(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 2985/2001
Diamond cement (Prop. Maisoor cements) through Shri R.S. shekhawat Manager (Legal) Diamond cement Jhansi.
………Appellant
Versus
Industrial supply and agency cement private limited Lalitpur road industrial area Bijauli District Jhansi presently 4-C white house IVth story 119 park street Calcutta through its Manager Industrial supply and agency company private Ltd.
……….Respondent
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री टी0एच0 नकवी,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक:- 17.02.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 81/2000 डायमंड सीमेंट (प्रो0 मंसूर सीमेंट) बनाम इंडस्ट्रियल सप्लाई एण्ड एजेन्सी कम्पनी, लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दि0 13.11.2001 के विरूद्ध स्वयं परिवादी डायमण्ड सीमेंट द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत यह अपील प्रस्तुत की गई है। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश द्वारा अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद खारिज कर दिया गया है।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी ने प्रत्यर्थी/विपक्षी के यहां अंकन 8,000/-रू0 सिक्योरिटी जमा की थी और अपने सीमेंट प्लांट में गैस सप्लाई का अनुबंध निष्पादित किया था।
3. प्रत्यर्थी/विपक्षी जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ, इसलिए केवल परिवाद पर विचार करते हुए यह निष्कर्ष दिया गया कि परिवाद समयावधि से बाधित है और व्यापारिक प्रकृति का है। इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि यह आदेश विधि विरुद्ध है। सिक्योरिटी जमा करने के पश्चात भी प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा गैस की आपूर्ति नहीं की गई और अपीलार्थी/परिवादी के परिवाद का कोई उत्तर भी नहीं दिया गया।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री टी0एच0 नकवी को सुना गया। परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों एवं निर्णय का अवलोकन किया गया, जिससे स्पष्ट है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा व्यापारिक व्यवसाय के अंतर्गत सिक्योरिटी जमा की गई है, इसलिए परिवाद व्यापारिक प्रकृति का है। अपीलार्थी/परिवादी अपने धन की वसूली के लिए सक्षम न्यायालय के समक्ष चाराजोई कर सकता है। अत: अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
5. अपील खारिज की जाती है।
6. अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 2