ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि विपक्षी सं0-1 से उसे चोरी गई कार की कीमत 3,83,752/- रूपया 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाई जाये। आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक क्षति की मद में 50,000/- रूपया तथा परिवाद व्यय की मद में 5000/- रूपया विपक्षी सं0-1 से अतिरिक्त दिलाऐ जाने की परिवादी ने प्रार्थना की। उसने यह भी अनुरोध किया कि कार के फाईनेन्सर विपक्षी सं0-2 को आदेशित किया जाऐ कि परिवादी से कार के ऋण की राशि वसूल न करे।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी सं0-2 से फाईनेन्स कराकर परिवादी ने एक इण्डिका कार सं0- DLX TC No.U.P. 21 Y-1512 3,83,752/- में खरीदी थी। इसमें से 2,30,00/- रूपया उसने विपक्षी सं0-2 से ऋण लिया था और शेष राशि स्वयं अदा की थी। यह कार दिनांक 11/7/2008 से 10/7/2009 तक की अवधि हेतु विपक्षी सं0-1 से बीमित थी। परिवादी की कार दिनांक 5/6 जनवरी, 2009 को कस्बा गजरौला से चोरी हो गई जिसकी एफ0आई0आर0 दिनांक 07/2/2009 को थाना गजरौला जिला जे0पी0नगर में दर्ज कराई गई। चोरी के इस मामले में कार और अभियुक्त का पता नहीं लगा, पुलिस ने न्यायालय में अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित की जिसे सी0जे0एम0, जे0पी0नगर ने दिनांक 12/5/2011 को स्वीकार कर लिया। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के कार्यालय में जाकर चोरी की सूचना दी। दिनांक 17/6/2011 को परिवादी ने समस्त प्रपत्र विपक्षी सं0-1 को पंजीकृत डाक से प्रेषित कर क्लेम राशि दिलाऐ जाने का अनुरोध किया, किन्तु विपक्षी सं0-1 ने परिवादी के पत्र का कोई उत्तर नहीं दिया। अपने अधिवक्ता के माध्यम से परिवादी ने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस दिनांक 29/8/2011 और 02/9/2011 पंजीकृत डाक से भिजवाऐ, किन्तु विपक्षी सं0-1 ने नोटिस पर कोई ध्यान दिया और क्लेम का भुगतान नहीं किया। परिवादी का कथन है कि विपक्षी सं0-1 के उक्त कृत्य सेवा में कमी के अन्तर्गत आते है उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने शपथ पत्र कागज सं0-3/6 प्रस्तुत किया। सूची कागज सं0-3/10 के माध्यम से परिवादी ने बीमा कवरनोट, एफ0आई0आर0, पुलिस द्वारा प्रेषित अन्तिम रिपोर्ट, नोटिस दिनांकित 17/6/2011, नोटिस दिनांक 29/8/20111, नोटिस दिनांक 01/9/2011, नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की रसीद तथा कार की आर0सी0 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया। परिवादी ने इस सूची के माध्यम से सी0जे0एम0, जे0पी0नगर द्वारा एफ0आर0 स्वीकृत किऐ जाने के आदेश की प्रमाणित प्रति भी दाखिल की, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/12 लगायत 3/26 हैं।
- विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/3 दाखिल किया। प्रतिवाद पत्र में विपक्षी सं0-1 की ओर से कहा गया कि परिवादी स्वच्छ हाथों से फोरम के समक्ष नहीं आया है, उसने अपनी कार अपने दोस्त को दे रखी थी जिसने कार की चाबी कार में ही लगी छोड़ दी और दिनांक 05/1/2009 को कार चोरी हो गई। चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को चोरी की घटना के 25 दिन बाद दिनांक 30/1/2009 को दी गई और इसकी एफ0आई0आर0 थाने में चोरी की घटना के एक माह 2 दिन बाद दर्ज कराई गई। इन कारणों से परिवादी का क्लेम अस्वीकृत कर पत्र दिनांकित 28/4/2009 द्वारा उसे सूचित किया जा चुका है। विपक्षी सं0-1 की ओर से अग्रेत्तर कहा गया कि विपक्षी सं0-1 ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी अथवा लापरवाही नहीं की, अत: परिवाद चलने योग्य नहीं है। यह भी कहा गया कि परिवाद क्लेम अस्वीकृत किऐ जाने के लगभग ढ़ाई वर्ष बाद प्रस्तुत किया गया जो कालबाधित है। उपरोक्त आधारों पर विपक्षी सं0-1 ने परिवाद को विशेष व्यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-2 ने अपना प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/2 प्रस्तुत किया जिसमें कहा गया है कि परिवादी ने ऋण किश्तें समय से अदा नहीं की हैं। अनावश्यक दबाव बनाने के उद्देश्य से परिवादी ने उत्तरदाता विपक्षी सं0-2 को पक्षकार बनाया है। विपक्षी सं0-2 का यह भी कथन है कि उसके विरूद्ध परिवादी ने कोई अनुतोष नहीं मांगा है और उसने किसी प्रकार सेवा में कमी अथवा लापरवाही का व्यवहार