Shri Kant Pal filed a consumer case on 19 Apr 2017 against Ifco Tokiyo in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/515/2016 and the judgment uploaded on 29 Jun 2017.
श्रीकान्त पाल पुत्र श्री राजाराम पाल निवासी मकान नं0-ई.डब्लू.एस.-22, आवास विकास सं0-3, कल्यानपुर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
इफ्को टोकियो जनरल इंष्योरेन्स कंपनी लि0, 71/136-एफ, स्वरूप नगर, फ्लेम रेस्टोरेन्ट के पास, कानपुर नगर-208005 द्वारा षाखा प्रबन्धक।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 31.08.2016
निर्णय तिथिः 09.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से बीमित धनराषि रू0 10,78,000.00 घटना की तिथि से 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज, मानसिक पीड़ा व सामाजिक क्षति हेतु रू0 1,00,000.00 तथा रू0 11000.00 परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी वाहन सं0-यू0पी0-77 एन-8885 का बीमा विपक्षी द्वारा जरिये कम्प्रेहेन्सिव पॉलिसी सं0-86941664 जो कि दिनांक 01.03.14 से 28.02.15 तक वैध थी तथा जिसकी कुल बीमित धनराषि रू0 10,78,000.00 थी। दौरान बीमा अवधि परिवादी का उपरोक्त ट्रक दिनांक 11.10.14 को कल्यानपुर पनकी मार्ग पर एच.पी. पेट्रोल पम्प के पास से चोरी हो गया। जिसकी चोरी की सूचना सम्बन्धित थाने में दर्ज करायी गयी तथा विपक्षी बीमा कंपनी को सूचित किया गया। परिवादी द्वारा क्लेम फार्म व समस्त आवष्यक कागजातों सहित बीमा कंपनी को बीमित धनराषि के सम्बन्ध में प्रेशित किया। उक्त प्रकरण की सम्बन्धित थाने द्वारा अपनी अंतिम रिपोर्ट भी प्रेशित कर दी गयी, परन्तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा अपने पत्र दिनांकित 29.02.16 के द्वारा पूर्णतया असत्य कथनों पर क्लेम खारिज कर दिया, जो कि विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा की गयी गंभीर सेवा में कमी का परिचायक
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है। विपक्षी बीमा कंपनी का यह कहना है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन अन्य किसी को विक्रय कर दिया गया था-कतई असत्य है। बल्कि वास्तविकता यह है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन किसी को विक्रय नहीं किया गया तथा घटना की तिथि तक विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा जारी बीमा पॉलिसी पूर्णतया वैध व प्रभावी थी। विपक्षीगण द्वारा परिवादी का क्लेम खारिज किये जाने के कारण, विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 27.02.17 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 31.08.16 एवं 19.04.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-5/1 के साथ संलग्नक कागज सं0-5/2 लगायत् 5/9 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा प्रस्तुत लिखित बहस व पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षी की ओर से बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी
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दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से, बीमित धनराषि रू0 10,78,000.00 में से 25 प्रतिषत डिप्रीसिएषन वैल्यू काटकर षेश धनराषि रू0 8,08,500.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली दिलाये जाने के लिए तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी को, बीमा धनराषि रू0 8,08,500.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
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