राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(सुरक्षित)
अपील संख्या-3110/2017
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या 526/2008 में पारित आदेश दिनांक 17.10.2017 के विरूद्ध)
1. India Bulls Financial Services Ltd., Registered Office: F-60, Malhotra Building, IInd Floor, Cannaught Place, New Delhi-1100001 through director Gagan Banga.
2. India Bulls Security Ltd. (Now New Name is “India Bulls Ventures Ltd.”), IIIrd Floor, Krishana Tower, 15/63, Civil Lines, Kanpur through Branch Manager, Vipin Kumar Bajaj son of Tek Chand Bajaj, Resident of House No. 118/482, Kaushal Puri, Kanpur.
3. India Bulls Security Ltd. (Now New Name is “India Bulls Ventures Ltd.”), IIIrd Floor, Krishana Tower, 15/63, Civil Lines, Kanpur through Manager On line Naveen Bagga son of Sri K.L. Bagga, R/o-118/358-B, Kaushal Puri, Kanpur.
....................अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
Madan Srivastava son of Late J.P. Srivastava, R/o-House No. 18/12, Vishnupuri Colony, Nawabganj, Kanpur Nagar. ................प्रत्यर्थी/परिवादी
अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री सर्वेश कुमार शर्मा एवं
श्री तत्वेश अग्रवाल,
विद्वान अधिवक्तागण।
एवं
अपील संख्या-3142/2017
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या 526/2008 में पारित आदेश दिनांक 17.10.2017 के विरूद्ध)
Madan Srivastava son of Late J.P. Srivastava, resident of House No. 18/12, Vishnupuri Colony,
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Nawabganj, Kanpur Nagar.
................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. INDIA BULLS FINANCIAL SERVICES LIMITED, Registered Office situated at F-60, Malhotra Building, Second Floor, Cannaught Place, New Delhi-1100001 through its Director Gagan Banga.
2. Vipin Kumar Bajaj aged about 36 years S/o Mr. Tek Chand Bajaj, R/o 118/482, Kaushal Puri, Kanpur, the then Branch Manager, On Line Branch, Indiabulls Securities Ltd. III Floor, Krishna Tower, 15/63, Civil Lines, Kanpur.
3. Naveen Bagga, aged about 37 years S/o Mr. K.L. Bagga, R/o-118/358-B, Kaushal Puri, Kanpur, the then Relation ship Manager, On Line Branch India Bulls Securities Ltd., III Floor, Krishna Tower, 15/63, Civil Lines, Kanpur.
....................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
अपीलार्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री सर्वेश कुमार शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की ओर उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता,
विद्वान अधिवक्ता।
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
दिनांक: 07-06-2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-526/2008 मदन श्रीवास्तव बनाम इण्डियाबुल्स फाइनेन्शियल सर्विस लि0 व दो अन्य में जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 17.10.2017 के विरूद्ध उपरोक्त अपील संख्या-3110/2017
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इण्डिया बुल्स फाइनेन्शियल सर्विसेज लि0 व दो अन्य बनाम मदन श्रीवास्तव परिवाद के विपक्षीगण की ओर से और उपरोक्त अपील संख्या-3142/2017 मदन श्रीवास्तव बनाम इण्डिया बुल्स फाइनेन्शियल सर्विसेज लि0 व दो अन्य परिवाद के परिवादी की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी हैं।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक एवं एकपक्षीय रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आशय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 17,98,762.00(रू0 सत्रह लाख अट्ठानबे हजार सात सौ बासठ मात्र) तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।''
जिला फोरम के निर्णय से उभय पक्ष सन्तुष्ट नहीं हैं। अत: परिवाद के विपक्षीगण ने उपरोक्त अपील संख्या-3110/2017 प्रस्तुत कर जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश अपास्त किये जाने का निवेदन किया है, जबकि परिवाद के परिवादी ने उपरोक्त अपील संख्या-3142/2017 प्रस्तुत कर जिला फोरम द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति की धनराशि को बढ़ाने का अनुरोध किया है।
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दोनों अपीलें एक ही निर्णय के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी हैं। अत: दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ संयुक्त निर्णय के द्वारा किया जा रहा है।
उपरोक्त अपील संख्या-3110/2017 में अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता एवं प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्तागण श्री सर्वेश कुमार शर्मा एवं श्री तत्वेश अग्रवाल उपस्थित आये हैं।
उपरोक्त अपील संख्या-3142/2017 में अपीलार्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा एवं प्रत्यर्थी/विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता उपस्थित आये हैं।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को दोनों अपीलों में सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का
अवलोकन किया है।