परिवादी के साथ नहीं किया। उत्तरदाता विपक्षी सं0-2 ने विशेष व्यय सहित परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-1 के प्रतिवाद पत्र के जबाव में परिवादी ने रिज्वाइंडर कागज सं0-13/1 लगायत 13/3 दाखिल किया। इसमें विपक्षी सं0-1 के प्रतिवाद पत्र में उल्लिखित कथनों से इन्कार किया गया और कहा गया कि परिवादी ने बीमा पालिसी की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया। क्लेम अस्वीकृत किऐ जाने सम्बन्धी विपक्षी सं0-1 की ओर से परिवादी को कभी कोई पत्र नहीं मिला। बार-बार नोटिस दिऐ जाने के बावजूद विपक्षी सं0-1 ने क्लेम का भुगतान न कर सेवा में कमी की है उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्र के जबाव में परिवादी ने रिज्वाइंडर कागज सं0-12/1 लगायत 12/2 प्रस्तुत किया जिसमें परिवादी ने कहा कि वह ऋण की किश्तों को नियमित रूप से अदा करता रहा है किन्तु जब से कार चोरी गई तब से ऋण की शेष राशि वह जमा नहीं कर पाया। परिवादी ने अपने रिज्वाइंडर शपथ पत्र में विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध भी परिवाद में मांगे गऐ अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की है।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-15/2 लगायत 15/5 दाखिल किया।
- विपक्षी सं0-2 की ओर से विपक्षी सं0-2 के शाखा प्रबन्धक श्री नीरज चौहान ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/3 प्रस्तुत किया।
- प्रत्युत्तर में परिवादी ने रिज्वांइडर शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/2 दाखिल किया।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से संलग्नकों सहित साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/4 दाखिल किया जिसके साथ बतौर संलग्नक परिवादी द्वारा प्रस्तुत किऐ गऐ क्लेम फार्म दिनांकित 22/2/2009 तथा अभिकथित रूप से परिवादी का क्लेम निरस्त किऐ जाने विषयक विपक्षी सं0-1 के पत्र दिनांकित 28/4/2009 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-21/5 लगायत 21/9 हैं।
- विपक्षी सं0-1 के साक्ष्य शपथ पत्र के जबाव में परिवादी ने अपना रिज्वांइडर शपथ पत्र कागज सं0-22/1 लगायत 22/5 दाखिल किया।
- पक्षकारों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की कार दिनांक 11/7/2008 से 10/7/2009 की अवधि हेतु विपक्षी सं0-1 से बीमित थी।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि परिवादी की कार 5/6 जनवरी, 2009 की मध्य रात्रि को चोरी हो गई जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गई और चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट भी थाना गजरौला जिला जे0पी0नगर में दर्ज कराई गई। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि सारी औपचारिकताऐं पूरी कर देने और बार-बार नोटिस देने के बावजूद विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को क्लेम राशि नहीं दी। प्रत्युत्तर में विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि कार की चोरी की रिपोर्ट लिखाने में परिवादी द्वारा एक माह 2 दिन का और चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को देने में 25 दिन का विलम्ब किया गया जिसका परिवादी की ओर से कोई सन्तोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता ने यह भी कहा कि कार परिवादी की लापरवाही से चोरी हुई क्योंकि जिस समय कार चोरी हुई उस समय कार की चाबी कार में लगी हुई थी। बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को देने में और प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाऐ जाने में विलम्ब कारित करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया है। अतिरिक्त यह भी कहा गया कि कार में चाबी लगी हुई छोड़ देना भी बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन है। बीमा पालिसी की शर्तों के उल्लंघन के कारण परिवादी का क्लेम अस्वीकृत किया जा चुका है जिसकी सूचना परिवादी को पत्र दिनांक 28/4/2009 द्वारा दे दी गई थी। बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता ने अतिरिक्त यह भी तर्क किया कि परिवाद कालबाधित है।
