Raushan Aara filed a consumer case on 02 May 2023 against ICICI Lombard in the Chanduali Consumer Court. The case no is CC/6/2019 and the judgment uploaded on 02 May 2023.
Uttar Pradesh
Chanduali
CC/6/2019
Raushan Aara - Complainant(s)
Versus
ICICI Lombard - Opp.Party(s)
Shamsuddin
02 May 2023
ORDER
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, चन्दौली।
परिवाद संख्या 06 सन् 2019ई0
रोशन आरा पत्नी स्व0 मु0 सुहेल निवासी लौदा थाना अलीनगर जिला चन्दौली।
...........परिवादिनी बनाम
1-क्षेत्रीय प्रबन्धक आई.सी.आई.सी.आई.लोम्बार्ड जनरल इश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड सी.19/134एम-बी तुलसी काम्पलेक्स प्रथम तल शास्त्री नगर सिगरा वाराणसी 221010
2- प्रबन्धक अवतार आटो स्पेयर्स बी0पी0396 आपोजिट गुरूद्वारा जी0टी0 रोड मुगलसराय चन्दौली जिला चन्दौली।
.............................विपक्षी
उपस्थितिः-
जय प्रकाश सिंह, अध्यक्ष परिवाद दाखिल की तिथि 02-01-2019
इन्द्र प्रसाद पटेल, सदस्य निर्णय की तिथि 02-05-2023
नितिन ढिल्लन, सदस्या
निर्णय
द्वारा जय प्रकाश सिंह,अध्यक्ष द्वारा उद्धघोषित
1-परिवादिनी ने यह परिवाद विपक्षीगण से अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर रू0 100000/-मानसिक एवं शारीरिक कष्ट, हेतु रू0 50000/-व अधिवक्ता फीस रू0 15000/- कुल रू0 165000/- दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2-परिवादिनी की ओर से परिवाद प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादिनी के पति स्व0 मु0 सुहेल विपक्षी संख्या 2 के एजेन्सी से हीरो पैसन प्रो मोटरसाइकिल जिसका वाहन संख्या यू0पी067के-6828 है, को क्रय किया। जिसका बीमा परिवादिनी के पति ने विपक्षी संख्या 1 की कम्पनी से विपक्षी संख्या 2 के माध्यम से कराया था। दिनांक 6-2-2014 को परिवादिनी के पति अध्यापक की ड्यूटी करके घर वापस आ रहे थे कि आर0डी0मेमोरियल अस्पताल के सामने अमोघपुर अलीनगर के पास ट्रक संख्या यू0पी065एच 9012 के चालक ने परिवादिनी के पति को तेजगति से लापरवाही पूर्वक चलाकर धक्का मार दिया जिससे परिवादिनी के पति की मौके पर मृत्यु हो गयी। परिवादिनी ने अपने पति के मृत्यु के उपरान्त कम्पल्सरी परसनल एक्सीडेन्ट कवर(ओनर ड्राइवर) के क्षतिपूर्ति के बाबत धनराशि रू0 100000/- लेने हेतु विपक्षी संख्या 1 को प्रार्थना पत्र दिया जिसका शिकायत संख्या एम.ओ.टी. 0366507 दिया गया। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को आश्वासन दिया जाता रहा कि क्षतिपूर्ति की धनराशि जल्द ही मिल जायेगी आपका प्रासेस जारी है। किन्तु विपक्षीगण द्वारा दिनांक 2-11-2018 को कागज अपूर्ण होने
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के कारण परिवादिनी के क्लेम को बन्द कर दिया जबकि विपक्षीगण के सर्वेयर को सभी कागजात एवं गवाह उपलब्ध कराया गये थे। विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को क्षतिपूर्ति की धनराशि न मिलने से काफी निराशा हुई। तत्पश्चात परिवादिनी द्वारा परिवाद प्रस्तुत करके उपरोक्त धनराशि की मांग की गयी है।
