kamalkumar filed a consumer case on 25 Feb 2015 against idea private limited in the Tonk Consumer Court. The case no is cc/16/2014 and the judgment uploaded on 12 Mar 2015.
कमल कुमार मीणा बनाम आईडिया प्रा0 लि0 जयपुर
परिवाद संख्या 16/2014
25.02.2015
दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षी कम्पनी का संक्षेप में यह सेवादोष बताया है कि उसनें विपक्षी कम्पनी की सिम ली दिनांक 25.08.2013 को उसमें 200/- रूपये का बैलेंस था इसके बावजूद उसे बिना सूचना के बंद कर दिया। सम्पर्क करने पर कोई कारण नही बताया गया जिससे उसे असुविधा के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी कम्पनी के जवाब का सार है कि वह दूरसंचार विभाग का लाईसेंसी है। दूरसंचार विभाग, भारत सरकार द्वारा दिनांक 09.08.2012 को जारी निर्देशों की पालना में परिवादी के नम्बर से सम्बन्धित दस्तावेज आॅडिट में नियमानुसार नही पाये गये इसलिए परिवादी को दिनांक 22.08.2013 को अवगत कराया गया कि दो दिन के अन्दर अपने दस्तावेजों का सत्यापन करावें, इसकी पालना नही होने पर नियमानुसार उसके नम्बर की सेवाऐं दिनांक 24.08.2013 को बंद कर दी गई सेवा में कोई कमी नही की गई। परिवादी नें अपना नम्बर पूर्व की कम्पनी से उनके यहां हस्तानंतरित कराया था जिसके नियमानुसार नम्बर बंद होने के 90 दिवस के अन्दर वह नम्बर मूल कम्पनी को ही लौटाना आवश्यक था इसलिए उसे लौटा दिया गया तथा परिवादी को पुराना नम्बर पुनः आंवटित नही हो सकता था। इसलिए उन्होंने सेवा में कोई कमी नही की अपितु दूरसंचार विभाग के निर्देशों व नियमानुसार ही कार्यवाही की है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा अपने मूल निवास का प्रमाण-पत्र की प्रति प्रस्तुत की है। विपक्षी कम्पनी ने साक्ष्य में अधिकृत प्रतिनिधि शीलरतनम अभिजातम के शपथ-पत्र के अलावा दूरसंचार विभाग के परिपत्र दिनांक 09.08.2012 की प्रति प्रस्तुत की।
हमने विचार किया।
परिवादी ने विपक्षी कम्पनी इस जवाब का स्पष्ट रूप से खण्डन नही किया है कि उसकी सिम बंद करने से दो दिन पूर्व उसे मैसेज भेजकर अवगत कराया गया कि वह अपनें पहचान व निवास से सम्बन्धित दस्तावेजात का सत्यापन दो दिन में कराये अन्यथा उसकी सिम बंद कर दी जावेगी। इसलिए हम पाते है कि विपक्षी कम्पनी से सूचना मिलने के बावजूद नियमानुसार परिवादी ने अपने दस्तावेजात का निर्धारित अवधि में विपक्षी कम्पनी के यहां सत्यापन नही कराया ऐसी स्थिति में दूरसंचार विभाग के निर्देशों व नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए विपक्षी कम्पनी ने सेवा में कोई कमी नही की है। परिवाद खारिज होने योग्य है।
अतः परिवाद खारिज किया जाता है।
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।
विष्णु कुमार गुप्ता किरण चैरसिया भगवानदास खण्डेलवाल
(सदस्य) (सदस्या) (अध्यक्ष)
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