//जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,बिलासपुर छ.ग.//
प्रकरण क्रमांक cc/143/2013
प्रस्तुति दिनांक 05/09/2013
वाय.जी.नंदेश्वर पिता स्व. जी.डी.नंदेश्वर
निवासी भारतीय नगर बिलासपुर,
थाना सिविल लाईन, बिलासपुर,
तह. व जिला बिलासपुर छ.ग. ......आवेदक/परिवादी
विरूद्ध
इंडिस्ट्रीयल एसोसियेट द्वारा प्रो.मुकेश एम. पमनानी
राजा होटल के सामने टेलीफोन एक्सचेंज रोड बिलासपुर,
तह. व जिला बिलासपुर छ.ग. .........अनावेदक/विरोधीपक्षकार
आदेश
(आज दिनांक 27/03/2015 को पारित)
१. आवेदक वाय.जे.नंदेश्वर ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदक से क्रय किए गए ग्राइंडर एवं डेमोनीटेसन हमर की कीमत 13,750/रू को ब्याज के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक दिनांक 06/05/2013 को अनावेदक के दुकान से एक ग्राइंडर एवं डेमोनीटेसन हमर 13,750/रू में क्रय किया था, जिस पर उसे 6 माह की वारंटी दी गई थी, किंतु उक्त सामान एक माह के भीतर ही खराब हो गया । अनावेदक, आवेदक के बार—बार निवेदन करने पर भी न तो उक्त सामान को सुधार कर दिया और न ही बदलकर दिया, जबकि वह गारंटी अवधि में सामान को मरम्मत कर अथवा उसे बदलकर नया सामान देने के लिए बाध्य था, फलस्वरूप उसने अनावेदक के इस सेवा में कमी के लिए उसके विरूद्ध यह परिवाद पेश करते हुए वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया है ।
3. अनावेदक की ओर से जवाब पेश कर आवेदक द्वारा प्रश्नाधीन सामान क्रय किए जाने की बात तो स्वीकार किया गया। साथ ही यह भी स्वीकार किया गया कि उन सामानों पर उसके द्वारा 6 माह की गारंटी प्रदान की गई थी, किंतु उसने परिवाद का विरोध इस आधार पर किया है कि आवेदक द्वारा ग्राइंडर को खुली अवस्था में बिना गारंटी कार्ड के मरम्मत हेतु लाया गया था, जिसके कारण बिगडे हुए ग्राइंडर की मरम्मत करना संभव नहीं था तथा जिसके लिए स्वयं आवेदक जवाबदार रहा। आगे उसने विकल्प में आवेदक के बिगडे हुए ग्राइंडर के रिपेयरिंग हेतु तैयार होना भी कहा । साथ ही कथन किया कि डेमोनीटेसन हमर में कोई खराबी नहीं थी, फलस्वरूप आवेदक उसके संबंध में कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । फलस्वप उसके द्वारा आवेदक के परिवाद को निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है ।
4. उभय पक्ष अधिवक्ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।
5. देखना यह है कि क्या आवेदक, अनावेदक से वांछित अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है
सकारण निष्कर्ष
6. इस संबंध में कोई विवाद नहीं है कि आवेदक दिनांक 06/05/2013 को अनावेदक के दुकान से एक ग्राइंडर एवं डेमोनीटेसन हमर 13,750/रू में क्रय किया था, जिस पर अनावेदक द्वारा 6 माह की गारंटी दी गई थी ।
7. आवेदक का कथन है कि, उसके द्वारा क्रय किये गये सामान क्रय दिनांक के एक माह के भीतर ही खराब हो गया, जिसके संबंध में वह अनावेदक की दुकान में बार-बार चक्कर लगाया, किंतु अनावेदक न तो उन सामानों को बनाकर दिया और न ही बदले में दूसरा सामान दिया और इस प्रकार उसके द्वारा सेवा में कमी की गई । फलस्वरूप उसने यह परिवाद पेश करना बताया है ।
8. इसके विपरीत अनावेदक का कथन है कि उसके द्वारा आवेदक को बिक्री किए गए डेमोनीटेसन हमर में कोई खराबी नहीं थी, फलस्वरूप आवेदक उसके संबंध में कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । आगे कहा गया है कि आवेदक द्वारा बिगडे हुए ग्राइंडर को खुली अवस्था में बिना गारंटी कार्ड के मरम्मत हेतु लाया गया था, जिसके कारण ग्राइंडर की मरम्मत करना संभव नहीं था। आगे उसने उक्त ग्राइंडर का मरम्मत के लिए तैयार होना भी प्रकट किया और इस आधार पर उसने आवेदक के परिवाद को निरस्त किए जाने का निवेदन किया ।
9. अनावेदक के अनुसार आवेदक उसके पास बिगडी हुई ग्राइंडर को दिनांक 03/08/2013 को पहली बार 2 माह 27 दिन बाद लाया था, फलस्वरूप यह स्पष्ट होता है कि आवेदक द्वारा उक्त ग्राइंडर की मरम्मत कहीं और कराया गया था, जो गारंटी कार्ड के विपरीत था और इस प्रकार उसने गारंटी अवधि में अपनी मरम्मत की जिम्मेदारी से इंकार किया है, किंतु अनावेदक अपने इस कथन के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है, जिससे कि दर्शित हो कि आवेदक उसके पास बिगडे हुए ग्राइंडर को खुली अवस्था में लेकर आया था, जबकि अनावेदक अपने नोटिस के जवाब दिनांक 29/08/2013 में इस बात का उल्लेख किया है कि जब आवेदक ग्राइंडर को उसके पास मरम्मत हेतु दिनांक 03/08/2013 को लाया तो उसने जॉब कार्ड पर हस्ताक्षर किया था, किंतु अनावेदक द्वारा ऐसा कोई जॉब कार्ड भी अपने पक्ष समर्थन में पेश नहीं किया गया है, फलस्वरूप अनावेदक का यह कथन सही प्रतीत नहीं होता कि आवेदक वारंटी अवधि में बिगडे हुए ग्राइंडर को खुली अवस्था में लेकर आया था ।
10. उपरोक्त कारणों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि अनावेदक द्वारा गारंटी अवधि में आवेदक को उचित सेवा प्रदान न कर सेवा में कमी की गई है। अत: हम आवेदक के पक्ष में अनावेदक के विरूद्ध निम्न आदेश पारित करते हैं :-
अ. अनावेदक, आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर आवेदक की मशीन को उसकी संतुष्टि के अनुसार सुधार कर प्रदान करेगा और यदि ऐसा संभव न हो तो उनकी क्रय राशि 13,750/- रू.(तेरह हजार सात सौ पचास रू.) वापस करेगा ।
ब. अनावेदक, आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/- रू.(पाच हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।
स. अनावेदक, आवेदक को वादव्यय के रूप में 1,000/- रू.(एक हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।
(अशोक कुमार पाठक) (प्रमोद वर्मा)
अध्यक्ष सदस्य