Uttar Pradesh

Faizabad

CC/54/2012

Subhas Singh - Complainant(s)

Versus

Iffco Tokio - Opp.Party(s)

28 Mar 2016

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/54/2012
 
1. Subhas Singh
Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Iffco Tokio
NEW DELHI
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद । 
    


    
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

                            (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
                            (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य


               परिवाद सं0-54/2012

सुभाष सिंह पुत्र श्री कुन्ज विहारी सिंह निवासी जलालददीननगर (पूरा बाजार) थाना महराजगंज जनपद फैजाबाद                        .................... परिवादी

                    बनाम

    प्रबन्धक इफ्को टोकियो जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 इफ्को सदन सी-1, डिस्टिक सेन्टर नई दिल्ली द्वारा सर्विस सेन्टर इफ्को टोकियो जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 प्रथम तल 8/2/19 एबब महेन्द्रा 2 व्हीलर शोरूम रिकाबगंज फैजाबाद उ0प्र0                                         .................... विपक्षी        

निर्णय दि0 28.03.2016
                    निर्णय

उद्घोषित द्वारा-श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
                                                    
    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध बीमित धनराशि एवं क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया  है। 

 

 

                          (  2  )

संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी मोटर साइकिल नं0-यू0पी0 42 एम0/3518 का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी ने दि0 19.9.2009 को विपक्षी के सर्विस सेन्टर से बीमा क्षतिपूर्ति हेतु कराया था, जिसकी पालिसी नं0-70828176 है जो दि0 18.9.2010 तक बैध था। परिवादी की मोटर साइकिल दि0 18.8.2010 को चोरी हो गयी थी, जिसकी सूचना परिवादी ने कोतवाली नगर फैजाबाद को दिया था, जो अ0सं0 2703/10 अन्तर्गत धारा-379 भा0द0वि0 पर अंकित है। दौरान विवेचना पुलिस द्वारा मामले में अन्तिम रिपोर्ट सं0-115/10 न्यायालय भेज दी गयी थी जो स्वीकृत होकर दाखिल दफ्तर है। परिवादी की गाड़ी का सम्पूर्ण क्षति बीमा मु0 24,000=00 का हुआ था। परिवादी द्वारा क्लेम माॅंगे जाने पर कम्पनी प्रबन्धक ने पालिसी कवर नोट व गाड़ी की चाभी तथा स्वीकृत एफ0आर0 दि0 21.11.2011 को माॅंगा था, जिसे परिवादी ने दि0 03.01.2012 को कम्पनी के प्रबन्धक को रिसीव करा दिया था। विपक्षी परिवादी को तब से लगातार कम्पनी के चक्कर लगवाता रहा तथा दि0 22.02.2012 को किसी भी प्रकार से क्लेम राशि देने से मना कर दिया तथा कहा कि तुम्हारा विलम्ब हो गया है अब जाकर कोर्ट केस करो तभी मिलेगा। इस प्रकार परिवादी को विवश होकर यह परिवाद योजित करना पड़ा। 
विपक्षी ने अपने जवाब में कहा कि परिवादी द्वारा मोटर साइकिल की चोरी होने का स्थान तक दर्शित नहीं किया गया। इससे उक्त घटना संदेहास्पद हो जाती है। कथित घटना के लगभग 20 दिनों के बाद तृतीय पक्ष कमलेश कुमार द्वारा पंजीकृत कराई गई। प्रथम सूचना रिपोर्ट में परिवादी की मोटर साइकिल चोरी होने की घटना का उल्लेख उक्त कमलेश कुमार द्वारा किया गया है जबकि परिवादी द्वारा कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित नहीं कराई गई। विपक्षी द्वारा परिवादी को आवश्यक कागजात प्रस्तुत करने हेतु बार-बार पत्र लिखा गया और कहा गया कि जल्द से जल्द समस्त कार्यवाही पूरी करें लेकिन परिवादी द्वारा घोर लापरवाही करते हुए स्वयं कागजात विपक्षी द्वारा दी गयी समय सीमा के भीतर उपलब्ध नहीं कराये। विपक्षी द्वारा अंतिम बार दि0 21.11.2011 को पत्र के माध्यम से समस्त वांछित कागजात व चाभी सात दिनों के भीतर उपलब्ध नहीं कराया गया। लिहाजा उसका क्लेम निरस्त कर दिया गया। 

 

 

                    (  3  )

मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया तथा विपक्षी के लिखित बहस का अवलोकन किया। परिवादी की मोटर साइकिल नं0-यू0पी0 42 एम0/3518 परिवाद के अनुसार दि0 18.8.2010 को चोरी होना कहा गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार भी घटना का दि0 18.8.2010 है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दि0 07.09.2010 को लिखायी गयी। यह प्रथम सूचना रिपोर्ट श्री कमलेश मोहन श्रीवास्तव ने लिखायी है। विपक्षी बीमा कम्पनी को चोरी होने की सूचना दि0 03.01.2012 को दी गयी जैसाकि परिवाद की धारा-5 में कहा गया है। परिवादी की ओर से अंतिम रिपोर्ट स्वीकृत होने की छायाप्रति कागज सं0-1/8, प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति कागज सं0-1/9 तथा परिवहन विभाग उ0प्र0 का पंजीकरण प्रमाण-पत्र की छायाप्रति कागज सं0-1/10 और विपक्षी बीमा कम्पनी ने रिमाइण्डर दि0 21.11.2011 को दिया जो कागज सं0-1/11 है। इस परिवाद में परिवादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट 19 दिन विलम्ब से लिखायी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से लिखाने का कोई कारण दर्शित नहीं किया है। विपक्षी बीमा कम्पनी को मोटर साइकिल चोरी होने की सूचना दि0 03.01.2012 को दिया ह,ै जो घटना के 01 वर्ष 04 माह 15 दिन बाद विलम्ब से दिया है जबकि मोटर साइकिल चोरी होने की सूचना विपक्षी को 48 घण्टे के अन्दर देना चाहिए। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार परिवादी की मोटर साइकिल 4.30 बजे शाम तहसील के सामने से अज्ञात चोरों द्वारा चुरा लिया गया। इस प्रकार परिवादी द्वारा बीमा पालिसी की शर्तो के अनुसार 48 घण्टे के अन्दर विपक्षी बीमा कम्पनी को सूचना नहीं दिया है। विपक्षी की ओर से सम्माननीय राष्ट्रीय आयोग की नजीर न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड बनाम त्रिलोचन जने फस्र्ट अपील नं0-321/2005 निर्णय दि0 09.12.2009 को प्रेषित किया। इस नजीर में सूचना देने के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से विचार किया गया है। इस नजीर में 09 दिन बाद सूचना दी गयी थी तथा इस नजीर में यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया कि चोरी की सूचना 24 घण्टे के अन्दर दे देनी चाहिए तथा ट्रक से सम्बन्धित कागजात भी उपलब्ध करा देना चाहिए। परिवादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से करायी है तथा समय से विपक्षी बीमा कम्पनी को भी सूचना नहीं दिया है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद साबित नहीं होता है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 

 

 

                   (  4  )

   आदेश            
        परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।     
        

   (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              (चन्द्र पाल)              
            सदस्य                  सदस्या                     अध्यक्ष     
            
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 28.03.2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं   उद्घोषित किया  गया।
    
        (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              (चन्द्र पाल)           
      सदस्य                   सदस्या                     अध्यक्ष    

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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