Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/73/2011

Smt. Shaheen Begum & Others - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard General Insurance - Opp.Party(s)

18 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/73/2011
 
1. Smt. Shaheen Begum & Others
R/o Moh. Sadaat Kundarki, Post Khas, Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. ICICI Lombard General Insurance
Branch Manager Parsavnath Plaza Delhi Road Thana Majhola Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 18 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादिनी सं0-1 ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाऐ कि वे परिवादिनी के मृतक पति की क्षतिग्रस्‍त मोटर साईकिल सं0-यू0पी0-21 ए0डी0 3060 का सर्वे कराकर और उसमें हुई क्षति का मूल्‍यांकन कराकर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित मोटर साईकिल की बीमित राशि 45,453/-रूपया परिवादिनी को अदा करें। परिवाद व्‍यय की मद में 5000/- रूपया और अधिवक्‍ता फीस की मद में 4500/- रूपया परिवादिनी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।   
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के पति मौ0  आकिल मोटर साईकिल सं0- यू0पी0-21ए0 डी0-3060 के पंजीकृत स्‍वामी थे। मोटर साईकिल विपक्षीगण से दिनांक 02/5/2010 से 01/5/2011 तक  की अवधि हेतु बीमित थी। दिनांक 30/9/2010 को वाहन दुर्घटना में थाना बिलारी के क्षेत्रान्‍तर्गत कुन्‍दरकी में उनकी मृत्‍यु हो गई उनके पास बैध  ड्राईविंग लाईसेंस था। दुर्घटना की रिपोर्ट उसी दिन थाना बिलारी जिला मुरादाबाद पर दर्ज कराई गई जो आई0पी0सी0 की धारा- 279/338/427 व 304 ए के अधीन दर्ज हुई। दुर्घटना में परिवादिनी के पति की मोटर साईकिल भी काफी क्षतिग्रस्‍त हुई जो क्षतिग्रस्‍त हालत में थाना बिलारी  में खड़ी है। मोटर साईकिल की बीमित राशि 45,452/-रूपया थी।       परिवादिनी ने मोटर साईकिल की बीमित राशि 45,452/-रूपया प्राप्‍त करने के लिए दिनांक 12/10/2010 को एक पत्र गांधी नगर शाखा मुरादाबाद को पंजीकृत डाक से भेजा जो वापिस आ गया। दूसरा पत्र उसने दिनांक 23/10/2010 को विपक्षी को भेजा जो वापिस नहीं आया। परिवादिनी ने  अग्रेत्‍तर कथन किया कि विपक्षीगण ने न तो क्षतिग्रस्‍त मोटर साईकिल  का सर्वे कराया और न ही कोई क्षतिपूर्ति अदा की तब उसने विपक्षी सं0-1 को दिनांक19/10/2011 को एक कानूनी नोटिस भिजवाया फिर भी उसे  मोटर साईकिल की बीमित राशि का भुगतान नहीं किया। परिवादिनी के  अनुसार यदि मोटर साईकिल की मरम्‍मत नहीं हो सके तो उसे बदले में  नई मीटर साईकिल विपक्षीगण से दिलाई जानी चाहिऐ। परिवादिनी ने  उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया और अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादिनी ने सूची कागज सं0-3/6 के माध्‍यम से  दुर्घटना की एफ0आई0आर0, बीमा कवरनोट, मोटर साईकिल की  आर0सी0, मौ0 आकिल के ड्राईविंग लाईसेंस, विपक्षी की गांधी नगर, मुरादाबाद शाखा को पंजीकृत डाक से भेजे गऐ पत्र दिनांक 12/10/2010  और 20/12/2010, विपक्षी सं0-2 को पंजीकृत डाक से भेजे गऐ पत्र दिनांकित 23/10/2010, विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 19/1/2011 की नकल तथा पत्र एवं नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की  असल रसीदों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7  लगायत 3/15 हैं। परिवादिनी पक्ष की ओर से मृतक मौ0 आकिल के  पोस्‍टमार्टम की प्रमाणित प्रति कागज सं0-21/2 लगायत 21/4 भी दाखिल   की गई है।
  4.   विपक्षीगण ने प्रतिवाद पत्र  कागज सं0-15/1  लगायत 15/3 दाखिल किया। प्रतिवाद पत्र में परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित मोटर साईकिल का  अभिकथित दुर्घटना की तिथि अर्थात् 30/09/2010 को बीमा होने से  तो इन्‍कार नहीं किया गया है किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया। विपक्षीगण की ओर से अग्रेत्‍तर कहा गया कि जब तक परिवादीगण मृतक मौ0 आकिल के वारिसान होने का सर्टिफिकेट दाखिल नहीं करते तब तक  उन्‍हें परिवाद योजित करने का अधिकार नहीं है। परिवाद में उल्लिखित पत्र भेजे जाने सम्‍बन्‍धी परिवादिनी सं0-1 के कथन असत्‍य हैं।  