Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1247

N I Co - Complainant(s)

Versus

Isslamuddin - Opp.Party(s)

Rajesh Nath & Rehana Khan

29 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/1247
( Date of Filing : 08 Jun 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Isslamuddin
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Nov 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1247/2012

National Insurance Company  Limited

Versus   

Isslamuddin Son of Abdul Rasheed

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: सुश्री रेहाना खान, विद्धान अधिवक्‍ता  

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनां :29.11.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-34/2007, इस्‍लामुद्दीन बनाम दि नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 4.05.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। 

2.         जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए बीमित राशि अंकन 30,000/-रू0 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।

3.          इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील के ज्ञापन में वर्णित तथ्‍यों तथा मौखिक बहस का सार यह है कि परिवादी द्वारा बीमित वाहन सं0 डी0एल0 07 एस0एल0 2874 मोटर साइकिल की चोरी होना दिनांक 26.03.2003 को बताया है, जबकि उनके समक्ष कोई क्‍लेम प्रस्‍तुत नहीं किया गया न ही इस घटना की त्‍वरित रूप से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी और यह परिवाद वर्ष 2007 में प्रस्‍तुत किया गया, जो समयावधि से बाधित है।

4.         जिला उपभोक्‍ता आयोग ने एफ0आई0आर के संबंध में यह कथन किया है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से लिखने के लिए पुलिस उत्‍तरदायी है तथा समयावधि से बाधित होने के बिन्‍दु पर यह निष्‍कर्ष दिया है कि क्‍लेम का निस्‍तारण स्‍वयं बीमा कम्‍पनी ने नहीं किया, परंतु इस बिन्‍दु पर कोई विचार नहीं किया कि यथार्थ में कोई क्‍लेम बीमा कम्‍पनी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया था या नहीं। परिवाद पत्र के अवलोकन से ज्ञात होता है कि पैरा सं0 6 में यह अंकित किया गया कि बीमा कम्‍पनी के समक्ष दावा किया गया, परंतु दावा करने की तिथि वर्ष का कोई उल्‍लेख नहीं है, यह भी उल्‍लेख नहीं है कि दावा किस माध्‍यम से किया गया है, कम्‍पनी के समक्ष दावा प्रस्‍तुत करने का कोई सबूत भी प्रस्‍तुत नहीं किया गया। दावा प्रेषित करने के लिए डाक रसीद तक प्रस्‍तुत नहीं की गयी, न ही जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा इस बिन्‍दु पर कोई विचार किया गया, फिर यह भी कि वाद कारण चोरी की घटना की तिथि को उत्‍पन्‍न हुआ है, यदि बीमा क्‍लेम बीमा कम्‍पनी द्वारा वर्षों तक निस्‍तारित नहीं किया जाता तब इसका तात्‍पर्य यह नहीं है कि जिस दिन चोरी की घटना हुई, उस दिन से वाद कारण प्रारंभ न माना जाए, जबकि प्रस्‍तुत केस में बीमा कम्‍पनी के समक्ष क्‍लेम पेश किये जाने का कोई सबूत मौजूद नहीं है, इसलिए विशुद्ध रूप से यह दावा समयावधि से बाधित है। इसी आधार पर समयावधि से बाधित परिवाद पर पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

           अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

   

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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