Rajasthan

Ajmer

CC/09/2014

SABBIR AHEMED - Complainant(s)

Versus

IFFCO TOKIO INS - Opp.Party(s)

ADV.JITENDRA GORH

23 Sep 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/09/2014
 
1. SABBIR AHEMED
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. IFFCO TOKIO INS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 23 Sep 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

षब्बीर अहमद पुत्र श्री बषरूद्दीन, जाति- मुसलमान, उम्र-करीब 35 वर्ष, निवासी- एचएमटी, खानपुरा, अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम


1. षाखा प्रबन्धक, ईफको टोकियो जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ष्षाखा कार्यालय-सी 16, आनासागर रोड़, वैषालीनगर, अजमेर । 
2. प्रबन्धक, ईफको टोकियो जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ईफको सदन सी-1, स्टिीक सेन्टर, सकत न्यू दिल्ली । 
                                              -       अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 09/2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री  जितेन्द्र गौड़, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री राजेष जैन,  अधिवक्ता अप्रार्थीगण

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 04.10.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसका वाहन  ट्रेलर संख्या  आर.जे.01./जी.ए. 9188 जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां दिनंाक 12.4.2.13 से 11.4.2014 तक बीमित था, दिनांक  12.4.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर  इसकी सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को दिए जाने पर उनके  प्रतिनिधि श्री डी.सी. पाठक द्वारा  मौका मुआयना किया गया  और उनके निर्देषानुसार  वाहन  मरम्मत की खर्च राषि रू. 1,91,390/- का क्लेम समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष पेष किया । किन्तु अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने बावजूद नोटिस इत्यादि दिए जाने के भी क्लेम राषि का भुगतान नहीं कर सेवा में कमी कारित की है । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जवाब  प्रस्तुत करते हुए प्रारम्भिक आपत्तियों में दर्षाया है कि  प्रार्थी का परिवाद प्री मैच्योर होने के कारण चलने योग्य नहीं है ।  उत्तरदाता  उनके सर्वेयर  द्वारा आंकलित राषि रू. 39675/- ईसीएस भुगतान हेतु  प्रार्थी  उनके द्वारा वांछित सूचनाएं उपलब्ध करा देता है तो वे उक्त राषि  का भुगतान अविलम्ब करने के लिए तैयार है । आगे पैरावाईज जवाब में ही इन्हीं तथ्यों को दोहराते हुए परिवाद निरस्त होने योग्य बताया । जवाब के समर्थन में  पल्लवी राय, प्रबन्धक का षपथपत्र पेष हुआ है ।      
3.    प्रार्थी का तर्क रहा है कि बीमित वाहन का बीमा अवधि में दुर्घटना होने पर  इसकी सूचना पुलिस व बीमा कम्पनी को समय पर दे दी गई थी । बीमा कम्पनी द्वारा नियुक्त सर्वेयर द्वारा मौका मुआयना कर उनके द्वारा बताए अनुसार वाहन में  हुए नुकसान  का कोटेषन तैयार करवाया गया था एवं उक्त कोटेषन के आधार पर एवं सर्वेयर द्वारा दी गई सूचना के बाद वाहन की मरम्मत का कार्य करवाया गया था ।  वाहन में हुए नुकसान की मरम्मत में कुल रू. 1,91,390/- का खर्चा आया  था । अप्रार्थी के उक्त प्रतिनिधि  ने कुछ कागजों व फार्म पर हस्ताक्षर करवा कर कोटेषन ,खर्चे के बिल, वाहन के समस्त दस्तावेजात एवं एक केन्सिल चैक भी क्लेम दिलवाए जाने हेतु ले लिए गए थे । उक्त दस्तावेजात लिए जाने के 20-25 दिन बाद तक कोई सूचना नहीं आने पर सम्पर्क किए जाने पर बतायध गया था कि क्लेम की  फाईल उनके मुख्यालय पर गई हुई है कुछ दिन बाद सम्पर्क करें ।  कई बार सम्पर्क किए जाने के बाद कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया । सर्वेयर रिपोर्ट पर प्रार्थी के हस्ताक्षर भी नहीं करवाए गए । घटना स्थल के कोई फोटोग्राफ भी नहीं लिए गए है । अप्रार्थी द्वारा ईसीएस भुगतान हेतु प्रार्थी को तथाकथित वांछित सूचनाएं उपलब्ध करवाए जाने हेतु न तो कहा गया है और ना ही पत्र द्वारा सूचित किया गया है । कोटेषन के आधार पर  वाहन रिपेयर करवाया गया है ।  परिवाद स्वीकार कर मरम्मत का कुल खर्चा मय ब्याज एवं मानसिक संताप व क्षतिपूर्ति सहित दिलवाया जाए ।  