वर्तमान दोनों अपीलों के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी मदन श्रीवास्तव ने उपरोक्त परिवाद विपक्षीगण इण्डियाबुल्स फाइनेन्शियल सर्विस लि0, विपिन कुमार बजाज और नवीन बग्गा के विरूद्ध जिला फोरम, कानपुर नगर के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि विपक्षीगण संख्या-2 व 3, विपक्षी संख्या-1 का शेयर ट्रेडिंग का कार्य देखते हैं। उनके बहकावे में आकर परिवादी ने विपक्षीगण से व्यापार करना शुरू किया और इस सम्बन्ध में विपक्षीगण ने परिवादी से बहुत से सादे
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कागजों पर हस्ताक्षर करवाये और उसके बाद विपक्षीगण संख्या-2 व 3 के निर्देश पर दिनांक 17.01.2005 को परिवादी ने 4,44,000/-रू0 मूल्य के शेयर विपक्षी संख्या-1 के यहॉं जमा किये, परन्तु विपक्षीगण ने बिना परिवादी को जानकारी दिये हुए शेयर 6,25,000/-रू0 में बेच दिये, जिससे परिवादी को 1,10,000/-रू0 की क्षति हुई। उसके बाद विपक्षीगण ने परिवादी को 1,00,000/-रू0 जमा करने का निर्देश दिया और बताया कि शेयर ट्रेडिंग में काफी घाटा हो गया है, परन्तु बाद में परिवादी की जानकारी में यह तथ्य आया कि सभी विपक्षीगण मिलकर बिना परिवादी को जानकारी दिये परिवादी के शेयरों की ट्रेडिंग करते रहे हैं, जिसके कारण परिवादी को नुकसान होता रहा है। इसके साथ ही परिवादी की जानकारी में यह भी आया है कि लगभग 17,98,762/-रू0 की क्षति बिना परिवादी को जानकारी दिये शेयर की ट्रेडिंग करने के कारण हो चुकी है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी लगातार ब्याज अदा करता रहा है और वह विपक्षीगण का उपभोक्ता है। अत: उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत कर निम्न अनुतोष चाहा है:-
“It is, therefore, most respectfully prayed that this learned Forum may kindly be pleased to direct the opposite-parties to compensate the complainant by way of Rs. 17,98,762/- and also pay a damage of Rs. 2 lacs regarding his harassment in many times
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and many modes and also award the cost of this complaint and any other relief, which this honorable Forum may deem fit in the circumstances of the case in the interest of justice, otherwise complainant may be send to jail due to non-payment of loans and interest etc. due upon him.”
जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: जिला फोरम ने परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय रूप से करते हुए परिवाद पत्र के कथन एवं परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है।
विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्य और विधि के विरूद्ध है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद जिला फोरम के समक्ष ग्राह्य नहीं है। परिवादी ने पहले ही यह विवाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आफ इण्डिया लिमिटेड, नई दिल्ली के आर्बिट्रेशन मैकेनिज्म के अनुसार उठाया है और आर्बिट्रेटर द्वारा आर्बिट्रेशन अवार्ड दिनांक 22.02.2007 को देते हुए 2,81,922/-रू0 परिवादी को प्रदान किया जा चुका है।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम के समक्ष परिवाद ग्राह्य है। जिला फोरम ने परिवाद पत्र में याचित क्षतिपूर्ति की धनराशि 2,00,000/-रू0 प्रदान न कर गलती की है। अत: जिला फोरम का निर्णय संशोधित करते हुए याचित क्षतिपूर्ति
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की धनराशि भी परिवादी को दिलायी जाये।
मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।
जिला फोरम के निर्णय से स्पष्ट है कि जिला फोरम ने प्रश्नगत परिवाद आदेश दिनांक 16.07.2010 के द्वारा एकपक्षीय रूप से इस आधार पर खारिज कर दिया था कि परिवादी, विपक्षीगण के साथ शेयर ट्रेडिंग का व्यवसाय करता है और शेयर ट्रेडिंग व्यवसाय से सम्बन्धित परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार फोरम को प्राप्त नहीं है। तब अपीलार्थी/परिवादी ने राज्य आयोग के समक्ष अपील संख्या-1402/2010 मदन श्रीवास्तव बनाम इण्डियाबुल्स फाइनेन्शियल सर्विस लि0 व अन्य प्रस्तुत किया, जिसे राज्य आयोग ने आदेश दिनांक 01.05.2013 के द्वारा एकपक्षीय रूप से निर्णीत करते हुए यह निष्कर्ष दिया कि माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रथम अपील संख्या-543/2011 में पारित निर्णय दिनांक 02.04.2012 के तथ्य वर्तमान अपील के तथ्य के समान हैं। अत: जिला फोरम द्वारा परिवाद इस आधार पर निरस्त किया जाना कि शेयर ट्रेडिंग व्यवसाय से सम्बन्धित परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच को प्राप्त नहीं है, ठीक नहीं है। अत: राज्य आयोग ने जिला फोरम के आदेश दिनांक 16.07.2010 को अपास्त करते हुए पत्रावली पुन: निर्णय हेतु जिला फोरम को प्रत्यावर्तित की है। तब जिला फोरम ने परिवाद को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर पुन: परिवाद की कार्यवाही की है, परन्तु जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण उपस्थित नहीं हुए हैं। अत: जिला
