Uttar Pradesh

StateCommission

A/1039/2022

Arvind Kumar - Complainant(s)

Versus

Iffco Tokio General Insurance Co. Ltd - Opp.Party(s)

Sushil Kumar Sharma

23 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1039/2022
( Date of Filing : 06 Oct 2022 )
(Arisen out of Order Dated 06/08/2022 in Case No. Complaint Case No. C/2013/32 of District Hamirpur)
 
1. Arvind Kumar
S/o Sri Shivram R/o Vill. Muskara Tehsil Maudaha Dist. Hamirpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Iffco Tokio General Insurance Co. Ltd
S.B.S. Marg Civil lines Allahabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Jan 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1039/2022

अरविन्‍द कुमार पुत्र श्री शिवराम, निवासी ग्राम मुस्‍करा, तहसील मौदहा, जिला हमीरपुर उ0प्र0

   ........... अपीलार्थी/परिवादी                                              

बनाम              

1-    इफ्को टोकियो जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा ब्रांच मैनेजर एस0बी0एस0 मार्ग, सिविल लाइन्‍स इलाहाबाद।

2-    इफ्को टोकियो जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा क्‍लेम मैनेजर पंजीकृत कार्यालय इफ्को सदन सी-15, सेक्‍टर साकेत, नई दिल्‍ली-110017

                                   …….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष              

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता         : श्री सुशील कुमार शर्मा

प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता        : कोई नहीं।

दिनांक :- 23.01.2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी अरविन्‍द कुमार द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, हमीरपुर द्वारा परिवाद सं0-32/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.8.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अपने वाहन संख्‍या-3916-जी0ए0 226 का बीमा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी से दिनांक 13.8.2012 से दिनांक 12.8.2013 तक की अवधि के लिए कराया गया था एवं उक्‍त वाहन दिनांक 21.9.2012 को दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया तथा घटना की तहरीर उसी दिन थाना जलालपुर में दी गई एवं प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को सूचना उसके इलाहाबाद और दिल्‍ली स्थित

-2-

कार्यालय में टेलीफोन के माध्‍यम से दी गई। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के सर्वेयर द्वारा प्रश्‍नगत वाहन का सर्वे किया गया और वाहन की मरम्‍मत में अपीलार्थी/परिवादी का मु0 85,510.00 रू0 खर्च हुआ, परन्‍तु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी के एजेण्‍ट द्वारा दिनांक 28.11.2012 को मात्र 2615.00 रू0 का चेक प्रदान किया गया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा क्षति का सही भुगतान न कर सेवा में कमी की गई। अत्एव क्षुब्‍ध होकर परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-1 की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद पत्र के कथनों का विरोध किया गया तथा यह कथन किया गया कि परिवाद कालबाधित है एवं प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-1 द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। यह भी कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा फर्जी बिल व रसीदें बनवाकर अधिक क्षतिपूर्ति की मॉग की गई है एवं वास्‍तविक क्षति के आधार पर क्षति की धनराशि का निर्धारण किया गया है, अत्एव परिवाद निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍य पर विस्‍तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

"परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी को बीस हजार रूपये की धनराशि बतौर क्षतिपूर्ति एक माह में अदा करे। यदि विपक्षी सं0-1 उक्‍त धनराशि को एक माह में अदा नहीं करता है तो परिवादी विपक्षी सं0-1 से याचिका दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत की दर से ब्‍याज सहित वसूल कर पाने का अधिकारी होगा। तथ्‍य एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।" 

-3-

जिला उपभोक्‍ता आयोग के प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/ परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में याचित सम्‍पूर्ण अनुतोष को यथावत प्रदान किये जाने हेतु प्रस्‍तुत अपील योजित की गई है।

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: विधि अनुकूल है तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो अनुतोष अपने प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश में अपीलार्थी/परिवादी को प्रदान किया गया है, उसमें किसी प्रकार कोई अवैधानिकता अथवा विधिक त्रुटि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपीलीय स्‍तर पर इंगित नहीं की जा सकी है, तद्नुसार अंगीकरण के स्‍तर पर अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वइ इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                 (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                     

                                           अध्‍यक्ष                                                                                                                                

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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