जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
सुधा यादव.....................................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-512/2010
सुरेन्द्र सिंह पुत्र महिपाल सिंह निवासी मकान नं0-13 ई-ब्लाक पनकी थाना पनकी, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्धक, आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड हेल्थकेयर स्थित 4/10 ग्राउन्ड फ्लोर विद्यार्थी मार्केट, गोविन्द नगर कानपुर नगर-208006
2. डा0 वी0के0 वर्मा, राजाराम हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर, 26 ए0 एण्ड बी0 ब्लाक ई0 पनकी कालपीरोड कानपुर नगर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 04.08.2010
परिवाद निर्णय की तिथिः 23.08.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से, इलाज में हुये खर्च रू0 71,008.00, मानसिक, षारीरिक व आर्थिक क्षति के रूप में रू0 20000.00 व नोटिस खर्च रू0 500.00 कुल रू0 91,508.00 मय ब्याज दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से बीमा पॉलिसी सं0-40341/सी.एच.सी./ 04788343/00/000 दिनांक 22.05.09 को ली गयी थी। विपक्षीगण द्वारा पॉलिसी से सम्बन्धित समस्त आवष्यक औपचारिकतायें मेडिकल जांच आदि विपक्षी सं0-2 राजाराम हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर कानुपर नगर के यहां कराया था। परिवादी अचानक दिनांक 22.11.09 को सिर में चोट लगने के कारण चोटहिल हो गया और विपक्षी सं0-2 के हास्पिटल में इलाज हेतु
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भर्ती हुआ था। दिनांक 08.12.09 को परिवादी को हास्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उक्त इलाज में परिवादी का रू0 71,008.00 खर्च हुआ था। विपक्षी सं0-2 से पॉलिसी कराते वक्त यह आष्वासन दिया गया था कि यदि परिवादी दिनांक 22.06.09 से 21.06.10 तक कभी भी बीमार या दुर्घटनाग्रस्त या चोटहिल हो जाता है, तो इलाज का संपूर्ण खर्च का भुगतान अविलम्ब कर दिया जायेगा। परिवादी द्वारा जब अपने उपरोक्त इलाज में हुए खर्च के भुगतान हेतु विपक्षी सं0-1 से कहा गया तो विपक्षी सं0-1 ने भुगतान देने के बजाय दिनांक 03.02.10 को एडीषनल नोटिस दिया। पुनः दिनांक 08.02.10 को एडीषनल नोटिस दिया और यह कहा कि सारी जानकारी आप राजाराम हास्पिटल से लेकर आये तब परिवादी काफी परेषान हो गया और कई बार विपक्षी सं0-2 के अस्पताल गया। किन्तु वहां पर परिवादी की कोई बात नहीं सूनी गयी और इलाज से सम्बन्धित जानकारी विपक्षी सं0-1 इंष्योरेन्स कंपनी को भेज देने की बात कही गयी। किन्तु आज तक विपक्षी सं0-1 के विभाग द्वारा न तो परिवादी का को कोई रूपया दिया गया और न ही बावजूद विधिक नोटिस कोई जानकारी दी गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में अंकित अंतरवस्तु का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी ने विपक्षी के यहां से एक बीमा पॉलिसी ली थी, जब तक बीमा पॉलिसी के प्रपत्र का विवरण विपक्षी को नहीं देता है, तब तक उसका कथन स्वीकार नहीं है। परिवादी ने जैसा कहा कि उसे बीमा पॉलिसी की अवधि में चोट लगी और विपक्षी सं0-2 के यहां इलाज कराया, इसकी जानकारी विपक्षी को बिल्कुल नहीं है। क्योंकि इसकी सूचना न तो परिवादी ने न तो विपक्षी सं0-2 ने विपक्षी को कभी दी, जिससे विपक्षी सं0-1 कोई कार्यवाही या जवाब नहीं दे सका। परिवादी ने इलाज में जो भी खर्च किया है, वह परिवादी व विपक्षी सं0-2 के बीच की कार्यवाही थी,
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जिसका विपक्षी सं0-1 से कोई सम्बन्ध व सरोकार नहीं है। परिवादी के कथनानुसार परिवादी का कुल खर्च रू0 71008.00 हुआ, जिसके पर्चे मेरे, परिवादी के पास सुरक्षित हैं। इस तरह विपक्षी सं0-1 के यहां कोई क्लेम नहीं किया गया गया और यदि किया होता तो उसे खर्च के बिल पर्चे उसके पास न होकर बीमा कंपनी के कार्यालय में होना चाहिए था। परिवादी ने अपने ही कथन से स्पश्ट किया है कि उसने बीमा कंपनी में कोई क्लेम नहीं किया, बल्कि उसने विपक्षी सं0-2 से किया था। परिवादी को स्वयं बीमा कंपनी से इलाज के खर्च का क्लेम करना चाहिए था। उपरोक्त आधार पर परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध पोशणीय न होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।
4. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस भेजी गयी, किन्तु विपक्षी सं0-2 बावजूद विधिक नोटिस फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः फोरम द्वारा दिनांक 07.02.13 को विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवाद एकपक्षीय चलाये जाने का आदेष पारित किया गया।
5. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके, विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 03.08.10 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/28 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में मनीश श्रीवास्तव प्रबन्धक का षपथपत्र दिनांकित 08.10.14 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
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निष्कर्श
8. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं उभयपक्षों द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली पर उभयपक्षों की ओर से प्रस्तुत लिखित बहस एवं षपथपत्रीय साक्ष्य एवं अन्य अभिलेखीय साक्ष्यों के सम्यक अवलोकनोपरान्त विदित होता है कि विपक्षी सं0-1 बीमा कपंनी के द्वारा प्रमुख आपत्ति यह की गयी है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 को प्रष्नगत बीमा पॉलिसी का कोई विवरण क्लेम के बावत नहीं दिया गया और न ही तो विपक्षी सं0-2 के यहां इलाज कराये जाने से सम्बन्धित कोई सूचना ही दी गयी और न ही खर्च से सम्बन्धित विवरण विपक्षी सं0-1 के यहां प्रस्तुत किया गया। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में सूची के साथ व अन्य प्रपत्रों के साथ अपने इलाज से सम्बन्धित कतिपय अभिलेखीय साक्ष्यों की छायाप्रतियां प्रस्तुत की गयी है। किन्तु परिवादी द्वारा षपथपत्र के अतिरिक्त अन्य कोई ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिससे यह सिद्ध होता हो कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से अपने उपरोक्त इलाज के सम्बन्ध में क्लेम करने से सम्बन्धित समस्त औपचारिकतायें करते हुए विपक्षी सं0-1 के द्वारा वांछित अभिलेख विपक्षी सं0-1 को प्रदान किये गये है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलेक में परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि परिवादी अपने क्लेम से सम्बन्धित समस्त वांछित अभिलेख विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में नियमानुसार प्रस्तुत करे तथा अन्य कोई औपचारिता हो तो उसे पूरा करे और तदोपरान्त विपक्षी सं0-1, परिवादी के क्लेम का निस्तारण नियमानुसार करे। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण
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परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
9. उपरोक्त कारणों से परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस अषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी अपने क्लेम से सम्बन्धित समस्त वांछित अभिलेख विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में नियमानुसार प्रस्तुत करे तथा अन्य कोई औपचारिता हो तो उसे भी पूरा करे और तदोपरान्त विपक्षी सं0-1, परिवादी के क्लेम का निस्तारण नियमानुसार करे।
यह भी स्पश्ट करना है कि प्रस्तुत मामले के पक्षकार अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।