(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-692/2011
अक्षय ढींगरा पुत्र श्री अशोक कुमार ढींगरा
बनाम
मैसर्सइन्डस्ट्रीयल डबलपमेंट बैंक आफ इण्डिया (आई0डी0बी0आई0) व अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अरूण टण्डन, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री चेतन भार्गव, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :06.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद सं0-145/2009, श्री अक्षय ढींगरा बनाम मै0 इन्डट्रीयल डवलपमेंट बैंक आफ इंडिया व अन्य मे विद्धान जिला आयोग, (द्वितीय) मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.02.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी के बॉण्ड राशि पर 3.5 प्रतिशत ब्याज अदा करने का आदेश पारित किया है।
- निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी द्वारा वर्ष 1996 में अंकन 5,300/-रू0 के बाण्ड क्रय किये गये थे। इसके पश्चात वर्ष 2000 में इस योजना को बन्द कर दिया गया, जिसकी सूचना दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशन के माध्यम से सभी उपभोक्ताओं को सूचित कर दिया गया, परंतु परिवादी द्वारा तत्समय देय राशि अंकन 10,000/-रू0 प्राप्त नहीं किये गये। इसी आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग ने 3.5 प्रतिशत ब्याज के साथ यह राशि अदा करने के लिए आदेशित किया है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि उन्हें कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी, इसलिए 10,000/-रू0 की राशि पर उपयोग बैंक द्वारा किया जा रहा है। चूंकि दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशन आम जनता को नोटिस के रूप में मान्यता प्राप्त है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि परिवादी को सूचना प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए 10,000/-रू0 लौटाने का आदेश विधिसम्मत है, यद्यपि ब्याज 3.5 की दर से अधिरोपित किया गया है, जिसे 5 प्रतिशत की दर से अदा करने हेतु आदेशित किया जाना चाहिए था।
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अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में ब्याज की देयता 3.5 प्रतिशत के स्थान पर 05 प्रतिशत की दर से देय होगी। शेष निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2