Uttar Pradesh

StateCommission

A/1017/2015

Shriram General Insurance Co. Ltd. - Complainant(s)

Versus

Ishaq - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

10 Aug 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1017/2015
( Date of Filing : 28 May 2015 )
(Arisen out of Order Dated 13/04/2015 in Case No. C/128/2011 of District Agra-II)
 
1. Shriram General Insurance Co. Ltd.
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Ishaq
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Aug 2023
Final Order / Judgement

    (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

 

अपील संख्‍या-1017/2015

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या 128/2011 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.04.2015 के विरूद्ध) 

 

श्रीराम जनरल इंश्‍योरेन्‍स कम्‍पनी लिमिटेड, ई-8, ईपीआईपी, आरआईआईसीओ इण्‍डस्ट्रियल एरिया, सीतापुरा जयपुर (राजस्‍थान)-302022 ब्रांच आफिस 16, चिंतल हाउस, स्‍टेशन रोड, लखनऊ द्वारा शाखा प्रबन्‍धक     

अपीलार्थी/विपक्षी     

                                                        

बनाम

ईशाक पुत्र श्री बंदू खॉ निवासी 4ए/7 आजमपाड़ा, शाहगंज, आगरा उत्‍तर प्रदेश                          

                                                प्रत्‍यर्थी/परिवादी                                   

समक्ष:-

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से   :  श्री दिनेश कुमार, विद्वान अधिवक्‍ता।                       

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से  : श्री जफर अजीज, विद्वान अधिवक्‍ता।   

 

दिनांक : 05.09.2023

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

           अपीलार्थी द्वारा यह अपील, अन्‍तर्गत धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 विद्वान जिला आयोग द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या 128/2011 ईशाक बनाम शाखा प्रबन्‍धक, मै0 श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी

 

-2-

लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.04.2015 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है।          

          संक्षेप में अपीलार्थी/विपक्षी का कथन है कि प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश विधि विरूद्ध है, जो मात्र अनुमानों कल्‍पनाओं पर आधारित है।  बीमित वाहन दिनांक 27.09.2010 को चोरी हुआ, जो बीमित अवधि में था। एफ0आई0आर0 24 दिन विलम्‍ब से लिखाई गयी।  बीमा कम्‍पनी को 50 दिन के बाद लिलम्‍ब से सूचना दी गयी अत: ऐसी स्थिति में प्रत्‍यर्थी/परिवादी का दावा खारिज होने योग्‍य है।  वाहन क्रय करते समय दो चाभियॉ दी गयी थी।  अन्‍वेषक की जॉच के समय केवल एक चाभी प्रदान की गयी।  दुर्घटना के समय वाहन में कोई नहीं था, इसलिए वाहन चोरी हुआ। विद्वान जिला फोरम का निर्णय एवं आदेश विधि सम्‍मत नहीं होने के कारण अपास्‍त होने योग्‍य है। अत: माननीय न्‍यायालय से अनुरोध है कि प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाये।

          हमने अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री जफर अजीज को सुना एवं पत्रावाली का सम्‍यक रूप से परिशीलन किया।

         प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अनुसार एक मोटर साइकिल बजाज डिस्‍कवर 135 रजिस्‍ट्रेशन संख्‍या यू0पी0-80/बी एच 5393 दिनांक 03.05.2009 को मै0 शील आटोज प्रा0लि0 आगरा से नकद खरीदी थी जिसकी एवज में 50500/-रू0 का भुगतान किया गया।  उक्‍त वाहन का पुन: बीमा मै0 श्रीराम जनरल इंश्‍योरेंस क0लि0 शाखा कार्यालय 108048 द्वितीय तल, 17/2/4 दीपक वासन प्‍लाजा, संजय प्‍लेस आगरा 282002 रजि0 कार्यालय ई-8 ई.पी.आई.पी. रिको इन्डिस्ट्रियल एरिया, सीतापुरा जयपुर (राजस्‍थान) की पालिसी संख्‍या 108048/31/11/006791 द्वारा दिनांक 05.08.2010 से 04.08.2011 तक की अवधि के लिये बीमित मूल्‍य

 

-3-

40,000/-रू0 के लिये अपीलार्थी/विपक्षी के यहॉं से प्रीमियम 1125/-रू0 देकर बीमित कराया था।  दिनांक 27.09.2010 को उक्‍त वाहन शाम करीब 6 बजे से 6.30 के मध्‍य अज्ञात चोरों ने ताला लगी हुई चोरी कर ली थी।  घटना के संबंध में प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा उसकी सूचना तुरन्‍त ही पुलिस कंट्रोल रूम नम्‍बर 100 को व थाना रकाबगंज आगरा को दी गयी व पुलिस द्वारा घटना स्‍थल का निरीक्षण करने के बाद उसकी तहरीर पर दिनांक 20.10.2010 को समय 10.30 बजे पर मुकदमा अपराध संख्‍या 366/10 एफ आई आर संख्‍या 278/2010 धारा 379 आई0पी0सी0 में दर्ज कर लिया गया, किन्‍तु प्रत्‍यर्थी/परिवादी का उक्‍त वाहन आज तक नहीं मिला। 

        विद्वान जिला फोरम के निर्णय का अवलोकन किया।  विद्वान जिला फोरम ने लिखा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने कन्‍ट्रोल रूम 100 नम्‍बर पर सूचना दे दी, घटना स्‍थल का निरीक्षण करने के बाद एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी।  प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अनुसार चोरी की घटना की सूचना दूसरे दिन बीमा कम्‍पनी के कार्यालय में जाकर लिखित रूप से दी थी, लेकिन विपक्षी के स्‍टाफ द्वारा कहा गया कि जबतक एफ0आई0आर0 की पति प्राप्‍त न हो जाये तब तक उसका दावा दर्ज नहीं किया जायेगा।  अत: एफ0आई0आर0 की प्रति प्राप्‍त प्राप्‍त होने पर पुन: सूचना दी। 

         विद्वान जिला फोरम ने माना कि बीमा कम्‍पनी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के दावे को खारिज कर त्रुटि कारित की।  थाने में एफ0आई0आर0 लिखाया जाना प्रत्‍येक नागरिक को इतना सुगम नहीं है, जितना विशिष्‍ट लोगों के लिए।  प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने 100 नम्‍बर पर सूचना दे दी थी, इस तथ्‍य से इन्‍कार किया जाना उचित नहीं होगा।  प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने बीमा कम्‍पनी के कार्यालय में सूचना दी किन्‍तु उससे कहा गया कि एफ0आई0आर0 की प्रति लाने को कहा, इसलिए

 

-4-

विलम्‍ब हुआ।  विद्वान जिला फोरम ने इन तथ्‍यों पर विचार करते हुए आदेश दिया है।  आदेश विधिसम्‍मत है, इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। तद्नुसार वर्तमान अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

 

आदेश

            अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।

       प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।   

                       

       

        (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

           सदस्‍य                                 सदस्‍य       

      निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्ष‍रित, दिनांकित होकर उदघोषित किया गया।     

           

        (सुशील कुमार)                          (राजेन्‍द्र सिंह)

           सदस्‍य                                 सदस्‍य

दिनांक 05.09.2023

नवी हुसैन आशु0 कोट नं0-2 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

          

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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