Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/65/2016

MUKESH LAL SRIVASTAVA - Complainant(s)

Versus

indusind MARKETING FINANCE - Opp.Party(s)

MANOJ KUMAR SRIVASTAVA

07 May 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 65 सन् 2016

      प्रस्तुति दिनांक 12.04.2016

                                      निर्णय दिनांक 07/05/2019

मुकेश लाल श्रीवास्तव पुत्र हरिकेश्वर लाल श्रीवास्तव साoमौo- हीरापट्टी, तहसील- सदर, जनपद- आजमगढ़।

............................................................................................परिवादी।

 

बनाम

  1. इन्ड्सइन्ड बैंक मार्केटिंग एण्ड फायनेन्सियल सर्विसेज बजरिए शाखा- प्रबन्धक फायनेन्स, 109, सिविल लाइन्स आजमगढ़। विहाइन्ड नोकिया शो रूम आजमगढ़ 276001 (उत्तर प्रदेश)
  2. इन्डसइन्ड बैंक कन्ज्यूमर फायनेन्स डिविजन बजरिए मुख्य प्रबन्धक औलड नम्बर 115,116, न्यू नम्बर 34 जीoएनo चेट्टी रोड टी नगर चेन्नई 600017 (इण्डिया)

.........................................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी द्वारा दिनांक 14.07.2014 को दो पहिया वाहन फायनेन्स किया गया था और उससे 28,500/- रुपये का भुगतान किया गया। शेष रकम का भुगतान किश्तों में किया गया। याची का लोन पूरा होने पर विपक्षी ने नोड्यूज प्रमाणपत्र की मांग किया गया तो उन्होंने कहा कि कम्पनी को सूचना दी गयी थी। जल्द ही नोड्यूज प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया जाएगा। लेकिन उसे आज तक नोड्यूज प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है। अतः याची को नोड्यूज प्रमाणपत्र विपक्षी से दिलवाया जाए व उसे आर्थिक व मानसिक कष्ट के ले 50,000/- रुपये मय 12% वार्षिक ब्याज की दर से दिलवाया जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।                                                                                                      P.T.O.

2

प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 6/1 इन्ड्सइन्ड बैंक द्वारा जारी दिए गए सेड्यूल तथा कागज संख्या 6/3 आर.सी. प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी ने अपने जवाबदावा में यह कहा है कि वास्तविकता यह है कि परिवादी का अदेय प्रमाणपत्र लोन की धनराशि भुगतान हो जाने के बाद बैंक शाखा आजमगढ़ में आ गया था, जिसकी सूचना परिवादी को दे दी गयी थी। लेकिन वह नोड्यूज प्रमाणपत्र लेने बैंक में नहीं आया। विपक्षी द्वारा नोड्यूज प्रमाणपत्र की छायाप्रति भी पत्रावली में प्रस्तुत की गयी है और विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया कि परिवादी कभी भी बैंक जाकर अपना नोड्यूज प्रमाणपत्र ले सकता है। इस प्रकार परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।

आदेश

परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा परिवादी को आदेशित किया जाता है कि वह बैंक में उपलब्ध अपना नोड्यूज प्रमाणपत्र बैंक में जाकर अन्दर 30 दिन में प्राप्त कर लें।

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                       (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                        दिनांक 07/05/2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

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