Rajasthan

Jaipur-I

CC/489/2012

BHEEM SINGH - Complainant(s)

Versus

IFCO TOKIYO GEN. INS. COMPANY - Opp.Party(s)

GOPAL SASHTRI

25 Jul 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/489/2012
 
1. BHEEM SINGH
SAHJAHANPUR, TEH BAHROAD DIST JAIPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. IFCO TOKIYO GEN. INS. COMPANY
8, KATEWA BHAWAN, OPP. GANPATI PLAZA, MIRZASMILE ROAD, JAIPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Seema sharma MEMBER
 HON'BLE MR. O.P. Rajoriya MEMBER
 
For the Complainant:
gopal sashtri
 
For the Opp. Party:
sourabh gupta
 
ORDER

                                                   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर

समक्ष:    श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
          श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
          श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य

परिवाद सॅंख्या: 489/2012
भीम सिंह पुत्र श्री ओमप्रकाश, निवासी ग्राम शाहजहांपुर, तहसील बहरोड, जिला अलवर Û
                                              परिवादी
               ं     बनाम

इफको टोकिया जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड 8, कटेवा भवन, गणपति प्लाजा के सामने, मिर्जा इस्माईल रोड़, जयपुर Û

              विपक्षी

अधिवक्तागण :-
श्री गोपाल शास्त्री - परिवादी
सौरभ शर्मा - विपक्षी
                             परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 17.04.12

                       आदेश     दिनांक: 06.05.2015

परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने अपने वाहन आर.जे.32 यूए 1346 का बीमा विपक्षी के यहां से दिनांक 29.12.2010 से 28.12.2011 तक की अवधि के लिए करवाया था । उक्त वाहन दिनांक 19.02.2011 को पुलिस थाना हरमाडा, जयपुर शहर के क्षेत्राधिकार से चोरी चला गया था जिसकी अविलम्ब सूचना उक्त थाने में दी गई तथा विपक्षी के यहां क्लेम प्रस्तुत किया गया । विपक्षी ने पत्र दिनांक 26.08.2011, 07.10.2011 से दस्तावेजात की मांग की जो उसे उपलब्ध करवा दिए गए । परिवादी का कथन है कि विपक्षी ने पत्र दिनांक 31.03.2012 के जरिए परिवादी को यह सूचित किया कि उसके द्वारा वाहन लक्ष्मण सिंह सैनी को विक्रय कर दिया गया था इस कारण से उसे चोरी गए वाहन का मालिकाना अधिकार प्राप्त नहीं है और इस कारण उसका क्लेम निरस्त कर दिया । परिवादी का कथन है कि वह चोरी जाने की दिनांक 19.02.2011 को प्रश्नगत वाहन का रजिस्टर्ड मालिक था और ऐसी स्थिति में उसे क्लेम राशि का भुगतान नहीं कर विपक्षी ने अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस अपनाई है । परिवादी ने विपक्षी से 4,50,000/- रूपए वाहन की कीमत, मानिसक संताप और शारीरिक हानि परेशानी के 5100/-रूपए, खर्चा मुकदमा 11000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है।
विपक्षी की ओर से परिवादी द्वारा प्रश्नगत वाहन का बीमा करवाना जाना, वाहन का चोरी जाना, प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाना, परिवादी द्वारा क्लेम प्रस्तुत करना आदि तथ्यों को स्वीकार किया गया है परन्तु विपक्षी का मुख्य रूप से यह कहना है कि परिवादी द्वारा वाहन सॅंख्या आर.जे.32 यूए 1346 को अन्य व्यक्ति श्री लक्ष्मण सिंह सैनी को दिनांक 09.02.2010 को जरिए इकरारनामा विक्रय कर दिया था तथा उस तिथी के पश्चात परिवादी किसी प्रकार से विपक्षी के समक्ष क्लेम प्रस्तुत करने का अधिकारी नहीं था और ऐसी स्थिति में विपक्षी ने क्लेम निरस्त कर कोई सेवादोष कारित नहीं किया है । अत: परिवाद पत्र खारिज किया जावे ।
मंच द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
प्रस्तुत प्रकरण में विपक्षी बीमा कम्पनी ने परिवादी को बीमा क्लेम की राशि इस आधार पर अदा नहीं की है कि उसके बीमित वाहन का विक्रय कर दिया था इसलिए उसका इस सम्बन्ध में कोई बीमाहित लाभ नहीं रहा था जिस कारण वह क्लेम राशि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है । परिवादी का कथन है कि वह प्रश्नगत बीमित वाहन का पंजीकृत स्वामी है और बीमा पाॅलिसी उसी के नाम से जारी की गई है तथा परिवादी व लक्ष्मण सिंह सैनी द्वारा जो करार हुआ था उसे परिवादी द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
परिवादी की ओर से अपने तर्क के समर्थन में  निम्न न्याय निर्णय पेश किए गए हैं:-

        1. IV (2012) cpj 159 ( NC) ADVIK INDUSTRIES LTD. versus UPPAL HOUSING LIMITED & ANR

        2.  2013 (1) CPR 451 (NC) Bajaj Allianz General Insurance Co.Ltd. versus Smt. Lalita Devi

        3.  REVISION PETITION NO. 2262 OF 2007 National Insurance Co. Ltd. versus Jai Pal Singh & Ors

4. II (2008) CPJ 364 (NC) National Insurance Co. Ltd versus Shrawan Bhati

5.  Rajasthan  State Commission Appeal No. 1223/2007 National Insurance Co. Ltd versus Shrawan Bhati

6.  REVISION PETITION NO. 2728 OF 2014 Smt Prem Devi versus m/s Cholamandalam  

 

 उपरोक्त वर्णित न्याय निर्णयों में प्रतिपादित सिद्धान्तों का सार यही है कि इंश्योरेंस कम्पनी से केवल वही व्यक्ति वाहन की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है जिसका कि नाम बीमा पाॅलिसी में है ।
अत: उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि चूंकि पाॅलिसी परिवादी के नाम संबंधित अवधि में थी इसलिए परिवादी बीमित मूल्य 4,50,000/- रूपए प्राप्त करने का अधिकारी है ।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि  विपक्षी बीमा कम्पनी आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी को 4,50,000/- रूपए अक्षरे चार लाख पचास हजार रूपए का भुगतान करेगी एवं इस राशि पर 31.03.2012 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भी भुगतान करेगी । इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेगी । आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त राशि पर आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।           
निर्णय आज दिनांक 06.05.2015 को लिखाकर सुनाया गया।

 


( ओ.पी.राजौरिया )   (श्रीमती सीमा शर्मा)    (राकेश कुमार माथुर)    
     सदस्य              सदस्य          अध्यक्ष   

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE R.K.Mathur]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Seema sharma]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. O.P. Rajoriya]
MEMBER

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