द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष
- इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि उसकी चोरी गई मोटर साईकिल की बीमित धनराशि अंकन 64,894/- ( चौंसठ हजार आठ सौ चौरानवें रूपया) विपक्षीगण से उसे ब्याज सहित दिलायी जाऐ। मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति की मद में 10,000/- (दस हजार रूपया) परिवादी ने अतिरिक्त मॉंगा है।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 20/08/2012 को परिवादी की मोटर साईकिल संख्या- यू0पी0-21 ए0के0-8680 चोरी हो गयी। यह मोटर साईकिल उसने विपक्षी सं0-4 से खरीदी थी और उसी के माध्यम से मोटर साईकिल का बीमा विपक्षी सं0-1 लगायत 3 से कराया था। बीमा पालिसी दिनांक 24/10/2011 से 23/10/2012 तक बैध थी, पालिसी की संख्या- 3005/67293853/00/000 है। परिवादी के अनुसार चोरी वाले दिन ही उसने मोटर साईकिल चोरी हो जाने की सूचना थाना गलशहीद में दी। अगले दिन अर्थात् 21/08/2012 को विपक्षी सं0-3 के कार्यालय में परिवादी ने इस चोरी की सूचना देनी चाही किन्तु परिवादी से यह कहकर टाल दिया गया कि पहले एफ0आई0आर0 दर्ज कराओ फिर आना। परिवादी का अग्रेत्तर कथन है कि पुलिस ने उसकी एफ0आई0आर0 दर्ज नहीं की। परिवादी को वे लगातार टालते रहे उसकी चोरी की एफ0आई0आर0 पुलिस ने दिनांक 09/09/2012 को दर्ज की। दिनांक 27/08/2012 को विपक्षीगण सं0-1 लगायत 3 के समक्ष ऑन लाइन क्लेम प्रस्तुत कर दिया। परिवादी ने आगे कहा है कि उसने आवश्यक प्रपत्र विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी को उपलब्ध करा दिऐ। बार-बार अनुरोध के बाद भी परिवादी का क्लेम स्वीकार नहीं किया गया और अन्तत: दिनांक 13/03/2013 के पत्र द्वारा परिवादी का क्लेम निरस्त कर दिया गया। आधार यह लिया गया कि चोरी की एफ0आई0आर0 दर्ज कराने में देरी की गयी है। परिवादी ने आरोप लगाया कि विपक्षीगण जानबूझकर क्लेम देने से बच रहे हैं ऐसा करके उन्होंने सेवा में कमी की है। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-1 लगायत 3 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0- 8/1 लगायत 8/5 प्रस्तुत किया गया। विपक्षी सं0-4 बावजूद तामील के फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुऐ। विपक्षी सं0-4 की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल नहीं हुआ।
- विपक्षी सं0-1 लगायत 3 ने अपने प्रतिवाद पत्र में परिवादी की मोटर साईकिल का बीमा किया जाना और दिनांक 27/08/2012 को मोटर साईकिल की कथित चोरी की सूचना मिलना तो स्वीकार किया गया है किन्तु शेष कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादी ने कथित चोरी की एफ0आई0आर0 कथित चोरी के लगभग 19 दिन बाद अत्याधिक विलम्ब से करायी और इस प्रकार अपराधी को इतना समय दे दिया कि वाहन पुलिस की पकड़ से दूर ले जाया जा सके। कथित चोरी की सूचना उत्तरदाता विपक्षीगण को घटना के 7 दिन बाद दी गयी इसमें भी परिवादी ने देरी की। विलम्ब से एफ0आई0आर0 कराने और विलम्ब से उत्तरदाता विपक्षीगण को कथित चोरी की सूचना देने से बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन हुआ है और शर्तों के उल्लंघन के आधार पर परिवादी का दावा अस्वीकृत करके उत्तरदाता विपक्षीगण ने कोई त्रुटि अथवा सेवा में कमी नहीं की। परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की उत्तरदाता विपक्षीगण ने प्रार्थना की। परिवादी ने सूची कागज सं0-3/7 के माध्यम से बीमा पालिसी, कथित रूप से चोरी गई मोटर साईकिल की आर0सी0, उसकी सेल इनवाइस, थाना गलशहीद में दर्ज एफ0आई0आर0 की फोटो प्रति, बीमा दावा अस्वीकृत किऐ जाने विषयक विपक्षीगण सं0-1 लगायत 3 की ओर से परिवादी को भेजा गया पत्र मूल रूप में तथा चोरी के मामले में पुलिस द्वारा प्रेषित फाइनल रिपोर्ट, फाइनल रिपोर्ट स्वीकृत किऐ जाने के न्यायालय के आदेशों की प्रमाणित प्रतिलिपि और कथित रूप से विपक्षी सं0-3 को लिखे गऐ पत्र दिनांकित 21/08/2012 की फोटो प्रति को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 3/8 लगायत 3/17 हैं।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/3 दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 लगायत 3 की ओर से आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के लीगल मैनेजर श्री मनीष श्रीवास्तव ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0- 13/1 लगायत 13/5 दाखिल किया। शपथ पत्र के साथ बीमा शिडयूल, पालिसी की शर्तों एवं क्लेम अस्वीकृत किऐ जाने सम्बन्धी पत्र दिनांकित 13/03/2013 की नोटरी द्वारा प्रमाणित प्रतियों को संलग्नक के रूप में दाखिल किया गया है।
- विपक्षी सं0-4 की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हुआ।