3-विपक्षी संख्या 1 की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत करके कथन किया गया है कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रेषित याचिका बिना किसी आधार के तथ्यों को छिपाकर गलत तौर पर प्रेषित किया गया है जो प्रत्येक दृष्टिकोण से निरस्त होने योग्य है। परिवादिनी द्वारा न्यायालय में वाहन संख्या यू0पी067के-6828 पैशन प्रो मोटर साइकिल, घटना की तिथि,समय व स्थान तथा घटना का होना साबित नहीं कर देती है तब तक विपक्षी किसी भी क्षतिपूर्ति के उत्तरदायी नहीं है। बीमाधारक द्वारा पांलिसी सम्बन्धित शर्तो का उल्लंघन किया है इसलिए कम्पनी किसी भी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है। कथित दुर्घटना सिद्ध होने पर क्षतिपूर्ति की राशि अदा करने की जिम्मेदारी वाहन स्वामी एवं चालक के उपर संयुक्त रूप से है। दुर्घटना के समय उक्त वाहन चालक के पास मुताबिक एम0वी0एक्ट,डी0एल0 होने पर ही विपक्षी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी होगा। परिवादिनी की ओर से पी0ए0 का लाभ प्राप्त करने हेतु विपक्षी को कोई कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया है। अतः विपक्षी की ओर से सेवा में कमी नहीं की गयी है। परिवादिनी द्वारा उपरोक्त वाहन के चालक अनुज्ञप्ति के सम्बन्ध में कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः परिवादिनी का दावा निरस्त किये जाने योग्य है।
4-विपक्षी संख्या 2 को इस आयोग द्वारा नोटिस भेजी गयी जो उन पर तामिल भी हुई किन्तु विपक्षी संख्या 2 न तो हाजिर आये और न ही अपना जबाब दावा प्रस्तुत किये। अतः विपक्षी संख्या 2 के विरूद्ध दिनांक 23-3-2021 को एक पक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
5-परिवादिनी की ओर से साक्ष्य के रूप में स्वयं का आधार कार्ड,(का0स04ग/1),बीमा की मूल प्रति(का0सं0 17ग/2),आर0सी0 की छायाप्रति,(का0स0 4ग/5 ड्राइविंग लाइसेंस की मूलप्रति(का0सं017ग/1) प्रथम सूचना रिर्पोट की मूलप्रति(का0स017ग/3) पोस्टमार्टम रिर्पोट की छायाप्रति (का0स04ग/8 से 4ग/12)मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति(का0स04ग/13)परिवादिनी
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एवं उमैर अहमद के बयानहल्फी की प्रतियॉं (का0सं013ग/1 से 13ग/2 एवं 14ग/1 से 14ग/2) विधिक नोटिस की कार्बन प्रति (का0स04ग/2)रजि0डाक टिकट रसीद की छायाप्रति(का0स04ग/3) तथा मूल प्रति (का0स017ग/4) दाखिल की गयी है।
6-विपक्षी की ओर से अपने प्रतिवाद पत्र के समर्थन में कोई दस्तावेज/कागज दाखिल नहीं किया गया है।
उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्तागण का बहस सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रलेखों एवं साक्ष्यों का परिशीलन किया गया।
परिवादिनी का कथन है कि जब परिवादिनी के पति मु0 सुहैल दिनांक 6-2-2014 को अपनी ड्यूटी करके अपने मोटरसाइकिल हीरो पैशन प्रो यू0पी0 67 के.6828 से वापस घर आ रहे थे तो अमोघपुर अलीनगर के पास ट्रक संख्या यू0पी065 एच.9012 के चालक ने तेज गति व लापरवाहीपूर्व चालते हुए परिवादिनी
