Uttar Pradesh

StateCommission

CC/57/2020

M/S Pamvi Industries Ltd - Complainant(s)

Versus

Iffco Tokio General Insurance Co. Ltd - Opp.Party(s)

Vaibhav Krishna

14 Jun 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/57/2020
( Date of Filing : 04 Mar 2020 )
 
1. M/S Pamvi Industries Ltd
Regd. Office 87/88 Shahpur Panki Kanpur Nagar Through its Duly Authorised Director Mr. Vijay Kumar Shukla S/O late Shri Bal Chandra Shukla R/O 621/24 W-2 Juhi Kala Kanpur Nagar
...........Complainant(s)
Versus
1. Iffco Tokio General Insurance Co. Ltd
Head office Iffco Sadan C-1 District CEntre Saket New Delhi 110017 Through its Principal Officer
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 14 Jun 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

परिवाद संख्‍या-57/2020

मै0 पमवी इण्‍डस्‍ट्रीज लि0

बनाम

इफको टोकियो जनरल इंश्‍योरेंस कं0लि0

समक्ष:-                                                   

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित         : श्री वैभव कृष्‍णा,

                                                     विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित          : श्री अशोक मेहरोत्रा,

                                                       विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक : 14.06.2023  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.        यह परिवाद बीमा कंपनी के विरूद्ध अंकन 22,75,250/-रू0 बीमित राशि की वसूली के लिए तथा मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 2,00,000/-रू0 की वसूली के लिए प्रस्‍तुत किया गया है।

2.        परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा दिनांक 27.9.2008 को वाहन संख्‍या-यू.पी. 78 बी.आर. 7007 BMW 730 LD क्रय की गई। इस वाहन का बीमा दिनांक 14.8.2017 से दिनांक 16.1.2018 तक की अवधि के लिए कराया गया, जिसकी पालिसी संख्‍या-50086894 है। दिनांक 16.9.2017 को यह वाहन कांधी, कानपुर देहात में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। तत्‍समय वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेन्‍स था, जिसकी प्रति अनेक्‍जर संख्‍या-3 है तथा बीमा पालिसी की प्रति अनेक्‍जर संख्‍या-4 है। दिनांक 7.5.2018 को परिवादी ने विपक्षी बीमा कंपनी को बीमा क्‍लेम प्रदान करने के लिए ई-मेल भेजा, जिसका जवाब दिनांक  10.5.2018  को दिया गया और कहा गया कि अंकन 9,75,000/-

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रू0 का क्‍लेम स्‍वीकार किया गया है तथा सॉल्‍वेज की कीमत अंकन 2,00,000/-रू0 ही मानी गयी है, जिसका उत्‍तर यह कहते हुए दिया गया कि टोटल IDV मूल्‍य अंकन 22,75,250/-रू0 की राशि बतौर क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए। दिनांक 17.6.2018 को सर्वेयर श्री आर.पी. सिंह का पत्र प्राप्‍त हुआ, जिसमें कहा गया कि वाहन की तुरंत मरम्‍मत कराई जाए, जिसका उत्‍तर दिनांक 21.6.2018 को दिया गया, जिसमें उल्‍लेख किया गया कि चूंकि बीमा क्‍लेम दिनांक 16.9.2017 से लम्बित है, इसलिए मरम्‍मत का कार्य प्रारम्‍भ नहीं किया गया है। चूंकि वाहन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्‍त हुआ था, इसलिए परिवादी कुल बीमित राशि अंकन 22,75,250/-रू0 प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। बीमा कंपनी द्वारा लीगल नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया गया, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

3.        परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र तथा अनेक्‍जर 1 लगायत 8 प्रस्‍तुत किए गए।

4.        विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया, बीमा होना तथा बीमित मूल्‍य अंकन 22,75,250/-रू0 होना स्‍वीकार किया गया, परन्‍तु यह कथन किया गया कि सर्वेयर द्वारा केवल रू0 13,46,529.99 पैसे की क्षति का आंकलन किया गया है। स्‍वंय परिवादी ने मरम्‍मत कार्य प्रारम्‍भ नहीं कराया और मरम्‍मत के बिल प्रेषित नहीं किए, इसलिए बीमा क्‍लेम निर्धारित करने में समय व्‍यतीत हुआ। चूंकि स्‍वंय परिवादी ने बीमा क्‍लेम सुनिश्‍चित करने के लिए कभी भी सहयोग नहीं किया, इसलिए वह स्‍वंय उत्‍तरदायी हैं। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

