Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/1067

Krishan Kumar Kulshreshth - Complainant(s)

Versus

Iffco Tokio General Insurance - Opp.Party(s)

O P Duvel

24 May 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/1067
( Date of Filing : 21 May 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District Firozabad)
 
1. Krishan Kumar Kulshreshth
Aligrah
...........Appellant(s)
Versus
1. Iffco Tokio General Insurance
Aligrah
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 May 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-१०६७/२००७

 

(जिला मंच, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-२४९/२००६ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २०-०४-२००७ के विरूद्ध)

कृष्‍ण कुमार कुल श्रेष्‍ठ पुत्र स्‍व0 राज नारायण वर्तमान निवासी-आर्य नगर, निकट माया टाकीज हाथरस, स्‍थायी निवासी ग्राम नाया, पोस्‍ट-जबार, जिला-अलीगढ़।

                                            .............     अपीलार्थी/परिवादी।

बनाम

१. सामान्‍य प्रबन्‍धक इफको टोकियो जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0, पंजीकृत कार्यालय, ३४, नेहरू प्‍लेस, नई दिल्‍ली।

२. सचिव, साधन सहकारी समिति लि0, ग्राम-नाया, पोस्‍ट जबार, अलीगढ़, उ0प्र0।

                                            ............   प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित       : श्री ओ0पी0 दुवेल विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-१ की ओर से उपस्थित : श्री विवेक कुमार सक्‍सेना विद्वान अधिवक्‍ता।          प्रत्‍यर्थी सं0-२ की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।  

 

दिनांक :- २१-०६-२०१९.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-२४९/२००६ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २०-०४-२००७ के विरूद्ध योजित की गयी है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि अपीलार्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी के पिता स्‍व0 राज नरायन ने प्रत्‍यर्थीगण द्वारा किए गये व्‍यापक प्रचार प्रसार से आकृष्‍ट होकर दिनांक २१-१२-२००४ को २५ बैग इफको यूरिया एवं एक बैग इफको डी0ए0पी0 खाद स्‍वयं के कृषि कार्य में प्रयोग करने हेतु ६,८८३.४० रू० नकद भुगतान करके प्रत्‍यर्थी सं0-२ से क्रय किया था। उक्‍त खाद को क्रय करते समय प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा संकट हरण बीमा योजना के अन्‍तर्गत खाद क्रेता परिवादी के पिता का ०१.०० लाख रू० का बीमा किया गया था, जिसमें परिवादी को नामित किया गया। तदोपरान्‍त परिवादी के

 

 

-२-

पिता का दिनांक २१-०५-२००५ को सर्पदंश के कारण आकस्मिक निधन हो गया। परिवादी के पिता की मृत्‍यु के उपरान्‍त परिवादी द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0-२ से सम्‍पर्क किया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ द्वारा वांछित अभिलेख उन्‍हें प्राप्‍त कराये गये। यह अभिलेख प्रत्‍यर्थी सं0-२ द्वारा प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी को प्राप्‍त कराये गये। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी ने अपने पत्र दिनांकित ०५-०७-२००५ द्वारा परिवादी का बीमा दावा यह कह कर निरस्‍त कर दिया कि परिवादी द्वारा पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट व प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं भेजी गई है, जबकि ऐसी कोई बात पूर्व में नहीं बताई गई थी। परिवादी के पिता की सर्पदंश के कारण आकस्मिक मृत्‍यु दिनांक २१-०५-२००५ को होने की सूचना परिवादी ने व्‍यक्तिगत रूप से उसी समय प्रत्‍यर्थी सं0-२ को दे दी थी तथा परिस्थितिवश मौके पर ही परिवादी के स्‍व0 पिता का पंचनामा गॉंव के सम्‍भ्रान्‍त व्‍यक्तियों के समक्ष तैयार कराकर अन्तिम संस्‍कार कर दिया गया। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा दावा निरस्‍त किया जाना अवैध बताते हुए बीमित धनराशि की मय ब्‍याज अदायगी एवं क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रश्‍नगत परिवाद जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।

प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी के कथनानुसार प्रश्‍नगत बीमा पालिसी की शर्त के अनुसार बीमित मृतक व्‍यक्ति का पोस्‍टमार्टम होना आवश्‍यक है। परिवादी द्वारा दाखिल किए गये अभिलेखों से यह प्रमाणित नहीं माना जा सकता कि बीमाधारक की मृत्‍यु एक्‍सीडेण्‍ट से या सॉंप काटने से हुई। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गई।