परिवादिनी पक्ष की ओर से मोटर साईकिल की क्षति का कोई दावा विपक्षीगण के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं किया गया। विशेष कथनों में कहा गया  कि अभिकथित दुर्घटना में क्षतिग्रस्‍त होना बताई गई मोटर साईकिल अब भी पुलिस अभिरक्षा में है जिसे परिवादिनी ने रिलीज नहीं कराया और न ही उसे रिलीज कराने के कोई प्रयास किऐ। विपक्षीगण पुलिस अभिरक्षा में हुई  मोटर साईकिल की किसी क्षति की प्रतिपूर्ति के जिम्‍मेदार नहीं हैं। क्षति के आंकलन हेतु परिवादिनी ने किसी टैक्‍नीकल एक्‍सपर्ट की रिपोर्ट दाखिल नहीं की। उसे परिवाद योजित करने का कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं  हुआ। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   परिवादीगण की ओर से साक्ष्‍य में परिवादिनी सं0-1 ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/3 दाखिल किया।
  6.   विपक्षीगण की ओर से उनके मैनेजर लीगर श्री मनीष श्रीवास्‍तव का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0- 18/1 लगायत 18/3 दाखिल किया गया।
  7.   दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  8.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  9.   परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने हमारा ध्‍यान पत्र कागज सं0-3/11, 3/12 और 3/13 तथा नोटिस नकल कागज सं0-3/14 की ओर  आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्षीगण   ने मोटर साईकिल में हुऐ नुकसान का क्‍लेम नहीं दिया और ऐसा करके   उन्‍होंने सेवा देने में कमी की है। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने  परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।  
  10.   विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि मोटर साईकिल  में हुऐ कथित नुकसान का विधिवत् क्‍लेम विपक्षीगण के समक्ष प्रस्‍तुत   नहीं किया गया है, दुर्घटनाग्रस्‍त मोटर साईकिल अभी तक थाना बिलारी  में खड़ी है। परिवादिनी सं0-1 ने उसे रिलीज कराने का कोई प्रयास नहीं किया। चॅूंकि मोटर साईकिल पुलिस अभिरक्षा में खड़ी है अत: विपक्षीगण के पास मोटर साईकिल का सर्वे कराने का कोई अवसर नहीं था। यह भी  कहा गया कि आर0सी0 के अनुसार मोटर साईकिल मौ0 आकिल के नाम  थी। परिवादीगण ने इस आशय का सक्‍सेशन सर्टिफिकेट पत्रावली में  दाखिल नहीं किया कि परिवादीगण मृतक मौ0 आकिल के उत्‍तराधिकारी  हैं ऐसी दशा में परिवादीगण को परिवाद योजित करने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्षीगण की ओर से परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की  प्रार्थना की गई। हम विपक्षीगण की ओर से प्रस्‍तुत तर्कों से सहमत हैं।
  11.   मोटर साईकिल की आर0सी0 की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/9 है। आर0सी0 के अनुसार मोटर साईकिल का पंजीकृत स्‍वामी मौ0  आकिल था। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल के अनुसार मौ0 आकिल की  दुर्घटना में दिनांक 30/9/2010 को उस समय मृत्‍यु हो गई थी जब वह  इसी मोटर साईकिल से जा रहा था। परिवादीगण ने मृतक मौ0 आकिल  के उत्‍तराधिकारी होने का सक्‍सेशन सर्टिफिकेट दाखिल नहीं किया है।  परिवाद के पैरा सं0-3 में परिवादीगण ने स्‍वयं स्‍वीकार किया है कि मोटर साईकिल क्षतिग्रस्‍त हालत में अभी भी थाना बिलारी में खड़ी है। दुर्घटना  में मोटर साईकिल को हुई क्षति के आंकलन हेतु मोटर साईकिल उपलब्‍ध  कराने की जिम्‍मेदारी परिवादीगण की थी जिसे उन्‍होंने पूरा नहीं किया। परिवादिनी सं0-1 की ओर से क्षतिग्रस्‍त मोटर साईकिल का सर्वे कराने  और क्‍लेम का भुगतान करने हेतु विपक्षीगण को पत्र तो लिखे गऐ किन्‍तु विधिवत् क्‍लेम प्रस्‍तुत किया था इसका कोई प्रमाण पत्रावली में नहीं है।
  12.   उपरोक्‍त  परिस्थितियों  में  परिवादीगण  को  परिवाद में अनुरोधित नुतोष दिलाया जाना सम्‍भव नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
  •  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    18.07.2016           18.07.2016        18.07.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      18.07.2016          18.07.2016         18.07.2016

 

 

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