5.        लिखित कथन के समर्थन में शपथ पत्र तथा अनेक्‍जर 1 लगायत 6 प्रस्‍तुत किए गए।

 

 

-3-

6.        परिवादी तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया।

7.        परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि चूंकि वाहन सम्‍पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्‍त हुआ है, इसलिए पालिसी में वर्णित समस्‍त राशि बतौर क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी को अदा करनी चाहिए, जबकि विपक्षी बीमा कंपनी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि सर्वेयर द्वारा केवल रू0 13,46,529.99 पैसे की क्षति का आंकलन किया गया है, इसलिए बीमा कंपनी समस्‍त बीमित मूल्‍य अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नही है।

8.        परिवादी द्वारा पृष्‍ठ संख्‍या 24 लगायत 27 तक मरम्‍मत होने में खर्च होने वाली राशि के अनुमानित मूल्‍य की रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई है, जबकि बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई है। बीमा कंपनी केवल दुर्घटना के कारण हुई क्षति की पूर्ति के लिए उत्‍तरदायी है। दुर्घटना घटित होने के पश्‍चात कोई भी वाहन स्‍वामी केवल दुर्घटनाग्रस्‍त पार्ट्स को परिवर्तित नहीं कराता, अपितु दुर्घटना से प्रभावित पार्ट्स के अलावा वाहन के अन्‍य पार्ट्स एवं पुर्जों की भी मरम्‍मत कराता है, इसलिए यह स्‍टीमेट केवल दुर्घटना के कारण प्रभावित होने वाले पार्ट्स एवं पुर्जों की मरम्‍मत के लिए नहीं है, अपितु सम्‍पूर्ण वाहन के पार्ट्स एवं पुर्जों की मरम्‍मत के अलावा डेंटिंग पेंटिंग क‍े लिए है, इसलिए इस स्‍टीमेट के अनुसार क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने का आदेश बीमा कंपनी को नहीं दिया जा सकता। सर्वेयर द्वारा मौके पर जाकर वाहन में कारित क्षति का आंकलन किया गया है, जो इस विषय के विशेषज्ञ व्‍यक्ति हैं। उनके द्वारा दुर्घटना से कारित/प्रभावित पार्ट्स एवं पुर्जो का उल्‍लेख अपनी रिपोर्ट में किया गया है तथा उनकी कीमत का भी आंकलन किया गया है। परिवादी द्वारा स्‍वंय कोई मरम्‍मत नहीं कराई गई, कोई सामान क्रय नहीं किया गया, सामान की  रसीद  इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं की गई, इसलिए परिवादी ने

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जो स्‍टीमेट दाखिल किया है, उसके विवरण के अनुसार क्षतिपूर्ति दिलाया जाना संभव नहीं है। सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार क्षतिपूर्ति की राशि दिलाया जाना उचित है।

9.        चूंकि बीमा कंपनी द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट तैयार करने में अत्‍यधिक समय लिया गया। यद्यपि स्‍वंय परिवादी ने भी मई में लिखे गए पत्र का जवाब जून में दिया है, परन्‍तु बीमा कंपनी द्वारा सर्वे करने का प्रारम्‍भ अत्‍यधिक देरी से किया गया है, इसलिए परिवादी इस मद में अंकन 2,00,000/-रू0 प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। यह परिवाद तदनुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

10.        प्रस्‍तुत परिवाद स्‍वीकार किया जाता है।

(क.)       विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि परिवादी को सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार रू0 13,46,529.99 पैसे (तेरह लाख छियालिस हजार पांच सौ उनतिस रूपये निनयानवे पेसे) इस निर्णय एंव आदेश की तिथि से 03 माह की अवधि के अंदर अदा करें। इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज भी देय होगा।

(ख.)       परिवादी को मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 2,00,000/-रू0 (दो लाख रूपये) इस निर्णय एंव आदेश की तिथि से 03 माह की अवधि के अंदर विपक्षी द्वारा परिवादी को अदा किया जाए। उपरोक्‍त अवधि के अंतर्गत यदि यह राशि अदा नहीं की गई तब इस राशि पर भी परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज देय होगा।

(ग.)        परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 25,000/-रू0 (पच्‍चीस हजार रूपये) भी इस निर्णय एंव आदेश की तिथि से 03 माह की अवधि के अंदर

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विपक्षी द्वारा परिवादी को अदा किया जाए। उपरोक्‍त अवधि के अंतर्गत यदि यह राशि अदा नहीं की गई तब इस राशि पर भी परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज देय होगा।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                                         (सुशील कुमार)

       अध्‍यक्ष                                                         सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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