Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/178/2009

SURESH GUPTA - Complainant(s)

Versus

IFCO TOKIO - Opp.Party(s)

RAMAKANT SHUKLA

01 Jul 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 178 सन् 2009

प्रस्तुति दिनांक 03.10.2009

                                                                                               निर्णय दिनांक 01.07.2021

सुरेश कुमार गुप्ता उम्र तखo 30 साल पुत्र चंचल प्रसाद गुप्ता साo मुo फूलपुर, तहसील- फूलपुर, परगना- माहुल, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. शाखा प्रबन्धक अरविन्द पाण्डेय इफ्को टोकियो जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड आराजी बाग ब्रह्मस्थान, आजमगढ़।
  2. शाखा प्रबन्धक इफ्को टोकियो जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड प्रथम तल मीना बाजार सरदार पटेल मार्ग सिविल लाइन्स इलाहाबाद।
  3. वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक इफ्को टोकियो जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड 4एण्ड5 फ्लोर इफ्को टॉवर प्लाट नं.3 सेक्टर 29 गुड़गांव हरियाणा।
  4. दिलीप कुमार गुप्ता उम्र तखo 40 साल पुत्र विनोद कुमार गुप्ता ग्राम पोस्ट- पट्टीनरेन्द्रपुर, थाना- सरपतहा, तहसील- शाहगंज, जिला- जौनपुर।      
  5.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह हीरोहोण्डा स्पेलेण्डर प्लस मोटर साइकिल रजस्ट्रेशन नं. यूपी 62/एम9637 को उसके पंजीकृत स्वामी दिलीप कुमार गुप्ता पुत्र विनोद कुमार गुप्ता ग्राम व पोस्ट पट्टीनरेन्द्रपुर, थाना- सरपतहा, जिला- जौनपुर से दिनांक 31.01.2009 को मुo 30,000/- रुपए में खरीदा। जिसका उन्होंने बेचीनामा दिनांक 31.01.2009 को 10/- रुपए के स्टाम्प पर लिखकर बेचीनामा, गाड़ी की आर.सी. एवं गाड़ी का बीमा तथा गाड़ी परिवादी के हवाले किया। उक्त कथित वाहन दिनांक 02.02.2009 को समय 2 बजे एल.आई.सी. ऑफिस गेट के सामने से चोरी हो गया, जिसकी रिपोर्ट परिवादी ने दिनांक 02.02.2009 को ही मुoअoसंo 163/09 थाना फूलपुर आजमगढ़ में दर्ज कराया। उक्त मुकदमे की विवेचना से मुल्जिमान का पता नहीं चला, लेकिन चोरी साबित हुई। पुलिस द्वारा परिवादी एवं परिवादी के गवाहान के बयान को आई.ओ. द्वारा फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गयी। परिवादी के उक्त वाहन का बीमा विपक्षी संख्या 01 द्वारा किया गया है। जिस पर कवर नोट नं. 37711959 है जो दिनांक 20.01.2009 से दिनांक 19.01.2010 तक बैध था। बीमा विपक्षी संख्या 04 के नाम से था तथा बीमित धनराशि मुo 31,000/- रुपए है। उक्त वाहन के चोरी हो जाने के बाद परिवादी ने विपक्षीगण प्रथम पक्ष से बीमित धनराशि मुo 31,000/- रुपए की मांग किया गया तो विपक्षीगण प्रथम पक्ष द्वारा बीमित धनराशि देने से इन्कार कर दिया गया। जिससे परिवादी हैरान व परेशान होकर दिनांक 19.08.2009 एवं 07.09.2009 को विपक्षीगण प्रथम पक्ष को नोटिस भेजा। लेकिन विपक्षीगण प्रथम पक्ष द्वारा नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया। अतः परिवादी एवं विपक्षी संख्या 04 को विपक्षी संख्या 01 से बीमित धनराशि मुo 31,000/- रुपए तथा मानसिक, शारीरिक क्षति हेतु 26,000/- रुपए कुल 57000/- रुपए 10% वार्षिक ब्याज की दर से दिलवाया जाए।   

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1 बेचीनामा स्टाम्प की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2 वक्त वाहन यू.पी. 62 एम.9637 के आर.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 5/3 इफ्को टोकियो द्वारा जारी मोटर वेहिकिल इन्श्योरेन्स कवरनोट की छायाप्रति, कागज संख्या 5/4 उक्त वाहन चोरी की प्रथम सूचना की रिपोर्ट की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/6, 5/7 नोटिस की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।   

विपक्षी ने जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। और विशेष कथन में उसने यह कहा है कि घटना दिनांक 02.02.2009 की थी। वाहन परिवादी सुरेश कुमार गुप्ता के नाम से स्थानान्तरित नहीं था। अतः वह उसका वैध स्वामी नहीं था। बीमा भी परिवादी के नाम से अन्तरित नहीं हुआ था। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।   

पत्रावली का अवलोकन किया। यदि हम न्याय निर्णय “एन.गोपाल बनाम नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड 2015 (II) ए.आई.सी.सी. 1178 एन.सी.” के निर्णय का अवलोकन करें तो इस न्याय निर्णय में माo राष्ट्रीय आयोग ने यह अभिधारित किया है कि दुर्घटना के दिन यदि वाहन और बीमापॉलिसी याची के नाम से अन्तरित नहीं हुई हो तो याची याचित अनुतोष को प्राप्त नहीं कर सकता है। उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।

                       

 

आदेश

                                                              परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

                                                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                       (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

                 दिनांक 01.07.2021

 

                                यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                             गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण कुमार सिंह

                                                               (सदस्य)                           (अध्यक्ष)

 

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