Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/10/2012

Mohd. Saleem - Complainant(s)

Versus

Iffco Tokiyo General Insurance Company - Opp.Party(s)

19 Mar 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/10/2012
 
1. Mohd. Saleem
R/o Moh. fatehpuri Kasba Bhojpur Thana Bhojpur Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Iffco Tokiyo General Insurance Company
Add:- 148 IInd Floor In Front Of D.M Avas Bareilly
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन-अध्‍यक्ष।

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षी से उसे चोरी गई वैन की बीमा राशि 1,27,300/- रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/-रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 5,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.  संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी वैन सं0- यू0पी0 यू0 8467 का पंजीकृत स्‍वामी था। दिनांक 16/3/2010 से 18/03/2011 तक की अवधि हेतु यह वैन विपक्षी से बीमित थी। बीमा राशि 1,27,300/- रूपया थी। परिवादी की इस वैन में मान्‍यता प्राप्‍त एल0पी0जी0 किट लगी हुई थी। दिनांक 31/5/2010 को शार्ट सर्किट हो जाने की वजह से सनसाइन मैदा मिल के पास लाकड़ी फाजलपुर थाना मझोला, मुरादाबाद में उक्‍त वैन जलकर राख हो गई। दिनांक 01/06/2010 को वैन का टैक्‍नीकल मुआयना हुआ। उसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना मझोला मुरादाबाद में दिनांक 13/11/2010 को दर्ज हुई क्‍योकि परिवादी पीलिया की बीमारी से ग्रसित था। दिनांक 15/11/2010 को विपक्षी के बरेली कार्यालय में बीमा भुगतान से सम्‍बन्धित  अभिलेख परिवादी ने भेज दिऐ। दिनांक 18/11/2010 को 94500/- रूपये के भुगतान हेतु 100/- रूपये के स्‍टाम्‍प पर परिवादी से अनापत्ति की मांग विपक्षी ने की। दिनांक 10/12/2010 को परिवादी ने रजिस्‍टर्ड डाक से विपक्षी को सूचित किया कि उसकी वैन वित्‍त पोषित नहीं थी। इसके बावजूद विपक्षी ने परिवादी को क्‍लेम नहीं दिया। परिवादी ने विपक्षी को कानूनी नोटिस भी भिजवाया, किन्‍तु उसका भी कोई उत्‍तर विपक्षी ने नहीं दिया। परिवादी के अनुसार दावे का भुगतान न करके विपक्षी ने सेवा देने में कमी की है अत: उसे परिवाद योजित करने के लिए बाध्‍य होना पड़ा। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/5 के माध्‍यम से परिवादी ने बीमा कवरनोट, वैन की आर0सी0, ड्राईविंग लाईसेंस, थाना मझोला की दिनांक 13/11/2010 की जी0डी0, दिनांक 15/11/2010 को परिवादी द्वारा विपक्षी को भेजे गऐ पत्र, विपक्षी की ओर से प्राप्‍त पत्र दिनांक 18/11/2010 और  इसका उत्‍तर दिनांक 10/12/2010 तथा क्‍लेम न देने पर विपक्षी को भिजवाये  गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 08/11/2011 की नकल को दाखिल किया गया  है। इनके अतिरिक्‍त पत्र दिनांक 10/12/2010 और नोटिस दिनांक 08/11/2011 डाक से भेजने की असल रसीदों को भी परिवादी ने दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/15 हैं।
  4. विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/3 दाखिल हुआ जिसमें परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी की वैन का बीमा दिनांक 18/3/2010 से 17/3/2011 तक की अवधि हेतु होने और इसकी बीमा राशि 1,27,300/- रूपया होने से तो इन्‍कार नहीं किया गया, किन्‍तु  परिवाद के शेष कथनों से इन्‍कार किया गया है। विशेष कथनों में कहा गया  है कि घटना की एफ0आई0आर0 परिवादी ने लगभग 6 माह बाद कराई है।  सूचना मिलने पर विपक्षी ने क्षति के आंकलन हेतु सर्वेयर श्री अमित पूठिया को नियुक्‍त किया जिन्‍होंने जॉंच करके बीमा कम्‍पनी को अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत  की। कथित दुर्घटना के समय वैन को ड्राईवर सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता चला था  जिसके पास बैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेंस नहीं था। बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन होने की वजह से रजिस्‍टर्ड पत्र दिनांक 27/09/2011 द्वारा  परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत किया गया और ऐसा करके विपक्षी ने कोई  त्रुटि नहीं की। विपक्षी की ओर से परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की  प्रार्थना की गई।
  5. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/4  दाखिल किया जिसके साथ उसने पूर्व में सूची सं0-3/5 के माध्‍यम से दाखिल प्रपत्रों को बतौर संलग्‍नक पुन: दाखिल किया।
  6. विपक्षी की ओर से श्रीमती पल्‍लवी राय का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/3 दाखिल हुआ जिसके साथ ड्राईवर सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता  के ड्राईविंग लाईसेंस की बैरीफिकेशन रिपोर्ट, रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 27/09/2011 और बीमा कवरनोट की नकल को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-10/4 लगायत 10/7 हैं। परिवादी ने  साक्ष्‍य में रिज्‍वांइडर शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/2 दाखिल किया जिसके साथ उसने विपक्षी को भेजे गऐ पत्र दिनांक 15/11/2010 की फोटो प्रति को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया।
  7. परिवादी ने सूची कागज सं0-13/1 के माध्‍यम से ड्राईवर सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता के कम्‍प्‍यूटराइज्‍ड ड्राईविंग लाईसेंस की फोटो प्रति दाखिल की। विपक्षी ने सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता के ड्राईविंग लाईसेंस की आर0टी0ओ0 कार्यालय से  प्राप्‍त असल बैरीफिकेशन रिपोर्ट कागज सं0-14/2 लगायत 14/3 को दाखिल किया।
