(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
निष्पादन वाद संख्या-06/2019
कुमारी ऋचा सिंह तथा एक अन्य
बनाम
डा0 राजीव कुमार, डायरेक्टर जे.जे. क्लीनिक एण्ड नर्सिंग होम
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
निष्पादनकर्ता की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
निर्णीत ऋणी की ओर से उपस्थित : श्री विजय कुमार यादव।
दिनांक : 28.05.2024
माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
माननीय एनसीडीआरसी द्वारा प्रथम अपील संख्या-2135/2018 में दिए गए निर्णय दिनांक 30.04.2024 की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत की गई, जिसके अनुसार जे.जे. क्लीनिक एण्ड नर्सिंग होम की प्रथम अपील संख्या-2135/2018 स्वीकार की गई और राज्य आयोग के निर्णय/आदेश दिनांक 13.11.2018 को अपास्त किया गया। विपक्षी की ओर से बढ़ोत्तरी के लिए दाखिल प्रथम अपील संख्या-2309/2018 निरस्त की गई। इस प्रकार वर्तमान समय में राज्य आयोग के निर्णय/आदेश को निरस्त किया जा चुका है और अब किसी भी प्रकार की कार्यवाही शेष नहीं रह गई है।
अत: यह निष्पादन वाद निरस्त किया जाता है।
तदनुसार दाखिल दफ्तर किया जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह(
सदस्य सदस्य
दिनांक 28.5.2024
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2
(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
निष्पादन वाद संख्या-21/2012
कुमारी ऋचा सिंह तथा एक अन्य
बनाम
जे.जे. क्लीनिक एण्ड नर्सिंग होम तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
निष्पादनकर्ता की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
निर्णीत ऋणी की ओर से उपस्थित : श्री विजय कुमार यादव।
दिनांक : 28.05.2024
माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
माननीय एनसीडीआरसी द्वारा प्रथम अपील संख्या-2135/2018 में दिए गए निर्णय दिनांक 30.04.2024 की प्रमाणित प्रति प्रस्तुत की गई, जिसके अनुसार जे.जे. क्लीनिक एण्ड नर्सिंग होम की प्रथम अपील संख्या-2135/2018 स्वीकार की गई और राज्य आयोग के निर्णय/आदेश दिनांक 13.11.2018 को अपास्त किया गया। विपक्षी की ओर से दाखिल प्रथम अपील संख्या-2309/2018 निरस्त की गई। इस प्रकार वर्तमान समय में राज्य आयोग के निर्णय/आदेश को निरस्त किया जा चुका है और अब किसी भी प्रकार की कार्यवाही शेष नहीं रह गई है।
अत: यह निष्पादन वाद निरस्त किया जाता है।
तदनुसार दाखिल दफ्तर किया जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह(
सदस्य सदस्य
दिनांक 28.5.2024
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2