यर्थी/शिकायतकर्ता द्वारा बाद में जमा करायी गयी नियमितीकरण चार्जेज की धनराशि को दिनांक 25.03.1997 से भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित प्रत्यर्थी/शिकायकर्ता को वापस करे। यह भी आदेशित किया गया कि अपीलार्थी/विपक्षी प्राधिकरण द्वारा प्रत्यर्थी/शिकायतकर्ता को उपरोक्त अवधि में अंकन 1,000/-रू0 वाद व्यय के रूप में भी प्राप्त करायी जाये।
उपरोक्त निर्णय एवं आदेश का क्रियान्वयन प्रस्तुत अपील अंगीकरण के समय दिनांक 30.05.2003 को स्थगित किया गया था, जो बाद में भी स्थगित किया जाता रहा। चूँकि अपीलार्थी/विपक्षी एक प्राधिकरण/प्रदेश की संस्था है, जिसके द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत न किया जाना व अपील 20 वर्ष से लम्बित होना व अन्तरिम आदेश का लाभ लेना प्रथम दृष्ट्या अनुचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील अदम पैरवी में निरस्त की जाती है।
अन्तरिम आदेश दिनांक 30.05.2003 को समाप्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1