Rajasthan

Kota

CC/89/2009

Chaitan prakash - Complainant(s)

Versus

International Tractors ltd. - Opp.Party(s)

R.K.Jain

24 Jun 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर

परिवाद संख्या:- 89/09
01.    चेतन प्रकाश पुत्र प्रभूलाल उम्र 58 वर्ष,
02.    श्रीमती संतोष बाई पुत्री प्रभूलाल 50 वर्ष,
03.    रूकमणी बाई पुत्री प्रभूलाल 55वर्ष  जातियान ब्राहमण सकनाऐ पोलांई कलां पोस्ट     पोलाई तहसील दीगोद जिला कोटा।                  परिवादीगण

                    बनाम
01.    इन्टरनेशनल ट्रेथ्टर्स लिमिटेड, गांव चक्क गुजरा, जालन्धर र ोड, होशियारपुर     (पंजाब)
02.    एस.एस. मोटर्स, एफ-314 आई पी आई ए रोड नम्बर-6 कोटा।  अप्रार्थीगण


    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री आर0के0 जैन, अधिवक्ता, परिवादीगण की ओर से ।
02.    श्री वी के राठौर, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं. 1 की ओर से।
03.    श्री ज्ञान यादव, अधिवक्ता, अप्रार्थी सं  2 की ओर से। 
 

 

            निर्णय             दिनांक 24.06.2015

    परिवादीगण का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसने अप्रार्थी सं.2 को दिनांक 01.03.07 को चार लाख एक हजार दो सो रूपये अदा कर, टेक्टर सं. ए-68429 माॅडल डी आई-740 विद खरीद किया। उक्त टेक्टर खरीद के कुछ दिन बाद डुग-डुग करने लगा। परिवादीगण ने उक्त खराबी की शिकायत अप्रार्थी सं.2 से की तो उसने कहा कि नया-नया टेक्टर है। बाद में ठीक हो जावेगा। कुछ दिनों बाद टेक्टर में उक्त खराबी ठीक नहीं हुई तो परिवादीगण अप्रार्थी सं. 1 के पास गया और शिकायत की उस समय टेक्टर में इंजन डुग-डुग करता, नोजल प्लेंजर खत्म हो चुके थें, जबकि टेक्टर उस समय तक 425 घंटे ही चला। नोजल प्लेंजर पांच वर्ष तक चलता है। अप्रार्थी सं. 2 ने टेक्टर का पूरा इंजन खोल दिया फिर भी उक्त समस्या ठीक नहीं हुई। टेक्टर वांरटी समय में है। अप्रार्थी सं. 2 ने कहा कि नोजल प्लेजर खराब हो चुका है, नई लगानी पडेगी। आप यदि सामान के पैसे दोगे तो बदल देगें नही दोगे तो नहीं बदलेगे। निर्माता कंपनी जैसा कहेगी वैसा करेगे, जब काम हो जावे तो वापस ले जाना। परिवादीगण के टेक्टर को आज तक नहीं सुधारा न वापस किया। परिवादीगण ने अप्रार्थीगण को कानूनी नोटिस भी दिलवाया, परन्तु अप्रार्थीगण ने कोई ध्यान नहीं दिया। अप्रार्थीगण के टेक्टर में निर्माणाकालीन दोष है इसलिये वह ठीक नहीं हो रहा है। अप्रार्थीगण ने परिवादीगण के टेक्टर की मरम्मत न कर उनकी सेवा में कमी बरती है। परिवादीगण को अप्रार्थीगण से हर्जा खर्चा, टेक्टर की कीमती या नया टेक्टर दिलवाया जावे।, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।  

