मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 340 सन 2022
डा0 विजय मोहन हंजूरिया निवासी ए 325 प्रथम तल ब्लाक ए, शिवालिक मालवीय नगर दिल्ली 110017 एवं अन्य
.................. अपीलार्थी
-बनाम-
इण्डिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि0 द्वारा शाखा प्रबन्धक के 24-25 द्वतीय तल, पर्ल प्लाजा सेक्टर-18, नोयडा /एफ-60 द्वतीय तल मल्होत्रा बिल्डिंग, कनाट प्लेस नई दिल्ली 110001 ................... .प्रत्यर्थीगण
समक्ष
मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता – श्री संकल्प मेहरोत्रा।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता – श्री राजेश चडढा।
दिनांक - 05.03.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्धनगर द्वारा परिवाद संख्या 55 सन 2015 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.04.2022 के विरुद योजित की गयी है।
विद्वान जिला फोरम द्वारा परिवादपत्र में उल्लिखित समस्त तथ्यों का परीक्षण करते हुए तथा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुनने के उपरांत परिवाद को पोषणीयता के बिन्दु पर मात्र इस कारण से निरस्त किया गया कि परिवाद पत्र में प्रार्थित अनुतोष हेतु वास्तव में विपक्षी के रूप में संबंधित बिल्डर (जोकि प्रश्नगत वाद में सुपरटेक लि0 है) को पक्षकार बनाया जाना आवश्यक था जिसको पक्षकार के रूप में उल्लिखित/नामित न किए जाने को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद निरस्त किया गया।
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने एवं मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा (2004) 8 Supreme Court Case 56 सवितागर्ग बनाम डायरेक्टर नेशनल हर्ट इन्स्टीटयूट Civil Appeal No 4024 of 2003 decided on October 12, 2004 पर दृष्टिपात करने के उपरांत जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय दिनांक 07.04.2022 विधि अनुकूल नही पाया जाता है एवं जिला फोरम को आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता जो पक्षकार संख्या 2, सुपरटेक लि0 को नामित करते हैं, को अवसर प्रदान करते हुए परिवादपत्र में की गयी प्रार्थना के अनुसार संशोधित किए जाने हेतु आदेश पारित किया जावे जिस अनुतोष का अनुपालन अपीलार्थी द्वारा विद्वान जिला फोरम द्वारा पारित आदेश के अनुसार उल्लिखित समयावधि में सुनिश्चित किया जाए एवं पक्षकारों को सुनवाई व साक्ष्य का अवसर प्रदान करते हुए विधि अनुसार यथा-सम्भव परिवाद का शीघ्र गुण-दोष पर निस्तारण किया जाए।
तदनुसार अपील अन्तिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
सुबोल श्रीवास्तव
पी0ए0(कोर्ट नं0-1)