Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/331/2021

Pradeep - Complainant(s)

Versus

J.M.Housing - Opp.Party(s)

P.M.Tripathi

30 Sep 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/331/2021
( Date of Filing : 03 Nov 2021 )
 
1. Pradeep
luclnow
luclnow
utter Prdesh
...........Complainant(s)
Versus
1. J.M.Housing
luclnow
luclnow
utter predesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Sep 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-331/2021                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

          श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।    

   

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-03.11.2021

परिवाद के निर्णय की तारीख:-30.09.2023

 

1.   Mr. Pradeep Mishra aged about 38 years, son of Paras Nath Mishra resident of B 317, Third Floor, Main Gurudwara Road, Sudarshan Park New Delhi, 110015 presently residing at C/o Ankit Srivastava 1/98 FF Rashmi Khand Sharda Nagar, Lucknow-226002.

2.   Mrs. Mamta Rewar aged about 37 years wife of Mr. Pradeep Mishra resident of B 317, Third Floor, Main Gurudwara Road, Sudarshan Park New Delhi, 110015 presently residing at C/o Ankit Srivastava 1/98 FF Rashmi Khand Sharda Nagar, Lucknow-226002.

                                                                                  ..................Complainant.

                                                   Versus

 

1.      J.M. Housing Limited, having its registered office D-334 Vivek Vihar, Delhi-110095.

 

2.      J.M. Housing Limited, having its corporate office at D-41. Sector 59, Noida, Uttar Pradesh-201301.

 

3.      Neeraj Jindal, Vinod Rana, Rupesh Kumar Gupta Directors having their registered office D-334 Vivek Vihar, Delhi-110095.

                                                                              ................Opposite Parties.                                                                

                                                    

परिवादी के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री पीयूष मणी त्रिपाठी।

विपक्षी के अधिवक्‍ता का नाम:-कोई नहीं।

आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

                               निर्णय

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के तहत संस्थित किया गया है। परिवादी ने विपक्षीगण से पूरी तरह तैयार फ्लैट पुराने रेट पर उपलब्‍ध कराये जाने, 6,66,000.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्‍याज की दर से कब्‍जा मिलने तक, 10,00,000.00 रूपये क्षतिपूर्ति एवं मुआवजा तथा 1,00,000.00 रूपये मुकदमें की पैरवी का खर्च दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने ग्रेटर नोएडा में यूनिट संख्‍या:-के-1001 के ब्‍लाक डी में 10वे मंजिल पर 1965 स्‍क्‍वायर फिट का एक फ्लैट विपक्षीण से दिनॉंक 29.11.2017 को एलाट करवाया। बाद में पुन: परिवादी व उसकी पत्‍नी के साथ उसी फ्लैट को दिनॉंक 06.03.2018 को प्‍लाट कम फ्लैट बाया एग्रीमेंट किया जिसमें फ्लैट को पूरी तरह विकसित करके 13 महीने में परिवादी को कब्‍जा देना था, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा निर्धारित अवधि में उसको कब्‍जा नहीं दिया गया।

3.   विपक्षीगण द्वारा सर्वप्रथम यह फ्लैट दिनॉंक 29 नवंबर 2017 को प्रदीप मिश्रा को एलॉट करके एग्रीमेंट किया, फिर बाद में यह फ्लैट प्रदीप मिश्रा व ममता रेवार को संयुक्‍त रूप से एलॉट करके एग्रीमेंट दिनॉंक 06 मार्च 2018 को किया गया। इस शर्तनामें में फ्लैट को एलॉटमेंट की तिथि से 13 माह के अन्‍दर तैयार करके परिवादी को देना था। विशेष परिस्थितियों में फ्लैट पूर्ण न होने की स्थिति में 06 माह का ग्रेस पीरियड भी एग्रीमेंट में प्राविधानित किया गया है अर्थात कुल 19 महीने में फ्लैट पूर्ण कर कब्‍जा देना था, उसके बाद विपक्षी को 5.00 रूपये प्रति स्‍क्‍वायर फिट प्रतिमाह की दर से पैनाल्‍टी परिवादी को देना था। परन्‍तु विपक्षीगण ने न तो फ्लैट दिया और न ही पैसा पैनाल्‍टी के साथ वापस किया गया। इस प्रकार उनके द्वारा सेवा में कमी के साथ अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है।

