Uttar Pradesh

StateCommission

A/1251/2015

Mohd. Arshad - Complainant(s)

Versus

Indusind Bank - Opp.Party(s)

S.k. Srivastava

11 Sep 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1251/2015
(Arisen out of Order Dated 03/06/2013 in Case No. C/314/2009 of District Bareilly-II)
 
1. Mohd. Arshad
Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Indusind Bank
Bareilly
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।                                                                             

                                                       मौखिक

अपील सं0-१२५१/२०१५

(जिला मंच (द्वितीय), बरेली द्वारा परिवाद सं0-३१४/२००९ में पारित आदेश दिनांक ०३-०६-२०१३ के विरूद्ध)

मोहम्‍मद अर्शद पुत्र मोहम्‍मद आरिफ निवासी ग्राम ढकिया, तहसील बहेड़ी, जिला बरेली।

                                               .............  अपीलार्थी/परिवादी।

बनाम

१. ब्रान्‍च मैनेजर, इण्‍डसइण्‍ड बैंक लि0, ब्रान्‍च तिकलापुर रोड, निकट अयूब खॉंन चौराहा थाना कोतवाली जिला बरेली।

२. चीफ मैनेजर इण्‍डसइण्‍ड बैंक लि0, रजिस्‍टर्ड कार्यालय २४०१ जनरल धिमाया रोड (कैण्‍टूनमेण्‍ट) पुण्‍ो।

                                             ............. प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

दिनांक :- २६-०२-२०१६.

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

आज यह पत्रावली प्रस्‍तुत हुई। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0के0 श्रीवास्‍तव उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, किन्‍तु उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: अधिवक्‍ता अपीलार्थी के तर्क सुने एवं अभिलेख का अवलोकन किया।

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच (द्वितीय), बरेली द्वारा परिवाद सं0-३१४/२००९ में पारित आदेश दिनांक ०३-०६-२०१३ के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके अन्‍तर्गत जिला मंच द्वारा परिवादी का परिवाद अदम पैरवी में खारिज किया गया है।

      जिला मंच के प्रश्‍नगत आदेश दिनांक ०३-०६-२०१३ के अवलोकन से यह विदित होता है कि सुनवाई की तिथि ०३-०६-२०१३ को जिला मंच के समक्ष परिवादी जिला मंच के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अत: परिवाद, परिवादी की अनुपस्थिति एवं अभियोजन के अभाव में खारिज कर दिया गया।

      तदोपरान्‍त परिवादी की ओर से उपरोक्‍त आदेश को अपास्‍त करते हुए परिवाद को

 

-२-

मूल नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करने हेतु जिला मंच में प्रकीर्ण वाद सं0-१०७/२०१४ दाखिल किया गया, जिसे जिला मंच द्वारा आदेश दिनांक २८-०४-२०१५ के द्वारा निरस्‍त कर दिया गया।

      उपरोक्‍त आदेशों से क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा यह अपील, दिनांक  २२-०६-२०१५ को विलम्‍ब से योजित की गयी। अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब को क्षमा किए जाने हेतु अपीलार्थी की ओर से प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। इस प्रार्थना पत्र में किए गये अभिकथनों के समर्थन में अपना शपथ पत्र भी प्रस्‍तुत किया है। अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब का सन्‍तोषजनक स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत किया गया है। अत: अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब को हम क्षमा किया जाना उपयुक्‍त पाते हैं। तद्नुसार अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब को क्षमा किया जाता है।  

      जहॉं तक सुनवाई की तिथि को परिवादी  की उपस्थिति का प्रश्‍न है, इस सन्‍दर्भ में उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम १९८६ की धारा-१३ (२) (ग) में यह प्राविधान दिया गया है कि –

      ‘’ जहॉं परिवादी जिला मंच के समक्ष सुनवाई की तारीख की उपसंजात होने में असफल होता है, तो जिला मंच या तो परिवाद को व्‍यतिक्रम के कारण खारिज कर सकेगा या उसे गुणावगुण के आधार पर तय कर सकेगा। ‘’

