Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/204/2013

UDAYBHAN - Complainant(s)

Versus

INVARTER POINT - Opp.Party(s)

VIJAY PRAKASH SRIVASTAVA

30 Jan 2021

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 204 सन् 2013

प्रस्तुति दिनांक 24.12.2013

                                                                                            निर्णय दिनांक 30.01.2021     

उदयभान सिंह उम्र तखo 50 वर्ष पुत्र स्वo राम अवतार सिंह निवासी ग्राम- मड़ैया पोस्ट- पल्हना, परगना- देवगांव, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. इनवर्टर प्वाइंट जरिए श्री संजय उपाध्याय प्रोपराइटर स्थित मौजा लालगंज निकट पुराना अस्पताल परगना- देवगांव, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।
  2. जायसवाल डिस्ट्रीब्यूटर्स निकट दुर्गा जी मंदिर मुo रैदोपुर, परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
  3. प्रबन्धक, ओकाया एनर्जी डी-7 उद्योग नगर, रोहतक रोड नई दिल्ली-110041(इण्डिया)।    
  4.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह ग्रामीण क्षेत्र का निवासी है जहां मात्र 10 से 14 घण्टे बिजली उपलब्ध रहती है तथा रात में कम ही रहती है। बच्चों की शिक्षा की सुविधा के दृष्टिगत परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 से ओकाया कम्पनी द्वारा निर्मित एक बैटरी ओकाया एच.टी.6036, 12 बोल्ट, 150 ए.एच.एस.टी. नं. 67315150826 दिनांक 10.08.2011 को मुo 11500/- में तथा माइक्रोटेक का इनवर्टर मुo 4100/- रुपया दिनांक 10.08.2011 को क्रय किया था तथा विपक्षी संख्या 01 के अधिकृतत मिस्त्री से उसकी सेटिंग अपने आवास पर कराया। बैटरी क्रय करते समय विपक्षी संख्या 01 द्वारा बताया गया कि इनवर्टर के लिए ओकाया बैटरी अच्छी है और उक्त बैटरी फुल चार्ज होने पर 400 वाट भार लेकर 6 घण्टे तक चलेगी तथा कम्पनी उक्त बैटरी की 30 माह तक कु फुल गारण्टी लेगी और खराब होने पर उसे वापस करके नई बैटरी देगी तथा 30 से 36 माह तक बैटरी खराब होने पर बैटरी के रिटेल मूल्य के 20% डिस्काउन्ट पर नई बैटरी देगी। विपक्षी संख्या 01 कथनों और कम्पनी द्वारा दी जाने वाली वारण्टी से प्रभावित होकर परिवादी विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से ओकाया की एक बैटरी व

P.T.O.

 

