Uttar Pradesh

Mahoba

78/14

VIMALA - Complainant(s)

Versus

ICICI - Opp.Party(s)

G.L.PANDEY

02 Dec 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 78/14
 
1. VIMALA
CHARKHARI
...........Complainant(s)
Versus
1. ICICI
LUCKNOW
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:G.L.PANDEY, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

            समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-78/2014                            उपस्थित- डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                       श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य,

श्रीमती विमला पत्‍नी स्‍व0प्रताप निवासी-ग्राम-अस्‍थौन परगना व तहसील-चरखारी जिला महोबा

                                                                    ...परिवादिनी                                  

बनाम

1.प्रबंधक,आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्‍बार्ड जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 चतुर्थ तल इण्डिको  कारपोरेट चैम्‍बर्स-1 विभूतिखण्‍ड,गोमतीनगर,लखनऊ 226024

2.उ0प्र0शासन द्वारा जिलाधिकारी,महोबा                                 .....विपक्षीगण

निर्णय

श्रीमती नीला मिश्रा,सदस्‍य,द्वारा उदधोषित

      परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादिनी के स्‍व0पति प्रताप उर्फ परताप पुत्र अमान एक कृषक थे तथा कृषि कार्य करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे और उनके नाम ग्राम-अस्‍थौन में खाता खतौनी सं00377 में कुल रकवा 1.0200 हे0 कृषि भूमि थी । दि0 04.05.2007 को परिवादिनी के पति कृषि कार्य के बावत अपनी बैलगाडी से जा रहे थे कि अचानक बैलगाडी से गिर गये तथा बैलगाडी उनके शरीर के ऊपर से निकल गई । इस दुर्घटना में परिवादिनी के पति के शरीर में गंभीर चोटें आईं और उन्‍हें तत्‍काल इलाज हेतु चरखारी अस्‍पताल ले जाया गया,जहां से महोबा तथा महोबा से झांसी और झांसी से ग्‍वालियर तथा इसके उपरांत लखनऊ में इलाज चला लेकिन परिवादिनी के पति के शरीर में आई चोटों के कारण दि0 07.05.2007 को उनकी मृत्‍यु हो गई।

 उ0प्र0सरकार द्वारा उ0प्र0 के समस्‍त कृषकों का किसान दुर्घटना बीमा कराया जाता है तथा उसका बीमा प्रीमियम स्‍वयं जमा किया जाता है। परिवादिनी ने इस घटना की सूचना विपक्षी सं02 को दी,जिस पर उनके द्वारा मौजा लेखपाल के माध्‍यम से घटना की जांच कराई गई तथा लेखपाल द्वारा पंजीकृत किसान दुर्घटना बीमा योजना का फार्म भरा गया और परिवादिनी से अंगूठा लगवाया गया एवं उसके साथ पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट,खतौनी की नकल,परिवार रजिस्‍टर की नकल आदि प्रपत्र संलग्‍न किये गये और बताया गया कि विपक्षी सं02 द्वारा परिवादिनी का क्‍लेमफार्म विपक्षी बीमा कंपनी को बीमित धनराशि के भुगतान हेतु भेज दिया जायेगा । परन्‍तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा उसकी बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया गया,जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादिनी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी की सेवा में त्रुटि व व्‍यापारिक कदाचरण बताते हुये यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया और बीमित धनराशि एक लाख रूपये तथा उस पर 18 प्रतिशत ब्‍याज एवं मानसिक क्षति व परिवाद व्‍यय दिलाये जाने हेतु प्रार्थना की गई ।

            विपक्षी सं01 ने अपना जबाबदावा प्रस्‍तुत किया और उनके द्वारा परिवादिनी के पति की मृत्‍यु दुर्घटना में न होकर बल्कि किसी बीमारी से हुई है और इसके संबंध में उनके द्वारा कथन किया गया कि परिवादिनी के कथन व प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंतर है । चूंकि बीमारी से मृत्‍यु दुर्घटना की श्रेणी में नहीं आती इसलिये परिवादिनी अपने पति की मृत्‍यु के संबंध में किसी प्रकार का अनुतोष प्राप्‍त करने की अधिकारिणी नहीं है । अंत में उनके द्वारा कथन किया गया कि उनके द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई और इस प्रकार परिवादिनी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।

            विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा द्वारा अपना जबाबदावा प्रस्‍तुत किया गया और उनके द्वारा स्‍वीकार किया गया कि उ0प्र0सरकार द्वारा कृषक बीमा दुर्घटना योजना चलाई गई है,जिसके प्रीमियम की एकमुश्‍त धनराशि सरकार द्वारा बीमा कंपनी को प्रदान की जाती है। कृषकों द्वारा इस संबंध में कोई प्रीमियम की धनराशि अदा नहीं की जाती है।परिवादिनी के स्‍व0पति प्रताप उर्फ परताप की मृत्‍यु बैलगाडी से गिरने एवं गर्दन के ऊपर से बैलगाडी का पहिया निकल जाने से आई गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान हो गई । परताप एक कृषक थे तथा कृषि कार्य करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे और उनके नाम ग्राम-अस्‍थैान में खाता खतौनी सं00377 में कुल रकवा 1.0200 हे0 कृषि भूमि थी । इस संबंध में परिवादिनी का बीमा क्‍लेम उनके माध्‍यम से समस्‍त औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी बीमा कंपनी को प्रेषित किया गया था । परन्‍तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादिनी के पति की मृत्‍यु को दुर्घटना में न होना बताकर बल्कि किसी बीमारी से होना कहा है और उसे बीमा धनराशि देने से मना कर दिया । इस प्रकार उनके द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई और परिवादिनी का परिवाद उनके विरूद्ध निरस्‍त किये जाने योग्‍य है ।   

      परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त परिवाद पत्र के साथ परिवादिनी श्रीमती विमला का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया ।

      विपक्षी सं01 की ओर से अपने जबाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र द्वारा मैनेजर दिया गया परन्‍तु किस मैनेजर और उनका क्‍या नाम है इसका उल्‍लेख नहीं है ।

विपक्षी सं02 की और से अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त संतोष कुमार राय,अपर जिलाधिकारी,महोबा का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया ।

      पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादिनी एवं विपक्षीगण के अधिवक्‍तागण के तर्क सुने गये ।

यह स्‍वीकृत तथ्‍य है कि परिवादिनी के पति स्‍व0 प्रताप ऊर्फ परताप के नाम मौजा-अस्‍थैान में खाता खतौनी सं00377 में कुल रकवा 1.0200 हे0 कृषि भूमि थी और वह एक पंजीकृत कृषक थे । परिवादिनी के अनुसार दि0 04.05.2007 को परिवादिनी के पति कृषि कार्य के बावत अपनी बैलगाडी से जा रहे थे कि अचानक बैलगाडी से गिर गये तथा बैलगाडी उनके शरीर के ऊपर से निकल गई । इस दुर्घटना में परिवादिनी के पति के शरीर में गंभीर चोटें आईं और उन्‍हें तत्‍काल इलाज हेतु चरखारी अस्‍पताल ले जाया गया,जहां से महोबा तथा महोबा से झांसी और झांसी से ग्‍वालियर तथा इसके उपरांत लखनऊ में इलाज चला लेकिन परिवादिनी के पति के शरीर में आई चोटों के कारण दि0 07.05.2007 को उनकी मृत्‍यु हो गई। परिवादिनी ने इस घटना की सूचना विपक्षी सं02 को दी,जिस पर उनके द्वारा मौजा लेखपाल के माध्‍यम से घटना की जांच कराई गई तथा लेखपाल द्वारा पंजीकृत किसान दुर्घटना बीमा योजना का फार्म भरा गया और परिवादिनी से अंगूठा लगवाया गया एवं उसके साथ पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट,खतौनी की नकल,परिवार रजिस्‍टर की नकल आदि प्रपत्र संलग्‍न किये गये और बताया गया कि विपक्षी सं02 द्वारा परिवादिनी का क्‍लेमफार्म विपक्षी बीमा कंपनी को बीमित धनराशि के भुगतान हेतु भेज दिया जायेगा । परन्‍तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा उसकी बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया गया । विपक्षी सं01 बीमा कंपनी के अनुसार परिवादिनी के पति की मृत्‍यु दुर्घटना में न होकर बल्कि किसी बीमारी से हुई है और इसके संबंध में उनके द्वारा कथन किया गया कि परिवादिनी के कथन व प्रथम सूचना रिपोर्ट में अंतर है । चूंकि बीमारी से मृत्‍यु दुर्घटना की श्रेणी में नहीं आती इसलिये परिवादिनी अपने पति की मृत्‍यु के संबंध में किसी प्रकार का अनुतोष प्राप्‍त करने की अधिकारिणी नहीं है ।

विपक्षी सं01 बीमा कंपनी ने परिवादिनी के क्‍लेम को निरस्‍त करने का आधार मूलत: परिवादिनी व प्रथम सूचना रिपोर्ट के कथनों में अंतर होना कहा है । परन्‍तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादिनी के कथन या प्रथम सूचना रिपोर्ट की सत्‍य प्रतिलिपि साक्ष्‍य में प्रस्‍तुत नहीं की जिससे यह स्‍पष्‍ट हो कि कथन में किस बिन्‍दु पर परस्‍पर विरोधाभास है और उसमें संदेह उत्‍पन्‍न होता है । जबकि विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा द्वारा परिवादिनी को बीमित धनराशि प्रदान किये जाने की संस्‍तुति की गई और परिवादिनी के स्‍व0पति प्रताप उर्फ परताप की मृत्‍यु बैलगाडी से गिरने एवं गर्दन के ऊपर से बैलगाडी का पहिया निकल जाने से आई गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान हो गई ।

उपरोक्‍त परिस्थितियों एवं अभिलेखों तथा पक्षकारान के तर्कों के आधार पर यह फोरम परिवादिनी की और से किये गये कथनों से संतुष्‍ट है और ऐसी स्थिति में परिवादिनी अपने पति की दुर्घटना के फलस्‍वरूप हुई मृत्‍यु के संबंध में बीमित धनराशि मु0 1,00,000/-रू0 विपक्षी बीमा कंपनी से प्राप्‍त करने की अधिकारिणी है ।

                                    आदेश     

      परिवादिनी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं01 बीमा कंपनी परिवादिनी को आज इस निर्णय की दिनांक से एक माह के अंदर बीमा धनराशि 1,00,000/-रू0 एवं मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 2,000/-रू0 एवं परिवाद व्‍यय के रूप में 2,500/-रू0 प्रदान करे । अन्‍यथा परिवादी विपक्षी सं01 से 9 प्रतिशत वार्षिक दर ब्‍याज भी उक्‍त धनराशि पर प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा ।

      विपक्षी सं02 के विरूद्ध परिवाद निरस्‍त किया जाता है । 

 

        (श्रीमती नीला मिश्रा)                            (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)

            सदस्‍या,                                         सदस्‍य,                      

        जिला फोरम,महोबा।                              जिला फोरम,महोबा।

          28.04.2016                                     28.04.2016

यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।

 

  (श्रीमती नीला मिश्रा)                            (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)

            सदस्‍य,                                         सदस्‍या,                      

        जिला फोरम,महोबा।                              जिला फोरम,महोबा।

          28.04.2016                                     28.04.2016                  

 
 
[HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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