4.   परिवादी ने निर्धारित किश्‍तों में विपक्षीगण को कुल रूपया 6,66,000.00 अदा किए। विपक्षीगण ने शर्तनामा के अनुसार परिवादी को निर्धारित अवधि में फ्लैट नहीं उपलब्‍ध कराया और न ही कब्‍जा दिया। परिवादी द्वारा जमा कुल धनराशि 6,66,000.00 रूपये पर जमा करने की तिथि से धनराशि वापस प्राप्‍त होने तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ वापस करने की प्रार्थना की गयी है।

5.   परिवादी को विपक्षीगण के इस व्‍यवहार से अत्‍यन्‍त कठिनाई व पीड़ा हुई है, उसे किराए के मकान में निवास करना पड़ रहा है जो 15,000.00 रूपये प्रतिमाह के किराए पर है। यदि निर्धारित अवधि में फ्लैट मिल गया होता तो उसका किराया भी बचता। करीबत तीन वर्षों से वह किराए के मकान में रह रहा है। विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी की गयी है और अपनी शर्तों का भी उल्‍लंघन किया गया है।

6.   परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्‍तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई जवाब दिया गया। अत: दिनॉंक 26.07.2022 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।

7.   परिवादी ने अपने कथानक के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य में एग्रीमेंट की प्रति, भुगतान की रसीदें, प्रोजेक्‍ट से संबंधित अभिलेख आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।

8.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।

9.   परिवादी का कथानक है कि परिवादी ने ग्रेटर नोएडा में यूनिट संख्‍या:-के-1001 के ब्‍लाक डी में 10वे मंजिल पर 1965 स्‍क्‍वायर फिट का एक फ्लैट विपक्षीण से दिनॉंक 29.11.2017 को एलाट करवाया। बाद में पुन: परिवादी व उसकी पत्‍नी के साथ उसी फ्लैट को दिनॉंक 06.03.2018 को प्‍लाट कम फ्लैट बाया एग्रीमेंट किया जिसमें फ्लैट को पूरी तरह विकसित करके 13 महीने में परिवादी को कब्‍जा देना था, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा निर्धारित अवधि में उसको कब्‍जा नहीं दिया गया। परिवाद की पैरवी भी विपक्षीगण द्वारा नहीं की गयी। विपक्षीगण द्वारा कोई तथ्‍य/अभिलेख आदि प्रस्‍तुत नहीं किए गए, इसलिए  परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेखीय साक्ष्‍यों के आधार पर ही परिवाद का निस्‍तारण  किया जाना है।

10.  जैसा कि परिवादी का कथानक है कि विपक्षीगण द्वारा शर्तनामा के अनुसार निर्धारित शर्तों व समय पर फ्लैट उपलब्‍ध नहीं कराया गया है, जो कि सेवा में कमी व अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया को दर्शाता है। विपक्षीगण द्वारा अपनी बनायी हुई सेवा शर्तों का ही पालन नहीं किया गया है। दिनॉंक 06.03.2018 से 19 माह अर्थात दिनॉंक 06.09.2019 तक फ्लैट पर कब्‍जा देना चाहिए था, शर्तनामा के अनुसार 19 माह की अवधि व्‍यतीत होने पर विपक्षी को 5.00 रूपये प्रति वर्गफिट प्रति माह की दर से परिवादी को पैनाल्‍टी अदा करनी चाहिए।

