Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/126/2016

ASHOK KUMAR YADAV - Complainant(s)

Versus

INDIAN OVERSEAS BANK - Opp.Party(s)

29 Dec 2020

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 126 सन् 2016

प्रस्तुति दिनांक 19.07.2016

                                                                                     निर्णय दिनांक 29.12.2020   

अशोक कुमार यादव पुत्र श्री श्यामसुंदर यादव सिविल जज (जूoडिo) शहर- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. इंडियन ओवरसीज बैंक द्वारा शाखा प्रबन्धक इंडियन ओवरसीज बैंक शाखा सिविल लाइन आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)
  2. पंजाब नेशनल बैंक द्वारा शाखा प्रबन्धक पंजाब नेशनल बैंक शाखा नवीन मण्डी फैजाबाद।  
  3.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसका एक खाता विपक्षी संख्या 01 के यहां है तथा इस खाते के जरिए ए.टी.एम. कार्ड से रुपया निकालने हेतु ए.टी.एम. कार्ड बैंक द्वारा निर्गत किया गया है। शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 07.09.2015 को 21 बजकर 09 मिनट 33 सेकेण्ड पर विपक्षी संख्या 02 द्वारा संचालित ए.टी.एम. संक्या 2418100 स्थित राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय नजदीक मेन गेट फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) से 5000/- रुपया निकालने हेतु प्रक्रिया अपनाई गयी, परन्तु रुपया न निकल पाने की दशा में ट्रांजक्शन बन्द हो गया। बाद में उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि उसका 5000/- रुपया निकल चुका है। इसके सन्दर्भ में विपक्षी संख्या 01 के यहां ए.टी.एम. ट्रांजक्शन कम्प्लेंट आई.डी.-टी 1604516151509091 दिनांक 09.09.2015 को दर्ज कराया। इस सन्दर्भ में शिकायतकर्ता ने एक परिवाद 193 सन् 2015 दिनांक 28.01.2015 को जिला उपभोक्ता फोरम आजमगढ़ में प्रस्तुत किया था, जो कि दिनांक 07.06.2016 को निरस्त कर दिया गया। उक्त परिवाद को निरस्त करने का एक कारण यह भी बताया गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा उस शाखा को पक्षकार नहीं बनाया गया है, जिसके ए.टी.एम. मशीन से ट्रान्जक्शन किया गया था। अतः नए पक्षकार के विरुद्ध उसे शिकायत करने का अधिकार है। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को 5000/- रुपया मय ब्याज अदा करे।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया

P.T.O.

2

गया है।

विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवाद चलने योग्य नहीं है। विपक्षी संख्या 01 के रिकार्ड के अनुसार 5000/- रुपया दिनांक 07.09.2015 को अन्य बैंक के ए.टी.एम. से निकाला गया था और परिवाद पत्र विपक्षी संख्या 01 के विरुद्ध किया गया है। अतः हमारे ऊपर कोई वाद कारण नहीं है। ऐसी स्थिति में वाद खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें परिवाद पत्र के अभिकथनों से इन्कार किया गया है। विशेष कथनों में यह कहा गया है कि यह परिवाद पत्र सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 11 के उपबन्ध के अनुरूप “रेस ज्यूडिकेटा” के सिद्धान्त से बाधित है एवं न्यायालय द्वारा प्रत्यक्षतः एवं सारतः इसी विवाचक विन्दु पर परिवाद संख्या 193सन् 2015 अशोक कुमार यादव बनाम इण्डियन ओवरसीज बैंक एवं अन्य में दिनांक 07.06.2016 के निर्णय द्वारा अंतिम रूप से विनिश्चित किया जा चुका है। अतः परिवाद पत्र पोषणीय नहीं है खारिज किया जाए।

पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि परिवादी ने इसी सन्दर्भ में एक परिवाद संख्या 193 सन् 2015 अशोक कुमार यादव बनाम इण्डियन ओवरसीज बैंक एवं पंजाब नेशनल बैंक के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया है। इस परिवाद में भी उन्हीं पक्षकारों को पक्षकार मुकदमा बनाया गया है। चूंकि परिवादी ने इस सन्दर्भ में पहले एक परिवाद पत्र प्रस्तुत कर दिया था जो कि निरस्त हो गया था। अतः ऐसी स्थिति में यह परिवाद पत्र संधार्य नहीं है।

आदेश

    परिवाद-पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

                        गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

  (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

दिनांक 29.12.2020

                       यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

             गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                             (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

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