  8. परिवादी और विपक्षी ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  9. हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  10. पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी की वैन दिनांक 18/3/2010 से 17/3/2011 तक की अवधि हेतु 1,27,300/- रूपये के लिए बीमित थी। अभिकथित दुर्घटना दिनांक 31/5/2010 को होना बताई गई है। विपक्षी को यह  स्‍वीकार  है  कि वैन  में  आग  लगने  की सूचना  मिलने  पर  दिनांक 01/6/2010  को उन्‍होंने  लॉस  असेसर  श्री  अमित  पूठिया  से  मामले  की  जॉंच  कराई थी। विपक्षी  ने  यह  पाऐ  जाने  पर कि दिनांक 31/5/2010 की तिथि पर  वैन में आग लगना बताई जाती है उस तिथि को वैन चालक सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता के पास बैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेंस नहीं था। अत: उक्‍त कारण से परिवाद का क्‍लेम उन्‍होंने अस्‍वीकृत कर दिया जिसकी लिखित सूचना उन्‍होंने पंजीकृत पत्र दिनांक 27/9/2011 द्वारा परिवादी को  दे दी थी।
  11.  पत्रावली में अवस्थित थाना मझोला जिला मुरादाबाद की दिनांक 13/11/2010 की जी0डी0 की नकल कागज सं0-8/7 है जिसे परिवादी ने  अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ दाखिल किया है। इस जी0डी0 के अनुसार  तार वायरिंग से शार्ट सर्किट हो जाने की वजह से वैन में आग लगी थी और  जिसकी वजह से वैन पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गई। जी0डी0 में यह भी उल्‍लेख  है कि इस दुर्घटना के समय वैन को ड्राईवर सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता चला रहा  था। इस ड्राईवर के ड्राईविंग लाईसेंस की बैरीफिकेशन रिपोर्ट आर0टी0ओ0 कार्यालय मुरादाबाद से लेकर विपक्षी ने पत्रावली में दाखिल की है जो पत्रावली का कागज सं0-14/3 है। इस रिपोर्ट के अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 8/11/2009 से 10/1/2011 तक की अवधि में ड्राईवर सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता  के पास वैन चलाने का लाईसेंस नहीं था। उसका ड्राईविंग लाईसेंस दिनांक 7/11/2009 को समाप्‍त  हो  गया  था जिसे आर0टी0ओ0 कार्यालय मुरादाबाद के आदेश से दिनांक 11/1/2011 से अग्रेत्‍तर रिन्‍यू किया गया था। III (2009) ए0सी0सी0 पृष्‍ठ-895, न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड बनाम सुरेश चन्‍द्र अग्रवाल की निर्णयज विधि में मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दी  गई व्‍यवस्‍था के अनुसार दुर्घटना की तिथि अर्थात् 31/5/2010 को वैन चालक  सतेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता के पास बैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेंस न होना प्रमाणित है । 
  12.  अब देखना यह है कि क्‍या दिनांक 31/5/2010 को वैन चालक सतेन्‍द्र  कुमार गुप्‍ता के पास बैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेंस न होने के आधार पर इस मामले में परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत किया जा सकता था अथवा नहीं ?
  13.  मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा जे0टी0 2003 (5) सुप्रीम कोर्ट पृष्‍ठ-538, जितेन्‍द्र कुमार बनाम ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड के मामले  में  मा0 सर्वोच्‍च  न्‍यायालय  द्वारा  यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि यदि वाहन ​दुर्घटना में वाहन चालक का कोई दोष नहीं है तो इस आधार पर कि वाहन  चालक के पास ड्राईविंग लाईसेंस नहीं था, बीमा कम्‍पनी बीमा दावे को  अस्‍वीकृत नहीं कर सकती। वर्तमान मामले में वैन में आग तार वायरिंग में शार्ट सर्किट हो जाने की वजह से लगी थी जिसमें वाहन चला रहे सतेन्‍द्र  कुमार गुप्‍ता का कोई दोष नहीं था अत: उसके पास दुर्घटना के समय ड्राईविंग लाईसेंस न होने का अबलम्‍व लेकर परिवादी का बीमा दावा विपक्षी बीमा कम्‍पनी अस्‍वीकृत नहीं कर सकती थी। बीमा कम्‍पनी ने परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके त्रुटि की है और यह सेवा में कमी का मामला बनता है।
  14.  उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि  बीमा कवरनोट में उल्लिखित बीमा राशि 1,27,300/-(एक लाख सत्‍ताईस हजार तीन सौ रूपया) विपक्षी से परिवादी को दिलाई जानी चाहिऐ। परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु इस धनराशि पर परिवादी को 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाया जाना और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) दिलाया जाना भी हम न्‍यायोचित समझते हैं। परिवाद तदानुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

आदेश

  1.  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक  की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 1,27,300/- (एक लाख  सत्‍ताईस हजार तीन सौ रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी परिवाद व्‍यय की मद  में विपक्षी से एकमुशत 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी है। समस्‍त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो  माह के भीतर की जाये।

 

 

 (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

    सामान्‍य सदस्‍य           सदस्‍य               अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    19.03.2016          19.03.2016         19.03.2016

 

 

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 19.03.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

    सामान्‍य सदस्‍य           सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    19.03.2016         19.03.2016       19.03.2016

 

 

 

 

 

 

 

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