प्रत्‍यर्थी सं0-२ साधन सहकारी समिति लि0 द्वारा भी प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ के कथनानुसार परिवादी के पिता की मृत्‍यु की सूचना प्राप्‍त होने पर प्रत्‍यर्थी सं0-२ घटनास्‍थल पर पहुँचा तब बताया गया कि परिवादी के पिता की मृत्‍यु ०४ घण्‍टे पहले सर्प काटने से हो चुकी है। उसके द्वारा पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट तथा एफ0आई0आर0 के बार-बार कहा गया किन्‍तु पोस्‍टमार्टम नहीं कराया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ ने प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा नियमों के अन्‍तर्गत बीमा दावा निरस्‍त किया जाना बताया।

 

 

-३-

प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा जिला मंच द्वारा यह मत व्‍यक्‍त किया गया कि पालिसी की शर्तों के अनुसार बीमाधारक मृतक का पोस्‍टमार्टम करवाया जाना था तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज करवाई जानी चाहिए थी। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा बीमाधारक की मृत्‍यु के सम्‍बन्‍ध में प्रस्‍तुत किए गये पंचनामे को मान्‍य न मानते हुए प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा जिला मंच ने परिवाद खण्डित कर दिया।

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई।

हमने अपीलार्थी/परिवादी श्री कृष्‍ण कुमार कुलश्रेष्‍ठ जो स्‍वयं उपस्थित हुए तथा उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री ओ0पी0 दुवेल एवं प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विवेक कुमार सक्‍सेना के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ साधन सहकारी समिति लि0 की ओर से तर्क प्रस्‍तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय संकट हरण बीमा योजना की मूल भावना के विरूद्ध पारित किया है। यह तथ्‍य निर्विवाद है कि परिवादी के पिता द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0-२ से २५ बैग इफको यूरिया एवं एक बैग इफको डी0ए0पी0 खाद दिनांक २१-१२-२००४ को क्रय की गई। प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत सॉंप काटने से मृत्‍यु दुर्घटना के अन्‍तर्गत आती है। प्रश्‍नगत पालिसी के अन्‍तर्गत खाद खरीद की रसीद ही पालिसी मानी जाती है। इस रसीद में यह कहीं नहीं लिखा है कि पोस्‍टमार्टम कराना आवश्‍यक है। परिवादी अथवा उसके पिता को बीमा पालिसी नहीं दी गई, इसलिए पोस्‍टमार्टम की शर्त का बीमाधारक को मालूम होने का प्रश्‍न नहीं होता। बीमाधारक की मृत्‍यु सॉंप काटने से हुई जिसके प्रत्‍यक्षदर्शी साक्षीयों ने पंचनामेपर हस्‍ताक्षर किए। पंचनामे पर हस्‍ताक्षर करने वाले सभी सात व्‍यक्ति समाज के प्रतिष्ठित व्‍यक्ति हैं तथा वे दाह संस्‍कार के समय श्‍मशान स्‍थल पर उपस्थित थे, उनमें एक श्री अजीत कुमार सिंह ग्राम सभा के प्रधान थे जो निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। अन्‍य व्‍यक्तियों में एक श्री प्रमोद कुमार शर्मा सचिव, साधन सहकारी समिति लि0 ग्राम नाया

 

 

-४-

हैं तथा अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्तियों में श्री राजेन्‍द्र कुमार शर्मा एडवोकेट व श्री सुरेन्‍द्र प्रकाश व कुँवर पाल व सन्‍त सिंह समाज के प्रतिष्ठित व्‍यक्ति हैं। परिवार रजिस्‍टर का रखरखाव व उसमें किये जाने वाले इन्‍द्राज खण्‍ड विकास अधिकारी जो कि राज्‍य सरकार के राजपत्रित अधिकारी होते हैं की देखरेख में अधीनस्‍थ अधिकारियों द्वारा पूरी जांच पड़ताल करके किया जाता है। उक्‍त परिवार रजिस्‍टर के अन्‍य विवरण के कालम में मृतक राजनरायण की मृत्‍यु सर्पदंश से होना बताया गया है। सॉंप के काटने से हुई मृत्‍यु के प्रत्‍यक्षदर्शी साक्षीयों की उपस्थिति तथा किसी आपराधिक कृत्‍य का कारित न होने के कारण प्रथम सूचना रिपोर्ट न लिखाया जाना एवं पोस्‍टमार्टम न कराया जाना विशेष महत्‍व का नहीं माना जा सकता। साथ ही दावा प्रपत्र के कालम-७(क) के अनुसार यदि पोस्‍टमार्टम उपलब्‍ध न हो तो पंचनामा होना चाहिए। अत: मात्र प्रथम सूचना रिपोर्ट न लिखाये जाने एवं पोस्‍टमार्टम न कराए जाने के आधार पर बीमा दावा निरस्‍त किया जाना न्‍यायोचित एवं विधिसम्‍मत नहीं माना जा सकता।