      अपीलार्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि परिवादी ने विपक्षी से अनुबंध दिनांक ३१-१०-२००४ के तहत ९,२५,०००/- रू० ०३ वर्ष ०५ माह की अवधि हेतु ऋण लेकर ट्रक क्रय किया। ऋण की धनराशि दिनांक ०१-०४-२००८ तक वापस अदा करनी थी। किन्‍तु कुछ समय बाद परिवादी बीमार हो गया जिसके कारण परिवादी का ट्रान्‍सपोर्ट का कारोबार बन्‍द हो गया। स्‍वास्‍थ्‍य ठीक होने पर परिवादी ने पुन: अपना कारोबार प्रारम्‍भ किया। परिवादी का ट्रक उत्‍तराखण्‍ड से गिट्टी लेकर जब पीलीभीत जा रहा था तब दिनांक ३१-१२-२००७ को गुण्‍डागर्दी के बल पर ट्रक जबरदस्‍ती विपक्षी ने अपने कब्‍जे में ले लिया। दिनांक ०७-०८-२००८ को विपक्षीगण को नोटिस भी दिया, किन्‍तु ट्रक वापस नहीं दिया। दिनांक ११-०९-२००९ को विपक्षी सं0-१ ने परिवादी को बताया कि ट्रक ६,२५,०००/- रू० में बेच दिया है। विपक्षीगण के इसी कृत्‍य को सेवा में

 

-३-

कमी मानते हुए अपीलार्थी/परिवादी द्वारा पदिवाद योजित किया, जिसे जिला मंच द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति के कारण निरस्‍त कर दिया गया। अपलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह प्रार्थना की कि मामले के तथ्‍य एवं परिस्थितियों को देखते हुए परिवाद को गुणदोष पर निस्‍तारण के लिए जिला मंच को प्रकरण प्रतिप्रेषित कर दिया जाय। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से अपील के विरूद्ध  कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गयी। ऐसी स्थिति में अपीलार्थी/परिवादी को अपने परिवाद के सम्‍बन्‍ध में अपना साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने हेतु एक अवसर दिया जाना हमारे विचार से न्‍यायोचित होगा। 

अस्‍तु, मामले के उपरोक्‍त तथ्‍यों, विधिक प्राविधान के आलोक में हम इस अपील को स्‍वीकार करते हुए प्रश्‍नगत आदेश को अपास्‍त किया जाना न्‍यायोचित पाते हैं और इस मामले को जिला मंच के समक्ष इस आशय से प्रतिप्रेषित किया जाना उपयुक्‍त पाते हैं कि जिला मंच दोनों पक्षों को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का पर्याप्‍त अवसर देते हुए गुणदोष के आधार पर परिवाद को निस्‍तारित किया जाना सुनिश्चित करें।

आदेश

      अपील उपरोक्‍त स्‍वीकार की करते हुए जिला मंच (द्वितीय), बरेली द्वारा परिवाद सं0-३१४/२००९ में पारित आदेश दिनांक ०३-०६-२०१३ अपास्‍त किया जाता है और यह मामला जिला मंच (द्वितीय), बरेली को प्रतिप्रेषित करते हुए निर्देश दिया जाता है कि जिला मंच प्रश्‍नगत परिवाद को अपने मूल नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करते हुए विधि अनुसार उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर देते हुए परिवाद को गुणदोष के आधार पर निस्‍तारित किया जाना सुनिश्चित करें। अपीलार्थी/परिवादी को निर्देश दिया जाता है कि वह जिला मंच के समक्ष दिनांक १२-०४-२०१६ को उपस्थित होकर प्रश्‍नगत परिवाद में अपना पक्ष प्रस्‍तुत किया जाना सुनिश्चित करे।

   

                                   (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                 पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                (राज कमल गुप्‍ता)

                                                    सदस्‍य

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड १,

कोर्ट नं०-५.  

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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