    अप्रार्थी सं.1 ने परिवादीगण के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि टेक्टर के प्रयोग से पार्ट्स डेमेज होने की जिम्मेदारी उसकी नहीं है। टेक्टर लोन पर लेने व उसका लोन चुकाने की जिम्मेदारी परिवादीगण की है। परिवादीगण के टेक्टर में कोई खराबी नहीं है,परिवादीगण के टेक्टर की वारंटी या गांरटी एक वर्ष या 1000 घंटे की थी, जो निकल चुकी है। परिवादीगण को चाहिये की उन के टेक्टर में जो भी खराब पार्ट हो उसका भुगतान करे। परिवादीगण ने किसी मेकेनिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट पेश कर उनके द्वारा बताई गई खराबी की पुष्टि नहीं करवाई है इसलिये यह नही माना जा सकता कि परिवादीगण के टेक्टर में उनके द्वारा बताई गई खराबी निर्माकालीन है। अप्रार्थी सं. 1 ने अच्छे गुणवत्ता वाले टेक्टर बनाता है और उसे आई एस ओ 9001 और 1401अप्रार्थी सम्मन प्राप्त किया हुआ है। परिवादीगण का टेक्टर वारंटी बाहर है। अप्रार्थी सं. 1 ने परिवादीगण की सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादीगण का परिवाद व्यय खारिज किया जावे।     


अप्रार्थीसं. 2 ने परिवादीगण के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि टेक्टर के प्रयोग से पार्ट्स डेमेज होने की जिम्मेदारी उसकी नहीं है। टेक्टर लोन पर लेने व उसका लोन चुकाने की जिम्मेदारी परिवादीगण की है। अप्रार्थी सं. 2 ने परिवादीगण की सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादीगण का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे। 
  

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    आया परिवादीगण अप्रार्थीगण के उपभोक्ता है ?

    परिवादीगण के परिवाद, शपथ-पत्र, अप्रार्थीगण के जवाब से परिवादीगण, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है। 
02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुनने, पत्रावली में उपलब्ध रेकार्ड का अध्य्यन अवलोकन करने एवं अप्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्तों का ससम्मान अध्य्यन अवलोकन करने से यह स्पष्ट है कि परिवादीगण ने उनका टेक्टर नं0 टेक्टर सं. ए-68429 माॅडल डी आई-740 विद खरीदा, इससे आगे उभय पक्षों में विरोधाभास है। जहाॅ परिवादीगण का तर्क है कि वारंटी समय में ही टेक्टर में डुग-2 करने की आवाज आना तथा नेाजल प्लेंजर खराब  होने के कारण, टेक्टर में निर्माणाकालीन दोष है और निर्माणाकालीन दोष के लिये अप्रार्थी सं.1 व उसका अधिकृत डीलर अप्रार्थी सं. 2 दोनो ही जिम्मेदार है। दूसरी तरफ अप्रार्थीगण का कहना है कि परिवादीगण के टेक्टर में यदि कोई निर्माणकालीन दोष था तो उसे मेकेनिकल रिर्पोट पेश करना चाहिये था और उस रिपोर्ट के द्वारा यह साबित करना चाहिये था कि आया विवादित टेक्टर में क्या निर्माणाकालीन दोष है? टेक्टर का निर्माण विश्व प्रसिद्ध कंपनी द्वारा किया गया है और निर्धारति मापंदंड के अनुसार किया जाता है। टेक्टर में कोई निर्माणाकालीन दोष नहीं है वह चालू हालत में है। 

    अप्रार्थीगण का यह तर्क मानने योग्य है कि परिवादीगण द्वारा लगाया गया आरोप कि टेक्टर में निर्माणाकालीन दोष है, इस बिन्दु को साबित करने का भार परिवादीगण पर है। परन्तु परिवादीगण ने इस बिन्दु को साबित करने के लिये न तो मेकेनिकल रिपोर्ट पेश की है और ना ही निर्माणाकालीन दोष के संदर्भ में किसी का शपथ पत्र पेश किया है। ऐसी स्थिति में परिवादीगण, टेक्टर में निर्माणाकालीन दोष होने के तथ्य को साबित करने में सफल नहीं रहे है। इस बिन्दु को अप्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त 01. 2009 (3) सी पी सी 681, 02. 2011 (2) सी एल टी 273, 03. 2012 (3) सी एल टी 218, 04. 2013 (3)सी एल टी 38  से इस बिन्दु पर  वर्तमान प्रकरण में प्रकाश प्राप्त होता है। 

