राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1681/2016
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद संख्या 394/2011 में पारित आदेश दिनांक 26.10.2015 के विरूद्ध)
हिम्मत सिंह चाहर पुत्र श्री कुँवरजीत सिंह, निवासी- ग्राम व पोस्ट-वसेरी चाहर, जिला-आगरा ...................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
इण्डसइन्ड बैंक, संजय प्लेस, नगर व जिला आगरा द्वारा शाखा प्रबन्धक। ................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 25-10-2016
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-394/2011 हिम्मत सिंह चाहर बनाम प्रबन्धक, इन्डसइन्ड बैंक लि0 में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, आगरा द्वारा पारित आदेश दिनांक 26.10.2015 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त परिवाद के परिवादी हिम्मत सिंह चाहर की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त परिवाद अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति में निरस्त कर दिया है, जबकि निश्चित तिथि पर विपक्षी उपस्थित रहा है।
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अपीलार्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से नोटिस का तामीला पर्याप्त होने के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 26.10.2015 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने का पर्याप्त कारण दर्शित किया है। चूँकि विपक्षी उक्त तिथि पर मौजूद रहा है, अत: उसे हर्जा दिया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: हम इस मत के हैं कि अपील स्वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 26.10.2015 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्त किया जाए और यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाए कि वह उपरोक्त हर्जा निश्चित तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और तदोपरान्त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार करे।
आदेश
वर्तमान अपील स्वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 26.10.2015 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि वह उपरोक्त हर्जा
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अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्त परिवाद अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित करे और तदोपरान्त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्तारण विधि के अनुसार करे।
अपीलार्थी दिनांक 25.11.2016 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होंगे और उसी दिन अपीलार्थी/परिवादी उपरोक्त हर्जे की धनराशि प्रत्यर्थी/विपक्षी को अदा करेगा और यदि वह हर्जा लेने हेतु उपलब्ध नहीं होते हैं तो जिला फोरम के समक्ष जमा करेगा।
यदि उक्त निश्चित तिथि पर हर्जे की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा नहीं की जाती है तो वर्तमान आदेश निष्प्रभावी हो जाएगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1