11.  चॅूंकि विपक्षीगण इस परिवाद में उपस्थित नहीं हुए हैं, उनका कोई उत्‍तर पत्र भी दाखिल नहीं हुआ है, अत: शर्तनामा के अनुसार ही प्रकरण का निस्‍तारण किया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है। प्‍लॉंट/फ्लैट का सुपर एरिया 1965 स्‍क्‍वायर फिट तथा कार्पेट एरिया 1140 स्‍क्‍वायर फिट है। परिवादी द्वारा किश्‍तों में कुल 6,66,000.00 रूपये विपक्षीगण को दिनॉंक 26.10.2017 से 18.12.2018 तक दिया है। जबकि विपक्षीगण के पत्र दिनॉंकित 28.02.2018 में 3,40,000.00 रूपये का ही तश्‍करा किया गया है।

12.  एग्रीमेंट के साथ भुगतान मोड का भी उल्‍लेख किया गया है, जिसमें उल्लिखित है कि एलॉटमेंट के समय फ्लैट की पूरी कीमत का 10 प्रतिशत, एलॉटमेंट की तिथि से 30 दिन के अन्‍दर पूरी कीमत का 80 प्रतिशत भुगतान करना चाहिए। बाकी 10 प्रतिशत फ्लैट पर कब्‍जा मिलने पर देना था। विपक्षीगण द्वारा बकाया धनराशि के भुगतान के लिये परिवादी को कई पत्र भेजे गये हैं, जो परिवादी के द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेखें में उपलब्‍ध हैं, क्रमश: दिनॉंक 28.02.2018,  28.11.2018,  18.12.2018 के पत्रों में विपक्षीगण ने परिवादी से शर्तनामा के अनुसार 46,59,937.00 रूपये जमा करने का अनुरोध किया, परन्‍तु परिवादी द्वारा भुगतान नहीं किया गया।

13.  दिनॉंक 28.02.2018 को विपक्षीगण ने परिवादी का एलॉटमेंट निरस्‍त कर दिया था। उसके बाद भी विपक्षीगण द्वारा परिवादी से क्रमश: पत्र दिनॉंकित 28.11.2018 एवं 18.12.2018 द्वारा मुबलिग 46,59,937.00 का भुगतान कराने का अनुरोध किया गया है। इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी को शर्तनामा के अनुसार धनराशि का भुगतान करने हेतु पर्याप्‍त समय दिया गया है। परन्‍तु परिवादी द्वारा भुगतान नहीं किया गया है।

14.  इससे प्रतीत होता है कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। परिवादी ने ही शर्तनामा के अनुसार एलॉटमेंट के 30 दिन के अन्‍दर धनराशि 46,59,937.00 रूपये जमा नहीं किया है। यह समय सीमा 25 नवम्‍बर 2017 को ही समाप्‍त हो चुकी थी, परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी का आवंटन निरस्‍त करने के बाद भी परिवादी को 30 दिन की बजाए लगभग 01 वर्ष 02 माह का समय दिया गया है। अत: परिवादी का यह कथन स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी की गयी है, परिवादी अपने कथनों/साक्ष्‍यों से यह प्रमाणित करने में असफल रहा है। विपक्षीगण का दायित्‍व मात्र इतना बनता है कि परिवादी द्वारा जो धनराशि मुबलिग 6,66,000.00 रूपये फ्लैट के लिये एडवांस के रूप में जमा की गयी है, उसे इस शर्तनामा की शर्त 32 के अनुसार आगणित करते हुए परिवादी को वापस करें। अत: न्‍यायहित में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                             आदेश

     परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है, विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी से एडवांस में ली गयी धनराशि मुबलिग 6,66,000.00 (छह लाख छियासठ हजार रूपया मात्र) शर्तनामा के नियमों के अनुसार आगणित करते हुए अनुमन्‍य धनराशि परिवादी को निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्‍दर वापस करें, अन्‍यथा उसके बाद 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ भुगतेय होगा।

पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

 (कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                        (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ।          

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                                   

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)    (सोनिया सिंह)                         (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य              सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                               लखनऊ

दिनॉंक-30.09.2023

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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