समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-144/2009 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
देवीदीन उर्फ बौरा पुत्र श्री गयाप्रसाद निवासी-ग्राम-मझगवां खुर्द पोस्ट-पिपरामाफ थाना-अजनर तहसील-कुलपहाड जिला महोबा ...परिवादी
बनाम
1.मैनेजर,आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 चतुर्थ तल इफको कारपोरेशन चैम्बर्स विभूतिखण्ड,गोमतीनगर,लखनऊ 2200241
2.जिलाधिकारी,महोबा द्वारा उ0प्र0सरकार .....विपक्षीगण
निर्णय
डा0सिद्धेश्वर अवस्थी,सदस्य,द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी की पत्नी स्व0श्रीमती मानकुंवर एक कृषक थी और उसके नाम मौजा-लेवा में कुल रकवा 3.699 हे0 कृषि भूमि और परिवादी की पत्नी कृषक थी । परिवादी की पत्नी श्रीमती मानकुंवर की मृत्यु अचानक बैंलों को कुंए से पानी पिलाने के लिये पानी निकालते समय एक बैल द्वारा ठोकर मार देने के कारण कुंए में गिरने से हो गई,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट परिवादी के भतीजे प्रीतम सिंह ने दि.21.10.2007 को थाना अजनर में की तथा इसकी सूचना तहसीलदार,कुलपहाड को भी दी,जिस पर किसान दुर्घटना बीमा दावा तैयार कर समस्त अभिलेखों सहित प्रस्तुत किया,जिसमें लेखपाल व राजस्व निरीक्षक की आख्या के व तहसीलदार व उपजिलाधिकारी,कुलपहाड द्वारा जिलाधिकारी,महोबा को प्रेषित किया गया,जिसे विपक्षी सं02 द्वारा स्वीकृत कर विपक्षी सं01 के पास भुगतान हेतु भेजा । परन्तु विपक्षी सं01 द्वारा क्लेम का निस्तारण कर बीमा धनराशि का भुगतान नहीं किया गया । इससे परिवादी को आर्थिक व मानसिक क्षति हो रही है । यह विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि और व्यापारिक कदाचरण है । अत: यह परिवाद विपक्षी सं01 से बीमित धनराशि 1,00,000/-रू0 और आर्थिक व मानसिक क्षति के लिये 20,000/-रू0 तथा परिवाद व्यय 20,000/-रू0दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया।
विपक्षी सं01 को जरिये रजिस्टर्ड नोटिस सूचना भेजी गई,जो बिना तामीला इस कार्यालय को वापस प्राप्त नहीं हुई । साथ ही विपक्षी सं01 की और से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई जबाबदावा या साक्ष्य प्रेषित किया गया । अत: दि017.03.2016 को विपक्षी सं01 पर तामीला पर्याप्त मानते हुये उनके विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय चलने का आदेश पारित किया गया । निर्णय के समय दिनांक:12.04.2016 को विपक्षी सं01 के अधिवक्ता द्वारा वकालतनामा एवं एकपक्षीय आदेश दि017.03.2016 को अपास्त करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया,जिस पर परिवादी की और से घोर आपत्ति की गई है कि विपक्षी द्वारा 2009 से जबाबदावा दाखिल नहीं किया गया है । प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये । चूंकि बहस सुनी जा चुकी है तथा निर्णय भी लिखा जा रहा है । अगस्त,2015 से अप्रैल,2016 तक विपक्षी को पर्याप्त समय दिया जा चुका है । अत: प्रार्थना पत्र निरस्त किया गया ।
विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा द्वारा अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया गया और उनके द्वारा स्वीकार किया गया कि उ0प्र0सरकार द्वारा कृषक बीमा दुर्घटना योजना चलाई गई है,जिसके प्रीमियम की एकमुश्त धनराशि सरकार द्वारा बीमा कंपनी को प्रदान की जाती है। कृषकों द्वारा इस संबंध में कोई प्रीमियम की धनराशि अदा नहीं की जाती है । आगे कथन किया गया है कि परिवादी की पत्नी एक कृषक थी और उसके नाम मौजा-लेवा में कृषि भूमि है तथा परिवादी की पत्नी स्व0श्रीमती मानकुंवर की बैलों को पानी पिलाते समय बैल द्वारा धक्का मारने से कुंए में गिर जाने के कारण मृत्यु हो गई । इस संबंध में उपजिलाधिकारी,कुलपहाड द्वारा समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर बीमा क्लेम दि020.11.2007 को उनके कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था,जिसे उनके कार्यालय द्वारा बीमा भुगतान हेतु विपक्षी सं01 को भेज दिया गया और विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा काफी समय तक निस्तारण न करने पर कई अनुस्मारक पत्र विपक्षी बीमा कंपनी को भेजे गये । परन्तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । इस प्रकार विपक्षी सं02 द्वारा कथन किया गया कि उनके द्वारा परिवादी की सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गई । बीमा धनराशि का भुगतान विपक्षी सं01 बीमा कंपनी द्वारा किया जाना है । अत: परिवादी का परिवाद उनके विरूद्ध निरस्त किये जाने योग्य है
परिवादी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ परिवादी देवीदीन ऊर्फ बौरा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की ओर से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त जयशंकर त्रिपाठी अतिरिक्त उपजिला मजिस्ट्रेट,महोबा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादीएवं विपक्षी सं02 के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये । विपक्षी सं02 अनुपस्थित रहे उनके विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय रूप से की गई ।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र एवं अभिलेखीय साक्ष्य तथा विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा की और से प्रस्तुत जबाबदावा एवं अतिरिक्त उपजिलामजिस्ट्रेट,महोबा श्री जयशंकर त्रिपाठी के शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि परिवादी की पत्नी स्व0श्रीमती मानकुंवर एक कृषक थी और उसके नाम मौजा-लेवा तहसील-कुलपहाड में कृषि आराजी थी तथा उसकी मृत्यु बैंलों को पानी पिलाते समय बैल द्वारा धक्का मार देने से कुए में गिरने के कारण हो गई। परिवादी ने इसकी सूचना तहसील कुलपहाड में दी,जिस पर विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा के अधीनस्थों द्वारा इसकी जांच की गई और सही पाये जाने पर बीमा क्लेम भरकर व सत्यापित कर जिलाधिकारी,महोबा के माध्यम से बीमा धनराशि के भुगतान हेतु विपक्षी सं01 बीमा कंपनी को भेजा परन्तु बीमा कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । जबकि इस संबंध में विपक्षी सं02 द्वारा विपक्षी सं01 को कई अनुस्मारक भेजे गये । विपक्षी सं01 बीमा कंपनी का यह कृत्य परिवादी के प्रति सेवा में त्रुटि एवं व्यापारिक कदाचरण की श्रेणी आता है ।
इन परिस्थितियों में परिवादी विपक्षी सं01 से बीमा धनराशि 1,00,000/-रू0 व मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,000/-रू0 प्राप्त करने का अधिकारी है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 एकपक्षीय रूप से इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं01 बीमा कंपनी परिवादी को आज इस निर्णय की दिनांक से एक माह के अंदर बीमा धनराशि 1,00,000/-रू0 एवं मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,000/-रू0 प्रदान करे । अन्यथा परिवादी विपक्षी सं01 से 9 प्रतिशत वार्षिक दर ब्याज भी उक्त धनराशि पर प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
विपक्षी सं02 के विरूद्ध परिवाद निरस्त किया जाता है ।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
12.04.2016 12.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्य, सदस्या,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
12.04.2016 12.04.2016