Rajasthan

Kota

CC/131/2008

Vivek rawat - Complainant(s)

Versus

India Bulls Securities, Chairman - Opp.Party(s)

Ramesh rathore

16 Apr 2015

ORDER

 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर

परिवाद संख्या:-   131/08

विवेक रावत पुत्र एम एल रावत उम्र 38 साल निवासी मकानन नं. सी-21 बसंत बिहार,आदित्य नगर मोडक, पोस्ट मोडक, जिला कोटा राजस्थान।                                                        परिवादी

                    बनाम
01.    इण्डिया वूल्स सिक्यूरिटस, नई दिल्ली- जरिए चेयर मेन एवं सी एफ ओ, रजिस्टर्ड     आफिस एफ-60, सैकण्ड फ्लोर मल्होत्रा बिल्डिंग, कर्नाट पेलेस,नई दिल्ली।
02.    श्री राजीव रतन, गु्रप सी एफ ओ, रजिस्टर्ड आफिस  एफ-60, सैकण्ड फ्लोर,     मल्होत्रा बिल्डिंग, कर्नाट पैलेस, नई दिल्ली-110001            अप्रार्थीगण


    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री रमेश राठौर, परिवादी की ओर से ।
02.    श्री जितेन्द्र पाठक, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।


            निर्णय             दिनांक 16.04.2015

    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ जिसमें अंकित किया कि उसने अप्रार्थी सं.1 के यहाॅ आन लाईन शेयर ट्रेडिंग का डिमेट खाता संख्या 00105833  तथा डी पी  डी नम्बर 12029900 है, जिसके लिये परिवादी समय-समय पर किये जाने वाले शेयर ट्रेडिंग पर ब्रोकेज राशि एवं अन्य कर राशि का भुगतान करता है। इसके अलावा आन लाईन ट्रेडिंग एकाउन्ट के संचालन एवं सुविधा के लिये भुगतान किया हुआ हेै।  दिनांक 10.07.07 को 1000 शेयर मैसर्स दीपक फर्टीलाइर्जस लिमि0 के एवं 1000 शेयर्स मैसर्स स्टील आथरिटी आफ इंडिया के परिवादी के उक्त एकाउन्ट के माध्यम से इन्ट्रा डे आधार पर बेचे थे, जो उसी दिन 3 पी एम तक खरीद कर देने थे। परन्तु अचानक अप्रार्थी सं.1 का टरमीनल का लिंकेज नेशन स्टाफ एक्सचेंज से करीब 2 बजे टूट गया जो मार्केट बंद होने तक वापस नहीं जुडा। जिसके कारण परिवादी दोनो कंपनियों के 1000-1000 शेयर्स पुनः खरीद कर जमा नही कर सका जो कि बाद में स्टाक एक्सचेन्ज के नियम मुताबिक दिनांक 13.07.07 को ही आक्शन के माध्यम से खरीेदे गये, जिसके कारण परिवादी को 29,861/- रूपये एवं पेनल्टी 6,000/- रूपये का अतिरिक्त भुगतान करना पडा। जबकि लगातार मारकेट के दौरान आन लाईन टरमिनल सुविध प्रदान करने की पूर्ण जिम्मेदारी अप्रार्थी सं. 1 की है। परिवादी ने उक्त नुकसान की राशि की मांग अप्रार्थी सं. 1 से की , परन्तु अप्रार्थी सं. 1 ने कोई ध्यान नहीं दिया। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 20.10.07 को काूननी नोटिस अप्रार्थीगण को दिलवाया परन्तु उन्होने कोई कार्यवाही नहीं की। परिवादी के नुकसान की अप्रार्थीगण ने भरपाई नही कर उसकी सेवा में कमी की है। इसलिये परिवादी को अप्रार्थीगण से 35,861/- रूपये की राशि, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे। 
 

     अप्रार्थीगण ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब  पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता नहीं है। परिवादी का परिवाद माननीय मंच में चलने योग्य नहीं है क्योंकि अप्रार्थीगण का पंजीकृत कार्यालय वर्तमान में नई दिल्ली में है। अतः परिवादी का परिवाद दिल्ली में चलने योग्य है। सदस्य के सिस्टम में अथवा एक्सचेन्ज या अन्यथा में त्रुटि के कारण सिस्टम के रूकने या संचार सुविधाओं की विफलता के लिये अप्रार्थीगण को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। अप्रार्थीगण ने परिवादी की सेवा में किसी भी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं की है, इसलिये परिवादी के परिवाद को मय हर्जा खर्चा खारिज किया जावे। 


    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    क्या परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

    उभय पक्षों की मौखिक बहस सुनने, पत्रावली का अध्य्यन अवलोकन करने से यह स्पष्ट है कि परिवादी ने अपने परिवाद में कथन किया है कि उसने अप्रार्थी सं.1 के यहाॅ यहाॅ आन लाईन शेयर ट्रेडिंग का डिमेट खाता संख्या 00105833  तथा डी पी  डी नम्बर 12029900 है, उक्त खाते के जर्ये शेयर्स की खरीद फरोख्त की जाती है। जिसमें खाताधारक कम्प्यूटर के जर्ये आॅन लाईन ट्रेडिंग शेयर की खरीद फरोख्त कर सकता है और उस खरीद फरोख्त से प्राप्त मुनाफा या नुकसान परिवादी को होगा, इस प्रकार उपरोक्त शेयर्स का खरीद फरोख्त किया जाना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत व्यवसायिक श्रेणी में आता है। इस संबंध में अप्रार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत न्यायिक दृष्टान्त 1. भाग 3 (2000) सी पी जे 291, 2. भाग 2 (2000) (पी) (एन सी), उनवानी यूनिट ट्रस्ट आॅफ इंडिया  बनाम सावित्री देवी अग्रवाल 03. मोरगन स्टेनले म्यूचल फंड बनाम कार्तिक दास सिवलि अपील संख्या 1587/94 ए आई आर (1994) 2 सी टी ओ 385 (एस सी) सी पी पेश से वर्तमान प्रकरण में प्रकाश प्राप्त होता है। उपरोक्त विवेचन को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विचार से परिवादी का उक्त कृत्य उपभोक्ता          संरक्षण अधिनियम  के तहत व्यवसायिक श्रेणी में आता है, इसलिये परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता नहीं है। 

02.    क्या अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
    
    परिवादी बिन्दु संख्या 1 अपने पक्ष में साबित नहीं कर पाया है । अतः बिन्दु संख्या 2 पर विवेचन, विश्लेषण करने की आवश्यकता नहीं है। 


03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है। 


                  आदेश 


     परिवादी  विवेक रावत  का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वय वहन करेगे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 16.04.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।


   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

 

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