- हमने परिवादी तथा विपक्षीगण सं0-1 लगायत 3 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- पत्रावली में अवस्थित रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 13/03/2013 (पत्रावली का कागज सं0-3/12) के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षी बीमा कम्पनी ने परिवादी का क्लेम इस आधार पर अस्वीकृत किया कि परिवादी ने मोटर साईकिल चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस में कथित चोरी के लगभग 15 दिन बाद लिखवायी और कथित चोरी के 7 दिन बाद बीमा कम्पनी को इस चोरी की सूचना दी और ऐसा करके परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तो का उल्लंघन किया। बीमा पालिसी की शर्तों की नोटरी द्वारा प्रमाणित प्रति को विपक्षी के साक्षी श्री मनीष श्रीवास्तव के साक्ष्य शपथ पत्र के संलग्नक के रूप में दाखिल किया गया है, यह शर्ते पत्रावली का कागज सं0- 13/7 लगायत 13/8 हैं। बीमा पालिसी की शर्त सं0-1 के अनुसार कथित चोरी के तत्काल बाद चोरी की सूचना पुलिस में दर्ज करायी जानी चाहिए और चोरी के तत्काल बाद उक्त चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को दी जानी चाहिए। वर्तमान मामले में परिवादी के अनुसार उसकी मोटर साईकिल दिनांक 20/08/2012 को चोरी हुई। पत्रावली में अवस्थित प्रथम सूचना रिपोर्ट की फोटो प्रति कागज सं0- 3/11 के अवलोकन से प्रकट है कि इस चोरी की एफ0आई0आर0 थाना गलशहीद जिला मुरदाबाद में दिनांक 09/09/2012 को दर्ज हुई। प्रथम सूचना रिपोर्ट कथित चोरी के लगभग 20 दिन बाद दर्ज होना प्रकट है। परिवादी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र के पैरा सं0-5 में यधपि यह कहा है कि चोरी की सूचना उसने थाना गलशहीद में चोरी वाले दिन ही दे दी थी किन्तु अपने इस कथन के समर्थन में उसने कोई ऐसा प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जिसके आधार पर यह माना जा सके कि चोरी वाले दिन ही परिवादी ने थाना गलशहीद पर चोरी की सूचना दे दी थी।
- परिवादी के अनुसार उसने चोरी से अगले दिन अर्थात् 21/08/2012 को विपक्षी के कार्यालय में चोरी की सूचना देने का प्रयास किया किन्तु उससे कहा गया कि पहले एफ0आई0आर0 दर्ज कराओ बाद में आना। परिवादी के उक्त कथन का समर्थन भी किसी अन्य परिस्थिति अथवा साक्ष्य से नहीं होता। परिवादी ने दिनांक 27/08/2012 को मोटर साईकिल चोरी का ऑन लाइन क्लेम विपक्षी बीमा कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसे विपक्षी ने अपने प्रतिवाद पत्र में स्वीकार किया है। इस प्रकार विपक्षी को कथित चोरी की सूचना मोटर साईकिल चोरी होने के 7 दिन बाद मिली।
- न्यू इण्डिया एश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड बनाम त्रिलोचन जाने IV (2012) सी0पी0जे0 पृष्ठ- 441 (एन0सी0) की निर्णयज विधि में मा0 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्ली द्वारा निम्न व्यवस्था दी गयी है:-
“ In the case of theft where no bodily injiry has been caused to the insured, it is incumbent upon the respondent to inform the police about the theft immediately, say within 24 hours, otherwise, valuable time would be lost in tracing the vehicle. Similarly, the insurer should also be informed within a day or two so that the insurer can verify as to whether any theft had taken place and also to take immediate steps to get the vehicle traced.”
12 – वर्तमान मामले में मोटर साईकिल चोरी की प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना गलशहीद में कथित चोरी के लगभग 20 दिन बाद दर्ज होना प्रकट हुआ है और उक्त चोरी की सूचना विपक्षी बीमा कम्पनी को चोरी के 7 दिन बाद प्राप्त हुई ऐसी दशा में बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन होना प्रकट है।
13 – पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्य सामग्री के समग्र मूल्यांकन के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि त्रिलोचन जाने की उपरोक्त निर्णयज विधि में दी गई व्यवस्था के दृष्टिगत विपक्षी सं0-1 लगायत 3 ने परिवादी का बीमा दावा अस्वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की।
14 - उपरोक्त विवेचना के आधार पर हमारे विनम्र अभिमत में परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
परिवाद खारिज किया जाता है।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
11.06.2015 11.06.2015 11.06.2015
हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 11.06.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
11.06.2015 11.06.2015 11.06.2015