राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-727/2024
(जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्धारा परिवाद सं0-156/2022 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 14-03-2024 के विरूद्ध)
महावीर प्रसाद यादव पुत्र श्री धर्मपाल दास, निवासी 138/13, ब्रह्मपुरी, दिल्ली, वर्तमान पता ग्राम-सुराना, थाना-मुरादनगर, जिला गाजियाबाद।
........... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
1. इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, यूनिट 52261, विजिलेंस फ्लोर, अंसल फार्चून आर्किट, सेक्टर-18, नोएडा द्वारा मैनेजर।
2. हुण्डई मोटर इण्डिया लि0 द्वारा डीलर, घूकना मोड़, मेरठ रोड, जिला-गाजियाबाद।
3. मै0 महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाइनेंस इण्डिया लि0, 223, 225, 227, सेकण्ड फ्लोर, अंसल चेम्बर 2, प्लाट 06, भिकाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली द्वारा मैनेजर।
…….. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष :-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं।
दिनांक :- 28-05-2024.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इस आयोग के सम्मुख उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-41 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्धारा परिवाद सं0-156/2022 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 14-03-2024 के विरूद्ध योजित की गई है। विद्वान जिला आयोग द्वारा उक्त आदेश दिनांक 14-03-2024 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति में अदम पैरवी में परिवाद निरस्त किया गया।
-2-
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई।
पीठ द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत आदेश का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय का ध्यान उक्त आदेश दिनांक 14-03-2024 की ओर आकृष्ट करते हुए कथन किया गया कि यद्यपि परिवाद वर्ष 2022 से विद्वान जिला आयोग के सम्मुख लम्बित था परन्तु परिवादी विद्वान जिला आयोग के सम्मुख पूर्व में लगभग प्रत्येक तिथि पर उपस्थित होता रहा था।
पीठ द्वारा उपरोक्त आदेश दिनांक 14-03-2024 का सम्यक् रूप से परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त यह पाया गया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख वर्ष 2022 में योजित किया गया तथा जो एक पक्षीय रूप से उपरोक्त आदेश दिनांक 14-03-2024 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति के कारण अदम पैरवी में खारिज किया गया, जबकि अपीलार्थी के अधिवक्ता के कथनानुसार परिवादी लगभग प्रत्येक निश्चित तिथि पर उपस्थित होता रहा। अत्एव पीठ के अभिमत में परिवादी को न्यायहित में सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है। तदनुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार किए हुए प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
तदनुसार अपील स्वीकार की जाती है और जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्धारा परिवाद सं0-156/2022 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 14-03-2024 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण प्रतिप्रेषित करते हुए विद्वान जिला आयोग को निर्देशित किया जाता है कि परिवाद सं0-156/2022 को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए परिवाद के दोनों पक्षकारों को साक्ष्य एवं सुनवाई का विधि अनुसार समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथा सम्भव एक वर्ष की अवधि में परिवाद सं0-156/2022 को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे। किसी भी पक्षकार को बिना किसी उपयुक्त कारण के स्थगन की अनुमति न प्रदान की जावे।
-3-
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी/परिवादी अथवा उनके अधिवक्ता द्वारा दिनांक 21-06-2024 को अथवा उससे पूर्व सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग, के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1.
कोर्ट नं0-1.