2

माइक्रोटेक का इनवर्टर क्रय किया। इनवर्टर व बैटरी क्रय करने के बाद विपक्षी संख्या 01 के निर्देश व दी गयी पुस्तिका/निर्देशिका के अनुसार समय समय पर उसकी देखभाल व उसमें बैटरी पानी डाला जाता रहा। उक्त बैटरी क्रय के लगभग एक साल तक ठीक चली लेकिन उसके बाद उसकी क्षमता कम हो गयी और फुल चार्ज होने पर भी 200 वाट भार पर मात्र दो घण्टे चलने लगी जिसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 से किया। विपक्षी संख्या 01 के निर्देश पर उक्त बैटरी व इनवर्टर अपने वाहन से लेकर उनके यहाँ गया जहाँ वे बड़े चार्जर पर लगाकर बैटरी चार्ज किए और उसकी मरम्मत कर के कहा कि बैटरी ठीक हो गयी है और अब सही काम करेगी। विपक्षी संख्या 01 की सलाह पर बैटरी व इनवर्टर अपने खर्च पर घर ले गया और लगा दिया। बैटरी एक माह तक ठीक कार्य की लेकिन उसकी क्षमता धीरे-धीरे कम होती गयी तब विपक्षी संख्या 01 से पुनः उनके मोबाइल पर शिकायत किया तो उनके निर्देश पर पुनः बैटरी उनकी दुकान पर पहुंचाया। जाँच करने के बाद विपक्षी संख्या 01 द्वारा बताया गया कि उक्त बैटरी को आजमगढ़ स्थित ओकाया की एजेन्सी जायसवाल डिस्ट्रीब्यूटर्स रैदोपुर भेजवाना पड़ेगा। उनके निर्देश पर उक्त बैटरी को उक्त एजेन्सी पर भेजा। एक सप्ताह तक बैटरी रखकर उन्होंने जाँच किया व यह कहा कि बैटरी ठीक हो गयी है। इसकी ग्रेविटी को बढ़ा दिया गया है और अब सही काम करेगी। विपक्षी संख्या 02 की सलाह पर उक्त बैटरी को वापस लेकर घर आया और बैटरी लगभग तीन माह तक ठीक काम की और उसके बाद उसकी क्षमता कम होने लगी जिसकी शिकायत पर विपक्षी संख्या 02 के निर्देश पर विपक्षी संख्या 01 याची के घर जाकर बिजली व उसकी वायरिंग चेक किए और संतुष्ट होने पर पुनः बैटरी लेकर लालगंज आए और उसकी मरम्मत/चार्जिंग के बाद यह कहा कि बैटरी ठीक हो गयी है और सही काम करेगी और वापस कर दिए लेकिन बैटरी अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं की। बैटरी के सही काम न करने पर परिवादी उक्त बैटरी लेकर पुनः विपक्षी संख्या 01 की दुकान पर गया तो उन्होंने विपक्षी संख्या 02 से फोन पर बात किया और उनके निर्देश पर बैटरी आजमगढ़ भेजा और कहा कि अब 10 दिन तक जाँच करने के बाद पुनः बैटरी वापस होगी। लगभग 15 दिन तक विपक्षी संख्या 02 अपने यहाँ बैटरी रखकर जाँच व चार्जिंग करते रहे और उनके द्वारा बताया गया कि बैटर की ग्रेविटी ठीक है और अब यह सही ढंग से यानी 400 वाट भार पर 6 घण्टे तक चलेगी किन्तु उक्त बैटरी पुनः अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है और इस समय दो सी.एफ.एल. बल्ब दो घण्टे भी नहीं कार्य कर रहा है। बैटरी द्वारा सही कार्य न करने पर परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 व 02 से कहा कि बैटरी अभी गारण्टी में है और बैटरी बदलकर परिवादी को नई बैटरी दे दीजिए

P.T.O.

 

3

किन्तु वे तैयार नहीं हुए। बैटरी के ठीक काम न करने से यह सिद्ध होता है कि कोई गड़बड़ी की गयी है। अतः उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विपक्षीगण से परिवादी की खराब बैट्री की जगह नई बैटरी अथवा उसका मूल्य मय ब्याज व खर्चा मुकदमा देने का आदेश पारित किया जाए।    

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1 बैटरी को क्रय करने की रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2 इनवर्टर क्रय करने की रसीद की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/3 ओकाया कम्पनी द्वारा दी गई वारण्टी की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।  

