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PRABHAT KUMAR RAI filed a consumer case on 29 Nov 2021 against INDANE GAS AGENCY in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/16/2016 and the judgment uploaded on 07 Dec 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 16 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 28.01.2016
निर्णय दिनांक 29.11.2021
प्रभात कुमार राय उम्र 48 साल पुत्र श्री कृष्ण गोपाल राय साकिन टीकापुर, पोस्ट- टीकापुर, तहसील- निजामाबाद, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
प्रबन्धक इण्डेन गैस एजेन्सी मुहल्ला मातबरगंज जनपद- आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह निजी घरेलू उपयोग के लिए विपक्षी से इण्डेन गैस कनेक्शन नं. 14495 लिया था तथा उक्त तौर से वह उपभोक्ता कनेक्शन संख्या 14495 का वैध कनेक्शन धारक है। परिवादी ने अपने उपरोक्त कनेक्शन उपभोक्ता संख्या 14495 पर गैस दिनांकित 07.08.2015 को रिफरेन्स नं. 270198 पर बुक कराया परन्तु उक्त गैस सिलेण्डर उसे अबतक नहीं मिला। इसी तरह परिवादी ने दूसरी बार पुनः दिनांक 07.09.2015 को रिफरेन्स नं. 2000094961 पर गैस की बुकिंग कराया परन्तु वह भी उसे विपक्षी द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। परिवादी द्वारा पुनः तीसरी बार दिनांकित 07.10.2015 को रिफरेन्स नं. 288022 पर गैस की बुकिंग कराया गया परन्तु इस पर भी परिवादी को गैस उपलब्ध नहीं करायी गयी। परिवादी घरेलू गैस कनेक्शन धारक है और विपक्षी विधिक रूप से परिवादी के पते पर गैस की आपूर्ति समय से करने को बाध्य है। विपक्षी ने जानबूझकर बिना किसी सम्यक कारण के उपरोक्त तौर से परिवादी के गैस बुकिंग कराने के बाद भी अब तक गैस सिलेण्डर उपलब्ध नहीं कराए जो स्पष्ट रूप से परिवादी उपभोक्ता के साथ छल व कपट एवं विपक्षी द्वारा की गयी अपनी सेवाओं में कमी, उपेक्षा व कर्तव्यच्युतता तथा संविदा भंग को दर्शाता है। विपक्षी द्वारा परिवादी को की गयी बुकिंग गैस सिलेण्डर उपलब्ध न कराने के कारण परिवादी को आर्थिक व मानसिक सामाजिक क्षति लगभग 50,000/- रुपए की हुई, जिसके लिए विपक्षी पूर्णरूप से जिम्मेदार है। परिवादी विपक्षी से व्यक्तिगत रूप से कई बार सम्पर्क किया, लेकिन विपक्षी द्वारा गैस सिलेण्डर की आपूर्ति न करते हुए अन्तिम रूप से दिनांक 18.01.2016 को बिना किसी कारण इन्कार कर दिया गया। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को उपरोक्त तौर से बिना किसी सम्यक कारण के बुकिंग किए गए गैस सिलेण्डरों की आपूर्ति नहीं करने के कारण परिवादी की हुई मानसिक, आर्थिक क्षति मुo 50,000/- रुपए का भुगतान 10% वार्षिक ब्याज की दर से अदा करे तथा अन्य अनुतोष अगर अदालत की राय में हो तो उसे भी विपक्षी से दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 7/1व7/2 गैस कनेक्शन पासबुक की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 20क विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें विपक्षी द्वारा परिवादी के परिवाद पत्र में किए गए समस्त दावों से इन्कार किया गया है तथा अतिरिक्त कथन में विपक्षी ने यह कहा है कि परिवाद में विपक्षी का नाम गलत दर्ज है। विपक्षी का नाम ‘आजमगढ़ गैस एजेन्सी आजमगढ़’ है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए। विपक्षी द्वारा उपभोक्ता को गैस की सप्लाई करने में कभी विलम्ब नहीं किया है और न ही परिवादी के गैस सप्लाई में विपक्षी ने कभी कोई लापरवाही अथवा सेवा में कमी ही किया है। टीकापुर में परिवादी का अथवा उसके परिवार का कालेज है जिसमें परिवादी घरेलू गैस सिलिण्डर विपक्षी से प्राप्त करके प्रयोग करता था अर्थात् कॉमर्शियल प्रयोग करता था। उसकी सूचना मिलने पर करीब 2015 में विपक्षी द्वारा उनसे ऐसा करने से मना किया गया था क्योंकि घरेलू गैस का कानूनन इस्तेमाल केवल घरेलू कार्यों में किया जा सकता है। इस प्रकार परिवादी काफी क्रुद्ध हो गए और धमकी दिया कि विपक्षी को मुकदमें में लपेट कर परेशान करेंगे। विपक्षी के कम्प्यूटर में माह अप्रैल, 2018 से अब तक का रिकार्ड उपलब्ध है। परिवादी कन्ज्यूमर हिस्ट्री विभागीय कम्प्यूटर से निकाला गया तो पाया गया कि तब से लेकर यानी माह अप्रैल 2018 से अब तक लगातार माह अगस्त 2021 तक परिवादी को गैस सप्लाई निर्बाध रूप से होता रहा। कभी शिकायत नहीं रही। परिवादी ने अब अपनी सुविधा के अनुसार अपने निवास के निकट के गैस एजेन्सी पर अपना कनेक्शन ट्रांसफर करा लिया है। विपक्षी ने न तो सेवा में कमी किया और न किसी प्रकार से सिलिण्डर डिलिवरी में कभी दिक्कत आयी बल्कि जवाबदेही के पैरा 07 में बताए कारणों से क्रोध व जिद्द में परिवादी ने गलत कथन के आधार पर दावा दाखिल किया है। उपरोक्त कारणों से परिवाद निरस्त होने योग्य है।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा कागज संख्या 23/1 कनेक्शन ट्रान्सफर होने से सम्बन्धित प्रपत्र तथा कागज संख्या 23/2ता23/4 कन्ज्यूमर की हिस्ट्री सम्बन्धित प्रपत्र प्रस्तुत किया गया है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी अनुपस्थित रहे, जबकि विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित होकर अपना बहस सुनाया। परिवादी को भी बहस सुनाने का अवसर दिया गया, परन्तु परिवादी ने अपना बहस प्रस्तुत नहीं किया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया, जिसमें यह पाया गया कि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में कोई भी ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है जिससे विपक्षी की लापरवाही अथवा सेवा में कमी प्रमाणति हो सके। इसके अलावा परिवादी ने अपने परिवाद पत्र की धारा-06 में छल, कपट की शब्दावलियों का प्रयोग किया है जो उपभोक्ता न्यायालय में पोषणीय नहीं है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 29.11.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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