प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रश्‍नगत निर्णय को पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं बीमा पालिसी की शर्तों के आलोक में पारित होना बताया तथा अपील निरस्‍त किए जाने की प्रार्थना की।

प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत दुर्घटना में मृत्‍यु होने की स्थिति में इफको ब्राण्‍ड के ५० कि0ग्रा0 के एक बोरे की साधन सहकारी समिति से कृषक द्वारा की गई खरीद पर बीमाधारक द्वारा नामित व्‍यक्ति क्षतिपूर्ति के रूप में ४,०००/- रू० प्रति बोरा प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा। क्षतिपूर्ति की यह अधिकतम सीमा ०१.०० लाख रू० तक ही होगी। सॉंप काटने से पहुँची चोट को पालिसी के अन्‍तर्गत आच्‍छादित होना माना गया है। यद्यपि बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत दावे की प्रक्रिया में प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति एवं पोस्‍टमार्टम की चर्चा की गई है। साथ ही अपीलार्थी के अनुसार दावा प्रपत्र में पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट उपलब्‍ध न होने की दशा में पंचनामे का विकल्‍प होना बताया गया है। ऐसी परिस्‍थति में सॉंप काटने से हुई मृत्‍यु को प्रमाणित करने हेतु प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति एवं पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट को दाखिल किये जाने का स्‍वरूप आज्ञापक नहीं माना जा सकता।

 

-५-

प्रस्‍तुत प्रकरण के सन्‍दर्भ में बीमाधारक की सॉंप काटने से हुई मृत्‍यु को प्रमाणित करने हेतु परिवादी द्वारा पंचनामा दाखिल किया गया है तथा पंचनामे में गॉंव प्रधान सहित गॉंव के अन्‍य प्रतिष्ठित व्‍यक्तियों द्वारा हस्‍ताक्षर किए गये हैं। इस पंचनामे में जिस साधन सहकारी समिति से खाद क्रय की गई, उसके सचिव प्रत्‍यर्थी सं0-२ के भी हस्‍ताक्षर हैं। यद्यपि प्रत्‍यर्थी सं0-२ ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह उल्लिखित किया है कि सॉंप काटने की कथित घटना उनके समक्ष घटित नहीं हुई किन्‍तु प्रतिवाद पत्र में प्रत्‍यर्थी सं0-२ ने यह स्‍वीकार किया है कि बीमाधारक की मृत्‍यु की सूचना उन्‍हें प्राप्‍त हुई। सूचना प्राप्‍त होने के उपरान्‍त वह मौके पर गये। वहॉं एकत्रित गॉंव के व्‍यक्तियों द्वारा यह कहा जा रहा था कि बीमाधारक की मृत्‍यु सॉंप काटने से हुई। ऐसी परिस्थिति में अपीलार्थी/परिवादी द्वारा जिला मंच के समक्ष प्रस्‍तुत की साक्ष्‍य के आधार पर बीमाधारक की मृत्‍यु सॉंप काटने से होना प्रमाणित है। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा दावा स्‍वीकार न करके सेवा में त्रुटि की गई है। अपीलार्थी/परिवादी निर्विवाद रूप से बीमाधारक द्वारा नामित व्‍यक्ति है, अत: प्रश्‍नगत बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत अपीलार्थी/परिवादी ०१.०० लाख रू० क्षतिपूर्ति के रूप में मय ब्‍याज प्राप्‍त करने का अधिकारी है। जिला मंच द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य का उचित परिशीलन न करते हुए पारित किये जाने के कारण अपास्‍त किए जाने योग्‍य है। अपील तद्नुसार स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, अलीगढ़ द्वारा परिवाद सं0-२४९/२००६ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २०-०४-२००७ अपास्‍त किया जाता है। परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी को निर्देशित किया जाता है कि वह अपीलार्थी/परिवादी को संकट हरण बीमा पालिसी के अन्‍तर्गत ०१.०० लाख रू० निर्णय की प्रति प्राप्ति की तिथि से ४५ दिन के अन्‍दर भुगतान करे। बीमा की इस धनराशि पर अपीलार्थी/परिवादी परिवाद योजित किए जाने की तिथि से सम्‍पूर्ण धनराशि की अदायगी तक ०६ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी प्राप्‍त करने का

 

 

-६-

अधिकारी होगा। प्रत्‍यर्थी बीमा कम्‍पनी को यह भी निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को २,०००/- रू० वाद व्‍यय के रूप में भी निर्धारित अविध के मध्‍य अदा करे।

      इस अपील का व्‍यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

                                     

                                                (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                  पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                  (गोवर्द्धन यादव)

                                                      सदस्‍य

 

 

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-२.  

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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