समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-61/2014 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती विमला पत्नी स्व0 कन्हैया लाला निवासिनी-ग्राम- सिजहरी परगना व तहसील व जिला महोबा ....परिवादी
बनाम
1.प्रबंधक,आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 चौथा तल इण्डिको कारपोरेट चैम्बर्स 1 विभूति खण्ड,गोमती नगर,लखनऊ ।
2.उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जिलाधिकारी,महोबा जिला महोबा .....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस आधार पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी के पति स्व0 कन्हैयालाल एक कृषक थे और कृषि कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पौषण करते थे । ग्राम-सिजहरी में खतौनी खाता सं0 01249 में 2.1590 हे0 सहखातेदारी कृषि भूमि उनके नाम थी । दिनांक:01.05.2007 को कन्हैया लाल की गोली मार कर हत्या कर दी गई जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना-श्रीनगर में अपराध सं0 856/07 अंतर्गत धारा-302 भा0दं0सं0 में दर्ज कराई गई । कन्हैया लाल का पोस्टमार्टम व पंचनामा कराया गया। उ0प्र0 शासन द्वारा उ0प्र0 के समस्त कृषकों का एक लाख रू0 का किसान दुर्घटना बीमा विपक्षी सं01 की बीमा कंपनी से कराया गया था । इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसान जिनकी आयु 12 वर्ष से अधिक व 70 वर्ष के मध्य होगी वे दुर्घटना बीमा का लाभ पाने के पात्र हैं । क्न्हैया लाल की मृत्यु के समय आयु 35 वर्ष थी और वह एक पंजीकृत किसान था । परिवादिनी ने अपने पति की मृत्यु की सूचना विपक्षी सं02 को दी । विपक्षी सं02 द्वारा लेखपाल को भेजकर घटना की जांच कराई गई और क्लेमफार्म भरा गया और प्रथम सूचना रिपोर्ट,पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा,खतौनी,परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि के साथ क्लेमफार्म विपक्षी सं02 द्वारा विपक्षी सं01 को भेजा गया लेकिन विपक्षी सं01 ने बीमित धनराशि की अदायगी नहीं की । परिवादिनी ने विपक्षी सं02 के कार्यालय में संपर्क किया । दि0 23.06.2014 विपक्षी सं02 के कार्यालय से अपमानित कर के भगा दिया गया और विपक्षीगण द्वारा क्लेम के निस्तारण की सूचना नहीं दी गई और न क्लेम की धनराशि अदा की गई जो विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि व व्यापार में अनुचित शैली है । अंत: परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध किसान दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत बीमित धनराशि 1,00,000/-रू0 व इस पर 01.05.2007 से 18 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज न्यायोचित मानसिक क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय दिलाये जाने की प्रार्थना की है ।
विपक्षी सं01 के जबावदावा के अनुसार परिवादिनी कों परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है । परिवादिनी उपभोक्ता नहीं है । विपक्षी सं01 के विरूद्ध कोई वाद का कारण नहीं है। परिवाद कालबाधित है । परिवादिनी के पति की 01.12.2007 को हत्या हुई थी । कन्हैया लाल पंजीकृत कृषक के रूप में दर्ज नहीं था । पालिसी की शर्त के अनुसार मृतक कृषक का नाम खतौनी में दर्ज होना आवश्यक है । विपक्षी सं01 ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की है । परिवादिनी ने कोई प्रीमियम की धनराशि विपक्षी सं01 के यहां जमा नहीं की है तथा दुर्घटना की तिथि को मृतक का कृषक के रूप में दर्ज होना आवश्यक था जबकि कन्हैया लाल पंजीकृत कृषक नहीं था। इस प्रकार विपक्षी सं01 द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई है ।
विपक्षी सं02 के जबाबदावा के अनुसार उ0प्र0सरकार द्वारा किसान को लाभ देने के लिये कृषक दुर्घटना बीमा योजना चलाई गई थी जिसका एकमुश्त प्रीमियम धनराशि उ0प्र0 सरकार द्वारा अदा की जाती है कृषक द्वारा कोई प्रीमियम अदा नहीं किया जाता है और परिवादिनी का दावा राजस्व अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय को दिनांक:18.05.2007 को भेजा गया । कन्हैया लाल की मृत्यु 02.05.2007 को गोली मारकर हत्या से हुई थी । इसके नाम 0.358 भूमि है और वह पंजीकृत किसान है । दावे के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा,प्रथम सूचना रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र,खतौनी,राशन कार्ड की प्रतिलिपि संलग्न करते