के पति के उक्त मोटरसाइकिल में धक्का मार दिया जिससे उनकी मृत्यु मौके पर हो गयी। तत्पश्चात परिवादिनी ने कम्पल्सरी परसनल एक्सीडेन्ट कवर(ओनर ड्राइवर) की क्षति की धनराशि रू0 1,00000/- लेने हेतु विपक्षी संख्या 1 को प्रार्थना पत्र दिया था जिसकी शिकायत संख्या एम0ओ0टी0 0366507 विपक्षी संख्या 1 द्वारा दर्ज किया गया था। परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 1 के सर्वेयर को सभी कागजात उपलब्ध कराया था लेकिन उक्त विपक्षी द्वारा दिनांक 2-11-2018 को परिवादिनी के उक्त क्लेम को कागज अपूर्ण होने के गलत आधार पर परिवादिनी के उक्त क्लेम को बन्द कर दिया गया।
परिवादिनी के पति की मृत्यु उक्त दुर्घटना में हुई है इसकी सम्पुष्टि प्रथम सूचना रिर्पोट (का0सं0 17ग/3) एवं पोस्टमार्टम रिर्पोट (का0स0 4ग/8) से होती है। प्रथम सूचना रिर्पोट में उल्लेख है कि उक्त घटना दिनांक 6-2-2014 को सांय 5.15 बजे ट्रक संख्या यू0पी0 65 एच.9012 के चालक के द्वारा आर0आर0 मेमोरियल हास्पिटल के सामने अमोघपुर में उक्त ट्रक चालक ने तेज गति व लापरवाही पूर्वक उक्त वाहन को चलाते हुए परिवादिनी के पति के उक्त मोटरसाइकिल में धक्का मार दिया जिससे परिवादिनी के पति की मृत्यु हो गयी। पोस्टमार्टम रिर्पोट
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की छायाप्रति (का0स04ग/8) से स्पष्ट है, मृतक का पोस्टमार्टम दिनांक 6-2-2014 को रात में हुआ था।
मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र की छायाप्रति (का0स04ग/5) से स्पष्ट है कि परिवहन कार्यालय में उक्त मोटरसाइकिल हीरो पैशन प्रो का रजिस्ट्रेशन मु0 सुहैल (परिवादिनी के पति) के नाम से था जिसका इंजन नं0 एच.ए 10ई.एन.डी.एच.जी.51534 एवं चेचिस नं.एम.बी.एल.एच.ए.10ए.डब्लू.डी.एच.जी.36618 है। बीमा (का0स017ग/2)के अवलोकन से स्पष्ट है कि उक्त मोटरसाइकिल का बीमा विपक्षी संख्या 1 के यहॉं हुआ था जिसकी वैधता अवधि दिनांक 30-7-2013 से दिनांक 29-7-2014 तक थी, तथा उक्त बीमा पालिसी के द्वारा परिवादिनी विपक्षी संख्या 1 से कम्पल्सरी परसनल एक्सीडेन्ट कवर(ओनर ड्राइवर) के अर्न्तगत रू0 1,00000/- क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी थी। उक्त बीमा(का0स017ग/2) से स्पष्ट है कि अन्दर मियाद पालिसी परिवादिनी के पति की दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। मु0 सुहैल (मृतक) के डी0एल0 की वैधता दिनांक 20-10-2015 तक थी। परिवाद पत्र एवं परिवादिनी के साक्ष्य शपथ पत्र कागज संख्या 13ग/1 से 13ग/2 से यह भी स्पष्ट है कि परिवादिनी द्वारा कम्पल्सरी परसनल एक्सीडेन्ट कवर(ओनर ड्राइवर) की क्षतिपूर्ति की धनराशि रू0 1,00000/- लेने हेतु विपक्षी को सूचना दी गयी थी जिसका शिकायत संख्या एम0ओ0टी0 0366507 विपक्षी संख्या 1 के द्वारा दर्ज किया गया था। विपक्षी संख्या 1 द्वारा उक्त शिकायत संख्या एम0ओ0टी0 0366507 का खण्डन विशेष रूप से नहीं किया है और न ही कोई दस्तावेजी साक्ष्य उक्त तथ्य के खण्डन हेतु इस संदर्भ में अभिलेख पर दाखिल किया गया है। कागज संख्या 4ग/2 एवं 4ग/3 से साबित होता है कि परिवादिनी ने दिनांक 6-11-2018 को विपक्षीगण को विधिक नोटिस उक्त क्लेम के भुगतान के संदर्भ में दिया था, फिर भी विपक्षीगण द्वारा उक्त क्लेम का भुगतान परिवादिनी को नहीं किया गया। परिवाद पत्र के समर्थन में परिवादिनी ने स्वयं का, तथा अन्य साक्षी उमर अहमद का साक्ष्य शपथ पत्र कागज संख्या 13ग/1 से 13ग/2 एवं 14ग/1 से 14ग/2 पत्रावली पर दाखिल किया है।