- प्रत्युत्तर में परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने कहा कि उसने बीमा पालिसी की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया। क्लेम अस्वीकृति के पत्र दिनांकित 28/4/2009 के सन्दर्भ में परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई पत्र परिवादी को प्राप्त नहीं हुआ। परिवादी को सर्वप्रथम इस परिवाद की कार्यवाही के दौरान यह जानकारी हुई कि उसका क्लेम अभिकथित रूप से विपक्षी सं0-1 ने अस्वीकृत कर दिया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने यह कहते हुऐ कि उसका क्लेम कालबाधित नहीं है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवादी के अनुसार उसकी कार दिनांक 5/6 जनवरी, 2009 की मध्य रात्रि में चोरी हुई थी। क्लेम इन्टीमेशन फार्म की नकल कागज सं0-21/5 लगायत 21/6 में परिवादी ने यह उल्लेख किया है कि जिस समय उसकी कार चोरी हुई तब कार में चाबी लगी हुई थी। इस प्रकार कार में चाबी लगी हुई छोड़ दिया जाना प्रमाणित है जो बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन है।
- प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल पत्रावली का कागज सं0- 3/14 है। चोरी की इस घटना की रिपोर्ट थाना गजरौला जिला जे0पी0नगर में दिनांक 07/2/2009 को परिवादी ने दर्ज कराई थी। इस प्रकार प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने में परिवादी के स्तर से एक माह 2 दिन का विलम्ब हुआ। विपक्षी सं0-1 की ओर से दाखिल साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-21 के पैरा सं0-3 में यह उल्लेख है कि चोरी की इस घटना की सूचना विपक्षी सं0-1 को परिवादी ने दिनांक 30/1/2009 को दी। पत्रावली में ऐसा कोई प्रपत्र परिवादी ने दाखिल नहीं किया जिससे प्रकट हो कि दिनांक 30/1/2009 से पूर्व चोरी की सूचना परिवादी ने बीमा कम्पनी को दे दी थी। किसी अभिलेख के अभाव में यह माने जाने का कारण है कि चोरी की सूचना परिवादी ने बीमा कम्पनी को 30/1/2009 को दी थी। इस प्रकार बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना देने में लगभग 25 दिन का विलम्ब होना प्रमाणित है।
- चोरी की एफ0आई0आर0 लिखाने में एक माह 2 दिन का विलम्ब करके और बीमा कम्पनी को चोरी की सूचना देने में 25 दिन का विलम्ब करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया जिसके आधार पर परिवादी का क्लेम अस्वीकृत करके बीमा कम्पनी-विपक्षी सं0-1 ने कोई त्रुटि नहीं की। हमारे इस मत की पुष्टि IV (2012) सी0पी0जे0 पृष्ठ-441 (एन0सी0), न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लि0 बनाम त्रिलोचन जाने तथा I (2013) सी0पी0जे0, पृष्ठ-71 वीरेन्द्र कुमार बनाम न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के मामलों में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा दी गई निर्णयज विधियों से होती है।
- जहॉं तक विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रस्तुत किऐ गऐ इस तर्क का प्रश्न है कि परिवाद कालबाधित है, यह तर्क स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं है क्योंकि विपक्षी सं0-1 यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि क्लेम अस्वीकृति का पत्र दिनांक 28/4/2009 परिवादी को भेजा गया था जो परिवादी को प्राप्त हो गया क्योंकि विपक्षी सं0-1 ने उक्त पत्र को भेजे जाने सम्बन्धी डाकखाने अथवा कोरियर की कोई रसीद दाखिल नहीं की। परिवादी द्वारा क्लेम निस्तारण के सम्बन्ध में विपक्षी सं0-1 को परिवाद के पैरा सं0-10 में उल्लिखित नोटिसों को भेजे जाने से भी इस बात की पुष्टि होती है कि कदाचित परिवादी को क्लेम अस्वीकृति का पत्र दिनांकित 28/4/2009 नहीं मिला था क्योंकि यदि 28/4/2009 का पत्र परिवादी को मिल गया होता तो उसे उक्त नोटिसों को भेजने की आवश्यकता ही नहीं होती। इन परिस्थितियों में क्लेम अस्वीकृति के पत्र की तिथि अर्थात् 28/4/2009 से परिवादी को परिवाद का वाद हेतुक उत्पन्न हो जाना नहीं माना जा सकता। परिवाद कालबाधित होना प्रमाणित नहीं है। चॅूंकि परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया है अत: बीमा कम्पनी ने परिवादी का क्लेम अस्वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की। परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 10.12.2015 10.12.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.12.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। सदस्य अध्यक्ष जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद 10.12.2015 10.12.2015 | |