Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/97/2015

SAVITRI DEVI - Complainant(s)

Versus

IFCO TOKIO - Opp.Party(s)

RIPUNJAY SINGH

10 Jun 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 97 सन् 2015

      प्रस्तुति दिनांक 23.05.2015

                                      निर्णय दिनांक 10.06.2019

सावित्री देवी उम्र लगभग 40 साल पत्नी मोतीलाल साकिन मौजा- सिकरौर सहबरी, थाना- सरायमीर, जनपद- आजमगढ़।

.........................................................................................परिवादिनी।

बनाम

  1. इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo रजिस्टर्ड ऑफिस इफको सदन सी डिस्टिक लिमिटेड सेन्टर नई दिल्ली 110017
  2. इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo मुम्बई सी.एस.सी. सेकेण्ड माला ए.एफ.एल. हाउस लोक भारती कॉम्पलेक्स मरोल मरोशी रोड अंधेरी (पूर्व) मुम्बई 400054.
  3. इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo शाखा ब्रह्मस्थान, आजमगढ़ निकट स्टेडियम।
  4.  

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

  •  

सदस्य- “राम चन्द्र यादव”-

       परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके पति मोतीलाल ने दिनांक 21.06.2014 को इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo से ऐक्सीडेन्टल बीमा करवाया था। जो दिनांक 21.06.2014 से दिनांक 20.06.2016 तक के लिए वैध है। मृतक ने इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo से दिनांक 21.06.2014 को भारतीय प्रवासी बीमा योजना के तहत बीमा करवाया था जिसका पॉलिसी नम्बर 1606240 है। मोतीलाल की मृत्यु 20.08.2014 को हो गयी। मृतक की डेड बॉडी दिनांक 20.02.2015 को मिली। उसके पति का पासपोर्ट नम्बर एल.3109560 तथा बीजा नम्बर 1300420605 था। मोतीलाल की आकसम्क मृत्यु पेड़ से गिरने की वजह से दिनांक 20.08.2014 को हुई। जिसकी सूचना इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo को दे दी गयी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। मोतीलाल ने जो बीमा दिनांक 21.06.2014 को कराया था उसमें नामिनी सावित्री देवी को बनाया गया था जो कि मृतक की पत्नी हैं। याचिनी विपक्षीगण से कई बार क्लेम की मांग की, लेकिन कम्पनी ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया और न कोई भुगतान किया। दावा दाखिला के एक माह बाद द्वारा मुकदमा विपक्षीगण द्वारा प्रार्थनी को फोन, बीमा कम्पनी के मेल आईडी. पर क्लेम के लिए जो प्रपत्र मांगे गए थे। उसको भेज दिया। लेकिन आज तक बीमा का कोई निस्तारण नहीं हुआ। अतः परिवादिनी को 11,50,000/- रुपया 12% ब्याज के साथ बीमा की सम्पूर्ण धनराशि दिलवाया जाए। शारीरिक व

P.T.O.

2

मानसिक कष्ट के ले 50,000/- रुपया और अन्य खर्च जिसके लिए वह अधिकृत था उसे दिलवाया जाए।

       परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

       प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 5/1 ता 5/2 नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 5/3 स्पेशल पॉवर ऑफ अटार्नी, कागज संख्या 5/5 मृत्यु प्रमाण पत्र, कागज संख्या 5/7 मृत्यु प्रमाण पत्र कागज संख्या 5/8 इन्श्योरेन्स की छायाप्रति, कागज संख्या 5/9 बीमा पॉलिसी, कागज संख्या 5/10 ट्रेवेल डॉक्यूमेन्ट, कागज संख्या 5/11 मृतक के शरीर को भेजे जाने का प्रमाण पत्र, कागज संख्या 5/12 मतगणना प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है।

       विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र में किए गए कथनों से इन्कार किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। परिवादिनी ने अपने मृत पति मोतीलाल की दिनांक 20.08.2014 को हुई। तथाकथित मृत्यु के सम्बन्ध में विपक्षी इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo मुम्बई सी.एस.सी. द्वितीय माला ए.एफ.एस. हाउस लोक भारती काम्पलेक्स मरोल मरोसी रोड अन्धेरी (पूर्व) मुम्बई 400059 को परिवाद पत्र दाखिल करने के पूर्व दिनांक 28.08.2015 को परिवादी द्वारा प्रेषित प्रपत्रों के माध्यम से उसके पति की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई। विपक्षी ने तत्परता बरतते हुए दिनांक 06.05.2015 को परिवादिनी को पत्र प्रेषित किया। निर्धारित फार्म पर आवश्यक पत्रों की मांग किया। ताकि क्लेम का निस्तारण किया जा सके। परन्तु परिवादिनी ने वर्तमान समय तक औपचारिकताओं को पूर्ण नहीं किया। इसलिए परिवाद पत्र निरस्त होने योग्य है। न्यायालय से नोटिस प्राप्त होने के पश्चात् कम्पनी ने दिनांक 06.05.2015 के पत्र द्वारा आवश्यक प्रपत्रों की मांग किया था और उससे कहा गया था कि वह निर्धारित फॉर्म सम्पूर्ण एवं विधिवत ढंग से भरकर नामिनी के हस्ताक्षर के साथ प्रेषित करें साथ कैंसिल कराए गए पासपोर्ट, दुर्घटना के समय मूल वैध बीजा, मृतक के कार्य करने के स्थान का अनुबन्ध पत्र, सउदी अरब के अधिकारियों द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस रिपोर्ट, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट, भारतीय दूतावास का प्रमाणपत्र, नामिनी का आईडी. प्रूफ, राशन कार्ड का कापी, नामिनी का बैंक पासबुक की प्रति, एवं उक्त बैंक का आईएफएससी. कोड ताकि बीमित धनराशि वित्त मन्त्रालय के वर्तमान गाइड लाईन एवं नियमों के अनुसार सीधे नामिनी के खाते में भेजा जा सके एवं मृत्यु की सूचना विलम्ब से दिए जाने के कारण सहित समस्त प्रपत्र प्रेषित करें। परिवादिनी ने अब तक अपना कोई भी अभिलेख नहीं भेजा। इसी कारण उसके बीमा के निस्तारण में विलम्ब हो रहा है। परिवाद मिथ्या आधारों पर दाखिल किया गया है। अतः खारिज किया जाए।                                                                                                                                                                                       P.T.O.

3

विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

       21ग चेयरमैन इफको टोकियो जनरल इंoकंoलिo मुम्बई को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 22/8 फॉरेन्सिक मेडिकल रिपोर्ट, कागज संख्या 22/15 यूनियन बैंक का खाता नम्बर, कागज संख्या 22/16 राशन कार्ड की छायाप्रति, कागज संख्या 22/17 वारिस प्रमाण पत्र, कागज संख्या 22/18 परिवार रजिस्टर की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

       13ग कम्पनी द्वारा परिवादिनी से मांगे गए सबूत की छायाप्रति।

       उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना तथा पत्रावली का अनुशीलन किया। विपक्षी ने अपने प्रतिवाद पत्र में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि मृतक ने अपना बीमा नहीं करवाया था। परिवादिनी का बीमा अब तक केवल इस आधार पर निस्तारित नहीं किया गया है कि परिवादिनी ने कम्पनी द्वारा मांगे गए प्रपत्रों को उपलब्ध नहीं कराया। कम्पनी ने जो भी प्रपत्र परिवादिनी से मांगा था वह सारे प्रपत्र उसने परिवाद पत्र में दाखिल किया है। जहां तक एफ.आई.आर. की प्रतिलिपि का प्रश्न है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसका विवरण प्रस्तुत किया गया है। इस प्रकार हमारे विचार से पत्रावली पर परिवादिनी ने जो भी प्रपत्र प्रस्तुत किया है। वह बीमा पॉलिसी के के निस्तारण हेतु पर्याप्त हैं। इस प्रकार परिवाद स्वीकार होने योग्य है।

आदेश

       परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को संयुक्त रूप से तथा पृथक-पृथक रूप से आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी का क्लेम अविलम्ब निस्तारित करें। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।    

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                         दिनांक 10.06.2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                    (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

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