4.       अप्रार्थी की ओर से  तर्को का खण्डन करते हुए बताया गया कि प्रार्थी द्वारा सर्वेयर की रिपोर्ट को नहीं माना गया है । प्रार्थी भुगतान प्राप्त करना नहीं चाहता  है,  इसलिए उसने ईसीएस के जरिए भुगतान का कोई विवरण नहीं दिया है  ।  सर्वेयर की रिपोर्ट को चुनौती नहीं दी  गई है ।  विनिष्चय प्;2008द्धब्च्श्र 229  न्जजंतंाींदक ैजंजम बवदेनउमत क्पेचनजमे त्मकतमेेंस ब्वउउपेेपवद ण् च्तमउ ब्ींदक ैंकंदं टे छमू  प्दकपं ।ेेनतंदबम ब्व स्जकए  प्ट;2015द्धब्च्श्र 524;छब्द्ध छमू  प्दकपं ।ेेनतंदबम ब्व स्जक टे प्दतिंेजतनबजनतमे च्अज स्जकए प्;2007द्धब्च्श्र 278 ;छब्द्ध ैनतलंबीमउ प्दकनेजतपमे टे व्तपमदजंस  ।ेेनतंदबम ब्व स्जक के प्रकाष में सर्वेयर की रिपोर्ट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए । प्रारम्भिक आपत्ति के साथ साथ अन्त में प्रमुख रूप से यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया है कि  क्लेम  प्री- मैच्योर होने के कारण परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है ।  सर्वेयर द्वारा  ही क्षति का आंकलन  किया गया है । उनकी रिपोर्ट के अनुसार भुगतान योग्य राषि रू. 39,675/-  पाई गई थी । इसका नियमानुसार ईसीएस भुगतान हेतु प्रार्थी को वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराने हेतु कहा गया था  जो आज दिनांक तक उपलब्ध नहीं कराई गई है । विकल्प में यदि प्रार्थी उक्त सूचना उपलब्ध करवाता है तो प्रार्थी को अप्रार्थी, सर्वेयर द्वारा आंकलित राषि का भुगतान करने को तैयार व तत्पर है ।          
5.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हंै एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों के साथ साथ  प्रस्तुत विनिष्चयों में प्रतिपादित सिद्वान्तों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रष्नगत  वाहन का पंजीकृत मालिक व स्वामी प्रार्थी है तथा यह अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां दिनांक 12.4.2013 से 
11.4.2014 तक बीमित था । यह वाहन दिनंाक 12.4.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसकी सूचना अविलम्ब उसी दिन पुलिस थाने के साथ साथ अप्रार्थी को दे दी गई । प्रार्थी  द्वारा दुर्घटना में हुई क्षति के आंकलन हेतु  विपक्षी द्वारा सर्वेयर को नियुक्त किया गया जिसके द्वारा मौका मुआयना कर रिपोर्ट दिनांक 27.6.2014 को प्रस्तुत की गई  जों पत्रावली पर उपलब्ध है तथा इसके अनुसार दुर्घटना में हुई क्षति की राषि रू. 39675/- आंकी गई है ।  
7.    प्रार्थी ने उक्त क्षतिपूर्ति बाबत् सर्वेयर द्वारा कोटेषन के आधार पर उसके सुझाव पर  अपने स्तर पर मरम्मत करना बताया है । हालांकि उसने यह कोटेषन  मय बिलों के सर्वेयर द्वारा मांगने पर उसे  सौंपना भी बताया है तथा इन पत्राचार को उसने फोटोप्रति के रूप में प्रमाणस्वरूप प्रस्तुत किया है । जो  अभिलेख उसके द्वारा प्रस्तुत हुए है, में केन्सिल चैक की फोटोप्रति के अलावा विभिन्न  दुकानों /वर्कषोपों में कराई गई मरम्मत के बिल है ।  इसमें सर्वेयर के कोटेषन नहीं है । 
8.    यहां यह उल्लेखनीय है कि यदि प्रार्थी को सर्वेयर द्वारा किसी प्रकार का कोई कोटेषन दिया गया था  तो वह उसकी प्रति  भी प्रमाणस्वरूप इस मंच के समक्ष प्रस्तुत कर सकता था,  जिसे कि उसने अन्य बिलों को प्रस्तुत करना बताया है । चूंकि ऐसे कोटेषन बाबत् उसने कोई सम्पुष्टकारी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है । अतः उसका यह प्रतिवाद  कि  सर्वेयर के कोटेषन के आधार पर  उसने वाहन की मरम्मत करवाई, स्वीकार्य नही ंहै ।  उसकी यह स्वीकारोक्ति है कि अप्रार्थी को सर्वेयर के कोटेषन आदि  भिजवा दिए गए  थे, को देखते हुए जो सर्वेयर द्वारा क्षति का आंकलन करते हुए  जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है वह हस्तगत प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सही है ।  जो विनिष्चय  अप्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने  प्रस्तुत किए है, में भी सर्वेयर की रिपोर्ट को विष्वसनीय माना गया है । प्रार्थी द्वारा ईसीएस के  माध्यम से भुगतान बाबत् कोई सूचना अप्रार्थी को दी गई हो, ऐसा भी प्रकट नहीं होता है ।   
9.    समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों के प्रकाष में इस मंच की राय में सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति की राषि  मय ब्याज के प्रार्थी को दिलवाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है ।  मंच की राय में प्रार्थी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
10.           (1)    अप्रार्थी बीमा कम्पनी प्रार्थी को  उसके द्वारा ईसीएस  भुगतान हेतु वांछित सूचना 15 दिन में  उन्हें उपलब्ध कराने पर, सर्वेयर द्वारा आंकलित राषि रू. 39675/-  दिनांक  27.6.2014 से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित अदा करें । 
             (2)      प्रार्थी अप्रार्थी बीमा कम्पनी   से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने के  अधिकारी होगा ।               
              (3)    क्रम संख्या 1 लगायत 2  में वर्णित राषि अप्रार्थी  बीमा कम्पनी  प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 04.10.2016  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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