हुये विपक्षी सं01 को विपक्षी सं02 द्वारा भेजा गया । विपक्षी सं01 द्वारा क्लेम का निस्तारण करते हुये कहा गया कि मृतक कृषक कन्हैया लाल पंजीकृत किसान नहीं था इसलिये क्लेम नहीं दिया गया । खतौनी 1410 से 1415 फसली खाता सं0 00870 में परिवादिनी के पति कन्हैया लाल के पिता की मृत्यु के उपरांत दि0 05.02.2007 को भूमि बरासत से प्राप्त हुई थी । कन्हैया लाल के नाम 02.05.2007 को खतौनी में अंकित था । विपक्षी सं02 ने विपक्षी सं01 को क्लेम पुन: निस्तारण हेतु पत्र भेजा गया । विपक्षी सं01 द्वारा इसका कोई उत्तर नहीं दिया गया । विपक्षी सं02 ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई है ।
परिवादिनी की और परिवाद प्रस्तुत करते समय अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त श्रीमती विमला का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया । परिवादिनी का शेष साक्ष्य दि0 27.06.2013 को समाप्त की गई ।
विपक्षी सं01 की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त मनीष श्रीवास्तव मैनेजर का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त सुरेन्द्र कुमार,अपर जिलाधिकारी,महोबा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया । ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादी तथा विपक्षी सं01 के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये । विपक्षी सं02 की और से उनके पैरोकार उपस्थित आये।
स्वीकृत तथ्य है कि परिवादिनी के पति कन्हैया लाल की दि001.05.2007 को गोली मारी गई और 02.05.2007 को प्रात: उनकी मृत्यु हो गई,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट 856/07 थाना – श्रीनगर में दि0 02.05.2007 को दर्ज हुई । पंचनामा व पोस्टर्माटम हुआ । परिवादिनी ने विपक्षी सं02 को सूचना देते हुये क्लेमफार्म की औपचारिकतायें पूर्ण कीं । विपक्ष्ज्ञी सं02 ने औपचारिकतायें पूर्ण कर दि018.05.2007 को विपक्षी सं01 को क्लेमफार्म भेजा । विपक्षी सं01 ने दुर्घटना की तिथि को परिवादिनी के पति कन्हैया लाल को पंजीकृत कृषक नहीं माना और उसका क्लेम निरस्त कर दिया । विपक्षी सं02 ने पुन: 29.06.2007 को परिवादिनी के पति को दि0 08.02.2007 से पंजीकृत किसान होने की सूचना देते हुये पुर्नविचार हेतु पत्र अभिलेख कागज सं0 28ग लिखा ।
विपक्षी सं0 1 ने अपने जबाबदावा में 01.12.2007 को हत्या तिथि अंकित किया है जबकि दुर्घटना 01.05.2007 को हुई और मृत्यु 02.05.2007 को हुई है । विपक्षी सं02 के पत्र दिन0 29.06.2007 अभिलेख कागज सं028ग के अनुसार कन्हैया लाल के नाम 08.02.2007 का आदेश दर्ज था अर्थात मृत्यु की तिथि 1/2.05.2007 को वह पंजीकृत किसान था । विपक्षी सं01 को इस आशय की कोई सूचना प्रस्तुत नहीं की । मृत्यु की तिथि को कन्हैया लाल खतौनी में पंजीकृत किसान दर्ज नहीं था । विपक्षी सं01 की और से 26ग योजना की प्रतिलिपि प्रस्तुत की गई,जिसमें पंजीकृत किसान की हत्या होने पर भी पंजीकृत किसान के वारिसान बीमित धनराशि पाने के अधिकारी है । विपक्षी सं01 की और से बिना किसी उचित आधार के क्लेम निरस्त किया गया जो विपक्षी सं01 की सेवा में त्रुटि व अनुचित व्यापार शैली है । विपक्षी सं02 ने भरपूर प्रयास किया उसकी कोई सेवा में त्रुटि नहीं है । परिवादिनी को मानसिक पीडा हुई और उसे परिवाद प्रस्तुत करना पडा । मृतक किसान के वारिस 1,00,000/-रू0 पाने के अधिकारी हैं । बीमा अवधि 16.09.्2006 से 15.09.2007 की अवधि के मध्य पंजीकृत किसान की हत्या हुई है ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षी सं01 के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है । विपक्षी सं01 परिवादिनी को उ0प्र0 किसान दुर्घटना बीमा योजना के अनुसार 1,00,000/-रू0 बीमित धनराशि परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 02.07.2014 से अदायगी की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित तथा 2,500/- रूपया मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति एंव 2500/-रू0 परिवाद व्यय सहित इस निर्णय के एक माह के अंदर प्रदान करें । अन्यथा परिवादिनी नियमानुसार धनराशि वसूल करने की अधिकारिणी होगी । परिवाद विपक्षी सं02 के विरूद्ध परिवाद निरस्त किया जाता है ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
11.02.2016 11.02.2016 11.02.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
11.02.2016 11.02.2016 11.02.2016