मौखिक निर्णय
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या- 3127/2017
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या- 744/2016 में पारित निर्णय और आदेश दिनांक 06-10-2017 के विरूद्ध)
1- कु० रूचि झा उम्र लगभग 07 वर्ष
2- कु० प्राची झा उम्र लगभग 25 वर्ष
3- कु० नुपूर झा उम्र लगभग 23 वर्ष
4- कु० साक्षी झा उम्र लगभग 21 वर्ष
5- कु० जान्हवी झा उम्र लगभग 18 वर्ष
सभी पुत्रीगण स्व0 श्री बृज मोहन झा, निवासी हाउस नं० 6/71 रानीघाट पुराना कानपुर, कानपुर नगर,
6- कु0 कनक उम्र लगभग 13 वर्ष पुत्री स्व0 श्री बृज मोहन झा द्वारा संरक्षिका कु0 रूचि झा, निवासी हाउस नं० 6/71 रानीघाट पुराना कानपुर, कानपुर नगर,
अपीलार्थी/परिवादिनीगण
बनाम
1- इण्डियन ऑयल कारपोरेशन लि0, स्थित जी-9 अलीयावरगंज बांद्रा ईस्ट, मुम्बई (महाराष्ट्र)
2- मैनेजर, गैस अथारिटी आफ इण्डेन गैस पनकी, कानपुर नगर, यू0पी0
3- मै0 सोनकर गैस एजेन्सी स्थित 8/103 आर्यानगर, कानपुर नगर, यू0पी।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता, श्री अभिषेक सिंह
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई उपस्थित नहीं।
दिनांक– 11.12.2018
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या- 744/2016 कुमारी रूचि झा व छ: अन्य बनाम इण्डियन ऑयल कारपोरेशन लि0, व दो अन्य में जिला फोरम कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 16-10-2017 के विरूद्ध यह अपील, धारा 15 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
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आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद निरस्त कर दिया है जिससे क्षुब्ध होकर परिवाद की परिवादिनीगण ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी/परिवादिनीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अभिषेक सिंह उपस्थित आए हैं। प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की ओर से नोटिस का तामीला पर्याप्त माने जाने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुनकर अपील का निस्तारण किया जा रहा है।
मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि उनके पिता श्री बृजमोहन झा के नाम एक गैस कनेक्शन जिसका ग्राहक संख्या- 8460912 तथा एस०वी० संख्या- 527360816 है, वर्ष 2014 में निर्गत किया गया था तथा कूपन क्रम संख्या-137371 लगायत 137400 जारी किया गया था। परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी संख्या-3 के द्वारा दिनांक 22-11-2014 को दिया गया गैस सिलेण्डर प्रयोग करने पर लीकेज हो रहा था जिसकी शिकायत विपक्षी संख्या-3 से की गयी तो उसके कर्मचारी आए और सिलेण्डर लीकेज ठीक करने की बात कहकर चले गये। फिर भी गैस सिलेण्डर में लीकेज होता रहा। परिणामस्वरूप दिनांक 18-12-2014 को गैस सिलेण्डर के लीकेज से आग लग जाने के कारण परिवादिनीगण के पिता व परिवादीगण संख्या 2 व 6 गम्भीर रूप से घायल हो गये और दौरान इलाज परिवादिनीगण के पिता की मृत्यु हो गयी। अत: परिवादिनीगण ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत कर विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का निवेदन किया है साथ ही वाद व्यय भी मांगा है।
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विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी है परन्तु विपक्षीगण जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं। अत: उनके विरूद्ध जिला फोरम ने एकपक्षीय रूप से परिवाद की कार्यवाही की है। परन्तु जिला फोरम ने परिवाद इस आधार पर निरस्त कर दिया है कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने शव-विच्छेदन आख्या की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत नहीं की है।
अपीलार्थी/परिवादिनीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अपीलार्थी/परिवादिनीगण ने शव-विच्छेदन आख्या की सत्यप्रति की फोटोप्रति प्रस्तुत किया है और वह शव-विच्छेदन आख्या की प्रमाणित प्रति भी प्रस्तुत कर सकते हैं। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने सुनवाई के समय मृतक देवेन्द्र सिंह की शव-विच्छेदन आख्या की फोटोप्रति दिखाया जिसमें बर्न इंजरी के कारण शाक एवं सेप्टीसीमिया मृत्यु का कारण अंकित है।
उपरोक्त सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश अपास्त कर पत्रावली जिला फोरम फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाए कि जिला फोरम अपीलार्थी/परिवादिनीगण को शव-विच्छेदन आख्या की प्रमाणित प्रतिलिपि या उसकी पठनीय प्रतिलिपि प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करें अथवा अपीलार्थी/परिवादिनीगण के प्रार्थना पत्र पर उसकी मूल प्रति संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारी से तलब करें और उसके बाद विधि के अनुसार उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: निर्णय विधि के अनुसार पारित करें।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्त करते हुए पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम अपीलार्थी/परिवादिनीगण को शव-विच्छेदन आख्या की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करें अथवा उनके आवदेन पत्र पर संबंधित विभाग से
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रमाणित मूल प्रतिलिपि तलब करें और उसके बाद उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय पारित करें।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपीलार्थी/परिवादिनीगण जिला फोरम के समक्ष दिनांक 30-01-2019 को उपस्थित हों।
तदोपरान्त जिला फोरम परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुर्नस्थापित करने के पश्चात् विपक्षीगण को नोटिस अपने स्तर से भी भेजेगा और उसके बाद विधि के अनुसार अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करेगा।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कृष्णा, आशु0
कोर्ट नं01