विपक्षी संख्या 01 व 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उन्होंने यह कहा है कि परिवादी को यह परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार हासिल नहीं है। उसने गलत आधार पर परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। परिवादी ने परिवाद पत्र के पैरा 01 में स्वयं को पेशे अधिवक्ता होना बताया है। परिवादी के अच्छे सम्बन्ध एवं व्यवहार के कारण परिवादी ने विपक्षी से तीन हजार रुपया उधार लगाकर परिवादी ने इनवर्टर व बैट्री लेकर चले गए। लगभग एक साल तक वकील साहब विपक्षी के दुकान पर नहीं गए और न ही उधार का पैसा दिया। जब विपक्षी ने अपने उधार का पैसा मांगने के लिए आदमी भेजा तो वकील साहब नाराज हो गए और धमकी देने लगे कि तुम्हारी बैटरी ठीक से काम नहीं कर रही है इसलिए तुम्हारा बाकी पैसा नहीं दूंगा। उन्होंने धमकी दिया कि परिवादी दीवानी कचहरी में अधिवक्ता है। तुमको समझा दूंगा कि वकील पैसा मांगना कितना मंहगा पड़ता है। विपक्षी याची के धमकी के डर से तथा कम्पनी द्वारा दी जाने वाली वारण्टी एवं अन्य सुविधा को ध्यान में रखकर बैटरी एवं इनवर्टर की पूर्णतया जाँच करायी गयी। जिसमें होने वाले समस्त खर्च सर्विस सेन्टर एवं विपक्षी द्वारा किया गया। चेक करने के उपरान्त यह पाया गया कि उपभोक्ता की बैटरी सही है। मात्र चार्ज होने के लिए बिजली कम मिलने व बैटरी पूर्ण रूप से चार्ज न होने के कारण बैकअप कम देने लगी थी। जिसे विपक्षी संख्या 01 व 02 ने बैटरी को चार्ज कर दिखाकर दूसरे इनवर्टर में लगाकर खुद सन्तुष्ट होकर तथा उपभोक्ता को सन्तुष्ट कर उसे उसकी बैटरी वापस कर दिया। परिवादी की बैटरी 15 दिन तक दूसरे इनवर्टर में लगाकर चलाया और बैटरी का बैकअप ठीक-ठाक पाया गया। 15 दिन तक विपक्षी द्वारा स्वयं अपने खर्च पर अपनी बैटरी उपभोक्ता की सहूलियत को देखते हुए दिया गया था। उसे वापस लाने के लिए बार-बार उपभोक्ता को सूचना दी जाती रही लेकिन उपभोक्ता द्वारा यह सूचना दिया गया कि उसके माता जी की तबियत खराब है माता जी की तबियत ठीक होते ही बैटरी पहुंचा दूंगा। लेकिन बार-बार फोन करने पर याची बटरी वापस करने

P.T.O.

 

4

से हीला-हवाली करते रहे और मेरी बटरी वापस नहीं किए। तब मजबूर होकर विपक्षी अपनी बैटरी वापस लेने के लिए उपभोक्ता के घर गया लेकिन उदयभान सिंह घर पर नहीं मिले और उनके परिवार वाले बैटरी देने से मना कर दिया गया तथा बार-बार फोन करने पर परिवादी द्वारा विपक्षी का फोन रिसीव नहीं किया गया। उल्टे वाद पत्र के माध्यम से विपक्षीगण को ही हैरान व परेशान किया जा रहा है। जबकि वास्तविकता यह है कि विपक्षी संख्या 01 द्वारा ले जाने ले आने में अपना खर्च किया गया है। जो लगभग तीन हजार रुपया खर्च हुआ। विपक्षी की बैटरी वापस न करना पड़े इसलिए परिवादी ने अच्छे सम्बन्धों को ताक पर रखकर गलत कथनों के आधार पर मुकदमा किया है। विपक्षीगण द्वारा उपभोक्ता को हर तरह की सुविधा प्रदान की गयी जो एक डीलर व डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा उपभोक्ता को प्रदान की जाती है तथा बैटरी की वारंटी व गारंटी की जिम्मेदारी कम्पनी स्वयं निभाती है। विपक्षी संख्या 01 व 02 मात्र माध्यम होते हैं और विपक्षी संख्या 01 व 02 द्वारा किसी भी तरह से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। उपरोक्त के आधार पर परिवाद निरस्त किया जाए।

बहस के समय परिवादी उपस्थित तथा विपक्षी अनुपस्थित। परिवादी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने प्रलेखीय साक्ष्य में बैटरी व इनवर्टर की रसीद दाखिल किया है तथा ओकाया कम्पनी द्वारा दी जाने वाली वारण्टी का भी कागज प्रस्तुत किया है। चूंकि विपक्षी संख्या 03 बैटरी का निर्माता है अतः विपक्षी संख्या 03 का ही उत्तरदायित्व है कि वह बैटरी बदले क्योंकि परिवादी की बैटरी सही ढंग से काम नहीं कर रही है और वह वारण्टी पीरियड में है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है। 

आदेश

    परिवाद- पत्र स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या 03 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी की बैटरी अन्दर तीस दिन में बदलकर उसके जगह परिवादी को नई बैटरी दे।  

 

 

                                                                        गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

                                                       (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

         दिनांक 30.01.2021

                                                  यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

                                            गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                             (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.