Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/1655

O I Co - Complainant(s)

Versus

Indravati Devi - Opp.Party(s)

Waquar Hashim

05 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/1655
( Date of Filing : 26 Jul 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. O I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Indravati Devi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Jun 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-1655/2012

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, महराजगंज द्वारा परिवाद सं0-135/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01/06/2012 के विरूद्ध)

The Oriental Insurance Co. Ltd. Divisional Office at Kamla Arcade Jubli road Gorakhpur, through its Manager

  1.                                                                 Appellant  

Versus

  1. Smt. Indravati Davi adult wife of Narsingh Singh resident of Mohalla and post office Madhonager Tehsil Sadar District Maharajganj.
  2. Poorvanchal Gramin Bank Branch office Paniara district Maharaj Ganj through its branch manager.   
  3.               Respondents  

समक्ष

  1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य
  2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री वकार हासिम   

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- कोई नहीं

दिनांक:-05.06.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.        परिवाद संख्‍या-135/2009, इन्‍द्रावती देवी बनाम ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड लि0 व अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, महराजगंज द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 01.06.2012 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपीलार्थी सहित दोनों विपक्षीगण को अंकन 50,000/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया गया है।  
  2.            परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत अंकन 30,800/-रू0 का ऋण परिवादिनी के पति द्वारा प्राप्‍त किया गया था, जिसका बीमा पूर्वांचल ग्रामीण बैंक द्वारा कराया गया था। प्रीमियम की राशि खाता धारक के खाते से ली गयी थी। दिनांक 21.09.2007 को प्रात: 10 बजे मार्ग दुर्घटना में नर्सिंग सिंह की मृत्‍यु हो गयी। बैंक को सूचना दी गयी और बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया, परंतु बीमा क्‍लेम निरस्‍त कर दिया गया, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।
  3.           विपक्षी सं0 2 ग्रामीण बैंक ने यह कथन किया है कि नर्सिंग सिंह का बीमा हुआ था तथा प्रीमियम की राशि नियमित रूप से भेजी जाती रही है। नवीनीकरण भी कराया जाता रहा है। बीमा कम्‍पनी का कथन है कि प्रीमियम मृत्‍यु के बाद जमा हुआ है, इसलिए बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं हुआ है। अत: बीमा क्‍लेम देय नहीं है।
  4.                         पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि बीमित राशि अदा करने का प्रथम दायित्‍व विपक्षी सं0 1 यानि बीमा कम्‍पनी का है तथा अप्रत्‍यक्ष रूप से दायित्‍व विपक्षी सं0 2 का है। तदनुसार विपक्षीगण के विरूद्ध एकल एवं संयुक्‍त दायित्‍व के तहत बीमा राशि अदा करने का आदेश पारित किया गया है।
  5.           इस निर्णय एवं आदेश को बीमा कम्‍पनी द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि यथार्थ में बीमे का प्रीमियम प्राप्‍त नहीं हुआ। बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं हुआ, इसलिए बीमा कम्‍पनी के स्‍तर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
  6.           बीमा कम्‍पनी द्वारा अपने लिखित कथन में यह उल्‍लेख किया गया है कि बीमा धारक की मृत्‍यु दिनांक 21.09.2007 को 10 बजे हुई है, जबकि बीमा प्रीमियम का भुगतान दिनांक 21.09.2007 को बैंक के प्रधान कार्यालय गोरखपुर द्वारा प्राप्‍त कराया गया है, इसलिए दुर्घटना के समय बीमे का बीमा प्रभावी नहीं था। बैंक द्वारा इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया गया है कि प्रीमियम का भुगतान दिनांक 21.09.2007 को किया गया था, इसलिए जब प्रीमियम का भुगतान किया गया है उस समय बीमा धारक की मृत्‍यु हो चुकी थी। अत: बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण नहीं हुआ था, इसलिए बीमित राशि को अदा करने का दायित्‍व परिवाद के विपक्षी सं0 2 यानि पूर्वांचल ग्रामीण बैंक पर है न कि बीमा कम्‍पनी पर। अत: जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परि‍वर्तित होने योग्‍य है कि बीमा क्‍लेम की राशि का भुगतान परिवाद के विपक्षी सं0 2 द्वारा किया जायेगा। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट किये जाने योग्‍य है।

आदेश

          अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बीमा क्‍लेम की राशि का भुगतान प्रत्‍यर्थी सं0 2/विपक्षी सं0 2 द्वारा अदा किया जायेगा। शेष निर्णय/आदेश पु‍ष्‍ट किया जाता है।

               उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे। 

         प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।     

 

     (सुशील कुमार)(राजेन्‍द्र सिंह)

  •  

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया।

 

         (सुशील कुमार)                      (राजेन्‍द्र सिंह)                                            सदस्‍य                             सदस्‍य

 

             05.06.2024

        संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

  

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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