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फोरम ने परिवाद की कार्यवाही उनके विरूद्ध एकपक्षीय रूप से करते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत अपील में स्पष्ट रूप से यह कथन किया गया है कि पक्षों के बीच वर्तमान विवाद के सम्बन्ध में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आफ इण्डिया लिमिटेड, नई दिल्ली के आर्बिट्रेशन मैकेनिज्म के अन्तर्गत विवाद आर्बिट्रेटर को निर्णय हेतु सन्दर्भित किया गया है और आर्बिट्रेटर ने आर्बिट्रेशन अवार्ड दिनांक 22.02.2007 के द्वारा 2,81,922/-रू0 परिवादी को अवार्ड किया है। विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत अपील में आर्बिट्रेशन अवार्ड दिनांक 22.02.2007 की प्रति भी प्रस्तुत की गयी है, जिसके अनुसार परिवादी मदन श्रीवास्तव का क्लेम 2,81,921.88/-रू0 के सम्बन्ध में स्वीकार किया गया है।
उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है और न ही लिखित कथन प्रस्तुत किया गया है। ऐसी स्थिति में विवश होकर जिला फोरम को एकपक्षीय रूप से कार्यवाही कर आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित करना पड़ा है, परन्तु विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत अपील में उनकी ओर से किये गये कथन एवं प्रस्तुत आर्बिट्रेशन अवार्ड को देखते हुए एक महत्वपूर्ण विधिक प्रश्न उठता है कि क्या आर्बिट्रेशन अवार्ड पारित किये जाने के बाद प्रश्नगत परिवाद ग्राह्य है और आर्बिट्रेशन अवार्ड से भिन्न आदेश पारित किया जाना विधिसम्मत है। ऐसी स्थिति में यह उचित प्रतीत होता है कि
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विपक्षीगण को अपना लिखित कथन व साक्ष्य जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाये और उसके बाद जिला फोरम द्वारा उभय पक्ष को सुनकर विधि के अनुसार इस बिन्दु पर निर्णय पारित किया जाये तथा परिवाद की कार्यवाही विधि के अनुसार सम्पादित की जाये।
उपरोक्त विवरण से यह भी स्पष्ट है कि परिवादी भी जिला फोरम के निर्णय से सन्तुष्ट नहीं है और उसने भी जिला फोरम के निर्णय के विरूद्ध अपील प्रस्तुत की है। अत: उचित प्रतीत होता है कि परिवादी की अपील इस निर्देश के साथ निस्तारित की जाये कि वह इस अपील में उठाया गया बिन्दु, परिवाद जिला फोरम के समक्ष ग्राह्य होने की दशा में जिला फोरम के समक्ष उठाने हेतु स्वतंत्र होगा।
उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि पहली बार भी परिवाद में विपक्षीगण उपस्थित नहीं रहे हैं और उनके विरूद्ध जिला फोरम द्वारा आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। पुन: रिमाण्ड के बाद भी विपक्षीगण जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं और जिला फोरम ने उनके विरूद्ध आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया है तब उन्होंने उपस्थित होकर अपील प्रस्तुत की है। परिवादी ने परिवाद वर्ष 2008 में प्रस्तुत किया है। अत: सम्पूर्ण तथ्यों पर विचार करते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि विपक्षीगण इण्डियाबुल्स फाइनेन्शियल सर्विस लि0, विपिन कुमार बजाज और नवीन बग्गा के विरूद्ध जिला फोरम, कानपुर नगर द्वारा पारित
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आक्षेपित निर्णय व आदेश उनके द्वारा 25,000/-रू0 हर्जा परिवादी को अदा करने पर अपास्त किया जाये और पत्रावली उपरोक्त प्रकार से निस्तारण हेतु जिला फोरम को प्रत्यावर्तित की जाये।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-3110/2017 इण्डिया बुल्स फाइनेन्शियल सर्विसेज लि0 व दो अन्य बनाम मदन श्रीवास्तव स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय व आदेश अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा परिवादी को 25,000/-रू0 हर्जा अदा किये जाने पर अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम विपक्षीगण को इस निर्णय में हाजिरी हेतु निश्चित तिथि से 30 दिन के अन्दर लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर देकर उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान कर परिवाद की ग्राह्यता के बिन्दु पर विचार करे और विधि के अनुसार आदेश पारित करे। तदोपरान्त जिला फोरम आवश्यकतानुसार परिवाद की कार्यवाही विधि के अनुसार उभय पक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर सम्पादित करेगा।
उभय पक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 22.07.2019 को उपस्थित हों।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील संख्या-3110/2017 में अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा
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धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत जमा की गयी धनराशि व उस पर अर्जित ब्याज से उपरोक्त 25,000/-रू0 हर्जा की धनराशि प्रत्यर्थी/परिवादी को प्रदान की जायेगी और यदि उसके बाद धनराशि अवशेष बचती है तो उसे अपीलार्थी/विपक्षीगण को वापस किया जायेगा।
उपरोक्त आदेश को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद के परिवादी द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-3142/2017 इस प्रकार निस्तारित की जाती है कि अपीलार्थी/परिवादी अपना समस्त अपील में उठाया गया बिन्दु जिला फोरम के समक्ष उठाने हेतु स्वतंत्र होगा और परिवाद जिला फोरम के समक्ष ग्राह्य होने की दशा में जिला फोरम उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर देकर अन्तिम आदेश पारित करेगा।
इस निर्णय की एक प्रति अपील संख्या-3142/2017 में भी रखी जाये।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1