Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/3115

M/s Crac Computer Pvt Ltd - Complainant(s)

Versus

India Thermit Corporation - Opp.Party(s)

Isar Husain

23 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/2147
( Date of Filing : 26 Sep 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. India Thermit Corporation
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Crac Computer Pvt Ltd
a
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2006/3115
( Date of Filing : 07 Dec 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Crac Computer Pvt Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. India Thermit Corporation
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2147/2007

दि इण्डिया थर्मि‍ट कारपोरेशन लि0

बनाम

मैसर्स क्रैक कम्‍पयूटर्स प्रा0लि0 तथा तीन अन्‍य

एवं

अपील संख्‍या-3115/2006

मैसर्स क्रैक कम्‍पयूटर्स प्रा0लि0 तथा दो अन्‍य

बनाम

दि इण्डिया थर्मि‍ट कारपोरेशन लि0 तथा एक अन्‍य

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनां : 23.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-452/2001, दि इण्डिया थर्मिट कारपोरेशन लि0 बनाम मै0 क्रैक कम्‍पयूटर्स प्रा0लि0 तथा तीन अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, कानपुर देहात द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 9.11.2006 के विरूद्ध अपील संख्‍या-2147/2007, परिवादी की ओर से क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ोत्‍तरी के लिए प्रस्‍तुत की गई है, जबकि अपील संख्‍या-3115/2006 विपक्षी संख्‍या-1 त 3 की ओर से प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश को अपास्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत की गई है। चूंकि दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से प्रभावित हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय/आदेश द्वारा एक साथ किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्‍या-2147/2007 अग्रणी अपील होगी।

2.    उपरोक्‍त दोनों अपीलों में विपक्षी सं0-1 त 3 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन उपस्थित हैं। परिवादी की ओर से कोई उपस्थित

-2-

नहीं है। अत: विपक्षी सं0-1 त 3 के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

3.    विद्वान जिला आयोग ने साफ्टवेयर सिस्‍टम सुचारू रूप से चलाने का आदेश पारित किया है। विकल्‍प में यह भी आदेशित किया है कि साफ्टवेयर सुचारू रूप से न चलने पर अंकन 1,00,000/-रू0 10 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करें।

4.    परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने दिनांक 21.5.1999 को साफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए सामग्री भेजने हेतु आर्डर बुक कराया और दिनांक 24.5.1999 को आंशिक भुगतान के रूप में अंकन 1,00,000/-रू0 का चेक जारी किया, परन्‍तु इंजीनियरों  ने काम पूरा नहीं किया और काम छोड़कर चले गए। कम्‍पयूटर योजना का काम समय पर प्रारम्‍भ नहीं हो सका, जबकि अंकन 7,000/-रू0 का भुगतान कर्मचारियों को किया गया।

5.    विपक्षी सं0-2 व 3 का कथन है कि परिवादी ने व्‍यापारिक उद्देश्‍य से साफ्टवेयर का काम प्रारम्‍भ किया था, इसलिए वह उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। दिवानी न्‍यायालय में ही वाद प्रस्‍तुत किया जा सकता है।

6.    परिवाद पत्र के अवलोकन से ज्ञात होता है कि परिवादी एक कंपनी है, जो व्‍यापारिक गतिविधियों में संलग्‍न है। अत: व्‍यापारिक उद्देश्‍य से क्रय किए गए सामान की वसूली या गुणवत्‍ता में कमी के आधार पर संविदा भंग के लिए सक्षम न्‍यायालय में सिविल वाद प्रस्‍तुत किया जा सकता था। प्रस्‍तुत विवाद उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा एक गैर उपभोक्‍ता विवाद पर अपना निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जो अपास्‍त होने और प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

7.    अपील संख्‍या-3115/2006 स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 09.11.2006 अपास्‍त किया जाता है तथा गैर उपभोक्‍ता परिवाद खारिज किया जाता है।

-3-

     प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

     परिवादी की ओर से प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-2147/2007 निरस्‍त की जाती है।

इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-2147/2007 में रखी जाए तथा इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

  लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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