परिवादिनी के परिवाद पत्र एवं साक्ष्य से स्पष्ट है कि उसने विपक्षी संख्या 1 के सर्वेयर को उक्त वाहन सम्बन्धी कागजात तथा अन्य सम्बन्धित साक्ष्य उपलब्ध
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कराये थे, इसलिए विपक्षी संख्या 1 का यह कथन कि परिवादिनी ने कागजात उपलब्ध नहीं कराये थे,इस कथन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। विपक्षी संख्या 1 द्वारा यह भी कथन किया गया है कि कथित घटना का समय,घटना,स्थान होना साबित नहीं है जो आधार हीन है क्योंकि परिवादिनी द्वारा अपने मृतक पति के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिर्पोट एवं पोस्टमार्टम की कापी सबूत के रूप में पत्रावली में दाखिल की गयी है। जिसमे उक्त सभी तथ्यों का उल्लेख है । विपक्षी संख्या 1 यह भी कथन किया गया है कि बीमाधारक द्वारा पालिसी सम्बन्धित शर्तो का उल्लंघन किया गया है लेकिन किन शर्तो का उल्लघंन किया गया है,इसका उल्लेख विपक्षी संख्या 1ने कही नहीं किया है। जिससे उपरोक्त कथन निराधार एवं बलहीन है यहॉं यह भी उल्लेखनीय है कि परिवादिनी की ओर से जो कागजात/साक्ष्य दाखिल किये गये है उसके खण्डन हेतु विपक्षी की ओर से कोई भी साक्ष्य पत्रावली पर दाखिल नहीं किया गया है।
उपरोक्त विवेचना से स्पष्ट है कि विपक्षी संख्या 1 बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिनी के उक्त दावा को अस्वीकृत करके उसके द्वारा परिवादिनी को दी जाने वाली सेवा में कमी को दर्शाता है जिसके लिए विपक्षी संख्या 1 उत्तरदायी है जहॉंतक विपक्षी संख्या 2 द्वारा सेवा में त्रृटि का प्रश्न है वह पत्रावली पर विद्यमान समस्त तथ्यों/साक्ष्यों से परिलक्षित नहीं होता है । ऐसी स्थिति में परिवादिनी को विपक्षी संख्या 1 से कम्पल्सरी परसनल एक्सीडेन्ट कवर(ओनर ड्राइवर) के अर्न्तगत रू0 1,00000/- एवं शारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति रू0 10,000/-तथा वाद व्यय हेतु रू0 3000/-दिलाये जाने का आदेश पारित किया जाना न्यायोचित है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी को कम्पल्सरी परसनल एक्सीडेन्ट कवर(ओनर ड्राइवर) के अर्न्तगत रू0 1,00000/-(एक लाख) तथा शारीरिक,मानसिक क्षति के रूप में रू0 10000/-(दस हजार) तथा वाद व्यय के रूप में रू0 3000/-(तीन हजार) का भुगतान इस आदेश की तिथि से 45 दिन के अन्दर करें। उक्त अवधि में भुगतान न करने की दशा में समस्त धनराशि रू0
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1,13000/-(एक लाख तेरह हजार) पर इस अवधि के पश्चात 7 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से अन्तिम रूप से भुगतान की तिथि तक देय होगा।
(नितिन ढिल्लन) (इन्द्र प्रसाद पटेल) (जय प्रकाश सिंह)
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 2-05-2023
यह निर्णय आज खुले आयोग में उद्धघोषित होकर हस्ताक्षरित किया गया।
(नितिन ढिल्लन) (इन्द्र प्रसाद पटेल) (जय प्रकाश सिंह)
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 2-05-2023
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