Rajasthan

Kota

CC/255/2010

Sanjay - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard Journal Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Manoj Tiwari

24 Jun 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।

पीठासीन:
अध्यक्ष  :        नंद लाल शर्मा
सदस्या :        हेमलता भार्गव 
परिवाद सं. 255/10
संजय पुत्र रमेश कुमार निवासी म.नं. 44 हरिजन बस्ती, आयु 37 साल न्यू साबरमती कालोनी, कोटा जिला कोटा राजस्थान।               -परिवादी।
                     बनाम
01.    आई सी आई सी आई लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेन्स कंपनी लि0, प्लाट नं. 23, फस्र्ट     फ्लोर, बी ओ बी के पीछे, झालावाड रोड, कोटा, राजस्थान।
02.    जनरल मैनेजर, आई सी आई सी आई लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेन्स कंपनी लि0,    बान्द्रा कुरला काम्पलेक्स, बान्द्रा ईस्ट मुम्बई         -अप्रार्थीगण।

       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री मनोज तिवारी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  श्री परवेज मोहम्मद, अधिवक्ता,अप्रार्थीगण की ओर से।

    निर्णय             दिनांक 24.06.2015 

    परिवादी ने इस मंच में परिवाद पेश किया जिसमें अंकित किया कि उसने मोटर सायकल सं. आर जे 20 एस एल 4472 का बीमा दिनांक 12.11.09 से 11.11.10 तक का अप्रार्थी सं. 1 से करवया था। परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 16.01.10 को खेरोली से ओली आते समय टेक्टर के टक्कर से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी रिपोर्ट थाना तालेडा में एफ आई आर नं. 18/10 दर्ज कराई, बीमा कंपनी को सूचना दी। परिवादी उक्त वाहन को लेकर चम्बल मोटर प्रा.लि. श्रीनाथपुरम स्थित गैराज मे लेे गया,जहाॅ मोटर सायकल में हुये नुकसान का एस्टीमेट 49,399/- रूपये का बताया। परिवादी ने समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण करते हुये बीमा क्लेम अप्रार्थी सं. 1 कार्यालय में पेश किया। अप्रार्थीगण ने परिवादी के बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया। परिवादी ने अप्रार्थीगण को कानूनी नोटिस भी दिलवाया परन्तु उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अप्रार्थीगण ने परिवादी के बीमा क्लेम देने से इंकार कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादी को अप्रार्थीगण से बीमा क्लेम की राशि मय ब्याज, मांसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।   

    अप्रार्थीगण ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी की मोटर सायकल के टेक्टर ने टक्कर नहीं मारी बल्कि परिवादी ने मोटर सायकल पर उससे अधिक क्षमता से बिठाई गई सवारियों के कारण मोटर सायकल स्लीप होने से क्षतिग्रस्त हुई है, परिवादी ने पालिसी शर्तो का उल्लधंन किया है। परिवादी अप्रार्थीगण से किसी भी प्रकार की क्षति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवादी ने दुर्घटना की सूचना देने पर अप्रार्थीगण ने सर्वेयर भेज कर दुर्घटना की जांच कर दुर्घटनाग्रस्त वाहन में सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में दुर्घटनाग्रस्त वाहन में 19,996/- रूपये का नुकसान पाया है। परिवादी वाहन का नुकसान बढा चढा कर मांग रहा है। परिवादी ने परिवाद मिथ्या कथनों के आधार पर पेश किया जो सव्यय खारिज किया जावे। 

    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01.    आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

    परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, बीमा पालिसी, अप्रार्थीगण के जवाब से  परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है। 
02.    आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
     
    उभय पक्षों की मौखिक एवं लिखित बहस सुनने । पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी ने अपने वाहन का एक्सीडेन्ट दिनांक 16.01.10 को खेरोली से ओली आते समय टेक्टर के टक्कर से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी रिपोर्ट थाना तालेडा में एफ आई आर नं. 18/10 दर्ज कराई, बीमा कंपनी को सूचना दी। परिवादी उक्त वाहन को लेकर चम्बल मोटर प्रा.लि. श्रीनाथपुरम स्थित गैराज मे लेे गया,जहाॅ मोटर सायकल में हुये नुकसान का एस्टीमेट 49,399/- रूपये का बताया। परिवादी ने समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण करते हुये बीमा क्लेम अप्रार्थी सं. 1 कार्यालय में पेश किया। अप्रार्थीगण ने परिवादी के बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया। परिवादी के उक्त कथन की पुष्टि तालेडा थाने की एफ आई आर सं 18/10 से व अंितम रिपोर्ट से होती है। परिवादी द्वारा उसके वाहन का दुर्घटनाग्रस्त होना थाना तालेडा की एफ आई आर व एफ आर की फोटो प्रति से होता है। अप्रार्थीगण ने अपने जवाब में परिवादी के दुर्घटनाग्रस्त वाहन का सर्वे करवाया तो सर्वेयर ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन में 19,966/- रूपये का नेट नुकसान पाया। अप्रार्थीगण ने परिवादी के वाहन को दुर्घटनाग्रस्त नहीं मानकर मोटर सायकल पर क्षमता से अधिक सवारी के कारण स्लीप होना, उनके सर्वेयर के आधार पर माना है, अप्रार्थीगण का उक्त कथन पुलिस थाना तालेडा की एफ आई आर व एफ आर की रोशनी में मानने योग्य नहीं है। अप्रार्थीगण ने परिवादी के बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया है और उनके स्वतंत्र सर्वेयर कोे बीमा कंपनी ने परिवादी द्वारा दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद नियुक्त किया है जिसने अपनी रिपोर्ट में दुर्घटनाग्रस्त वाहन में 19,966/- रूपये का नेट नुकसान पाया। उपरोक्त विवेचन विश्लेषण को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में अप्रार्थीगण ने परिवादी द्वारा चाहा गया बीमा क्लेम को अस्वीकार कर उसकी सेवा में कमी की है। 

03.    अनुतोष ?

    परिवादी का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ संयुक्ततः अथवा पृथकतः स्वीकार  किये जाने योग्य है। परिवादी अप्रार्थीगण से उनके सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त वाहन में  19,966/- रूपये का नेट नुकसान पाया है, परिवादी द्वारा चाहा गया अनुंतोष के स्थान पर अप्रार्थीगण के सर्वेयर द्वारा दुर्घटनाग्रस्त वाहन में पाया गया नेट नुकसान राउंड फिगर में 20,000/- रूपये प्राप्त करने का अधिकारी है। परिवादी मानसिक संताप व परिवाद खर्च भी प्राप्त करने का अधिकारी है। 
 
                     आदेश 

     परिवादी संजय का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ संयुक्ततः अथवा पृथकतः आंशिक रूप से स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि:-
01.    अप्रार्थीगण परिवादी को बीमा क्लेम की राशि 20,000/- रूपये अदा करे।
02.    अप्रार्थीगण परिवादी को मानसिक संताप की राशि 2,000/- रूपये, अक्षरे दो     हजार रूपये, परिवाद खर्च 2,000/- रूपये अक्षरे दो हजार रूपये अदा करे। 
03.    अप्रार्थीगण  आदेश की पालना निर्णय की दिनांक से दो माह के अंदर करे।  

  (हेमलता भार्गव)                              (नंद लाल शर्मा)  
     सदस्या                                     अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश्
मंच,कोटा।                           मंच, कोटा।
    निर्णय  आज दिनंाक 24.06.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 

      सदस्या                                     अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष            जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,कोटा।                             मंच, कोटा।

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