राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-१६३९/२०१४
(जिला मंच, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0-१५/२०१४ में पारित आदेश दिनांक २१-०७-२०१४ के विरूद्ध)
विवेक श्रीवास्तव पुत्र श्री सुशील चन्द्र श्रीवास्तव निवासी मं0नं0 १४१, मुंशीगंज निकट पुरानी टंकी, पोस्ट पुखना, सीतापुर, जनपद-सीतापुर।
..................... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम्
१. इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस, प्रथम तल निकट ओडियन सिनेमा, कैण्ट रोड, लखनऊ द्वारा निदेशक सईद अहमद।
२. इलाहाबाद एग्रीकल्चर्स इन्स्टीट्यूट डीम्ड विश्वविद्यालय, नैनी, जनपद-इलाहाबाद (उ0प्र0)।
...................... प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१- मा0 श्री महेश चन्द, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री अभिषेक श्रीवास्तव विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण की ओर से उपस्थित :- श्री श्रीकान्त शुक्ला विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : २०-०४-२०१८.
मा0 श्री महेश चन्द, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0-१५/२०१४ में पारित आदेश दिनांक २१-०७-२०१४ के विरूद्ध योजित की गयी है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अभिषेक श्रीवास्तव तथा प्रत्यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री श्रीकान्त शुक्ला उपस्थित हैं। उभय पक्ष के तर्क सुने गये। पत्रावली का परिशीलन किया गया।
पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि परिवादी की अनुपस्थिति के कारण प्रश्नगत परिवाद जिला मंच द्वारा प्रश्नगत आदेश दिनांकित २१-०७-२०१४ द्वारा निरस्त कर दिया गया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रत्यर्थी इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस द्वारा पैरा मेडिकल साइंसेज विषय में बिना उत्तर प्रदेश शासन से मान्यता प्राप्त किए छात्रों को विद्यालय में प्रवेश दिया और उन्हें डिग्री निर्गत कर दी जिससे कहीं भी
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रोजगार प्राप्त नहीं हुआ और उनके कई वर्ष का समय तथा धनराशि व्यर्थ गई। प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह प्रकरण उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से आच्छादित न होने के कारण चलने योग्य नहीं है।
सम्यक विचारोपरान्त यह पीठ इस मत की है कि अपीलार्थी ने प्रत्यर्थी को फीस का भुगतान किया है तथा उसका उसको समुचित प्रतिफल नहीं प्राप्त हुआ, अत: वह उपभोक्ता की श्रेणी में आतात है तथा यह उपभोक्ता मंच में चलने योग्य है। चूँकि प्रश्नगत प्रकरण को गुणदोष के आधार पर निर्णीत किया जाना आवश्यक है अत: न्यायहित में यह आवश्यक होगा कि यह प्रकरण जिला मंच को गुणदोष के आधार पर निस्तारण हेतु प्रेतिप्रेषित किया जाय। तद्नुसार जिला मंच का प्रश्नगत आदेश अपास्त करते हुए अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच, सीतापुर द्वारा परिवाद सं0-१५/२०१४ में पारित आदेश दिनांक २१-०७-२०१४ अपास्त करते हुए प्रकरण जिला मंच, सीतापुर को निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्तारण गुणदोष के आधार पर ०६ माह के अन्दर किया जाना सुनिश्चित करें।
अपीलीय व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(महेश चन्द)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-५.