    दूसरा तर्क परिवादीगण का यह है कि टेक्टर में डुग-2 की आवाज आ रही थी। नोजल प्लेंजर खराब थे, इसलिये भी अप्रार्थी सं. 2 के पास गया और उसके टेक्टर को खोलकर रख दिया और पार्ट्स बदलने के लिये कहता है कि पाटर््स बदलने के लिये पैसे लगेगे। यदि पाटर््स के पैसे दे दोगे तो पाटर््स बदल देगे और टेक्टर भी अप्रार्थी सं.2 के पास ही खडा है, इस बिन्दु पर अप्रार्थीगण मौन है ना तो यह कहते है कि टेक्टर हमारे पास है और ना यह कह रहे है कि हमारा टेक्टर ठीक कर दिया और उन्हे सूचित कर दिया कि टेक्टर वापस ले जाओ। निर्माणाकालीन दोष क लिये अप्रार्थीगण दायित्वधीन नहीं है। परन्तु परिवादीगण का टेक्टर उनके पास खडा है, उसको ठीक करने के बाद परिवादीगण को सूचित करने का दायित्व तो उनका ही है। यदि टेक्टर ठीक है और परिवादीगण नहीं ले जा रहे है तो अप्रार्थीगण ने इस संबंध में क्या प्रयास किया, ऐसा कोई प्रमाण पत्रावली में उपलब्ध नहीं है। विद्वान अभिभाषक अप्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त से इस बिन्दु पर कोई प्रकाश प्राप्त नहीं होता है कि निर्माणाकालीन दोष नहीं हुआ है तो माईनर डिफेक्ट को सुधारा जा सकता है, लेकिन अप्रार्थीगण ने टेक्टर को सुधार कर परिवादीगण को देने का प्रस्ताव किया हो ऐसा भी  कोई प्रमाण नहीं है, इस प्रकार टेक्टर को अपने पास रखना उसका कारण परिवादीगण को नही बताना यह स्पष्ट रूप से अप्रार्थीगण का सेवादोष है। रही बात टेक्टर के गांरटी या वारंटी समय की, इस बिन्दु पर परिवादीगण कहते है कि टेक्टर गांरटी/ वारंटी समय में है। अप्रार्थीगण ने टेक्टर की गांरटी/ वारंटी के संबंध में अपने जवाब में कहा है कि टेक्टर के लिये एक वर्ष या 1000 घंटे तक चलने की थी, इसमें  जो पहले हो। परिवादी ने अपने परिवाद में अंकित किया है कि टेक्टर केवल 425 घंटे ही चला है। इस तर्क का खंडन अप्रार्थीगण ने नहीं किया है, इसलिये यह माना जायेगा कि वारंटी का समय 1000/- घंटे के अन्दर का ही था जो परिवादीगण के कहेअनुसार 425 घंटे ही चला है इसका खंडन अप्रार्थीगण ने नहीं किया है इसलिये टेक्टर की खराबी वारंटी समय की ही साबित है। 
    परिणामतः अप्रार्थीगण का इस बिन्दु पर सेवादोष यथाविधि प्रमाणित है।     
03.    अनुतोष ?

    परिवादीगण का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ संयुक्ततः अथवा पृथकतः आंशिक रूप से स्वीकार  किये जाने योग्य है। 
                  आदेश 

     परिवादीगण  का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ संयुक्ततः अथवा पृथकतः  आंश्किा रूप से स्वीकार किया जाता है कि:- 

01.    अप्रार्थी सं. 2, परिवादीगण के टेक्टर को परिवाद में अंकित खराबियों को ठीक कर     सूचित करे और वारंटी समय के अनुसार उसके पाटर््स का पैसा नही लेकर ,     टेक्टर को  परिवादीगण को सुपुर्द करे। 

02.    अप्रार्थीगण, परिवादीगण को 5,000/- रूपये ,अक्षरे पांच हजार रूपये मानसिक     क्षति के, 2,000/- रूपये, अक्षरे दो हजार रूपये परिवाद खर्च के अदा करे।      

03.    अप्रार्थीगण आदेश की पालना निर्णय की दिनांक से दो माह के अंदर करे।

     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 24.06.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।


   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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