DAYASHANKAR MAURYA filed a consumer case on 31 Aug 2021 against ICICI LAMBORD in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/79/2011 and the judgment uploaded on 07 Sep 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 79 सन् 2011
प्रस्तुति दिनांक 01.09.2011
निर्णय दिनांक 31.08.2011
साकिनान- ममरखापुर, पोस्ट- ककरहटा, परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
....................................................................................परिवादीगण।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में यह कथन किए हैं कि वे मूल निवासी मौजा- ममरखापुर, पोस्ट- ककरहटा, परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़ के हैं। यह कि परिवादीगण के पिता स्वo वंशू मौर्य के पास इस गांव में .339 हेक्टेयर भूमिधरी जमीन थी और इतनी ही जमीन उनके सगे भाई बनारसी के नाम थी। अर्थात् .678 हेक्टेयर भूमि दोनों भाईयों के नाम सहःभूमिधरी दर्ज थी। यह कि स्वर्गीय वंशू मौर्य उर्फ वंशी पिता वादीगण की मृत्यु दिनांक 10.11.2009 को घर पर ही सर्प दंश से हो गयी। स्वo वंशू को आर.के. क्लीनिक आहोपट्टी आजमगढ़ के डॉक्टर श्री अवधेश तिवारी को दिखाया गया व इलाजा कराया गया और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी और उन्होंने सर्प दंश से श्री वंशू मौर्य के मृत्यु का प्रमाण पत्र भी वादी नं. 02 को दे दिया। यह कि वादी नं. 02 ने अपने पिता के सर्प दंश से मृत्यु होने की सूचना भी प्रभारी अधिकारी कोतवाली आजमगढ़ को दिया था। वादीगण किसान बीमा पॉलिसी के तहत मुo एक लाख रुपया विपक्षी संख्या 01 से पाने के मुस्तहक हैं। वादीगण ने सभी कागजात वंशू मौर्य के मृत्यु से सम्बन्धित सभी कागजात मसलन मृत्यु प्रमाण पत्र व प्रभारी कोतवाली आजमगढ़ को दी गयी सूचना व खतौनी की नकल आदि के साथ मुo एक लाख रुपए क्लेम के लिए आवेदन पत्र दिया, जिसमें विपक्षी संख्या 02 ने विपक्षी संख्या 01 के पास नहीं भेजा गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट आवेदन पत्र के साथ नहीं दी गयी थी। जिसके कारण वादीगण किसान बीमा योजना के लाभ से वंचित हो गये हैं। वादीगण ने अपने पिता वंशू मौर्य का इलाज डाक्टर अवधेश तिवारी से कराया था और उन्होंने मृत्यु का प्रमाण पत्र भी दे दिया अतः नेक नियती से वादीगण ने अपने पिता का दाह संस्कार कर दिया और उनकी मृत्यु की सूचना कोतवाली प्रभारी आजमगढ़ को भी दे दिया था। वादीगण को इस बात की जानकारी नहीं थी कि पोस्ट मार्टम कराना चाहिए। वादीगण के पिता किसान थे और निर्विवाद रूप से उनकी मृत्यु सर्प दंश सो हुई थी। अतः वादीगण किसान बीमा योजना का लाभ पाने के मुस्तहक हैं। अतः विपक्षीगण से किसान बीमा योजना के तहत मुo एक लाख रुपए वादीगण को दिलाया जाए।
परिवादीगण द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादीगण ने कागज संख्या 6/1 षटवार्षिक खतौनी की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 प्रभारी अधिकारी कोतवाली सदर आजमगढ़ को दी गयी सूचना की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 आर.के. क्लीनिक द्वारा जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रत, कागज संख्या 6/4 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गयी मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति तथा कागज सख्या 6/5 ग्राम प्रधान द्वारा जारी पत्रि की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 10क शाखा प्रबन्धक आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड शाखा शाहजनफ रोड लखनऊ व अन्य द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादीगण को कोई वाद कारण अथवा अधिकार परिवाद प्राप्त नहीं है तथा परिवादीगण द्वारा स्वर्गीय वंशू मौर्य की मृत्यु के बाबत कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे परिवादीगण के पिता की मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सके। परिवादी का आवेदन अपूर्ण एवं निराधार होने के कारण तत्कालीन मुख्य राजस्व अधिकारी/सक्षम अधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया। यह कि परिवादीगण द्वारा विपक्षी संख्या 02 को न तो कोई धनराशि बीमा किस्त के बाबत भुगतान किया है और न ही उसका कोई औचित्य ही है। क्योंकि विपक्षी संख्या 02 द्वारा उoप्रo की सीमा में निवास करने वाले कृषकों की आकस्मिक मृत्यु के फलस्वरूप उनके परिवार को आर्थिक सहायत उपलब्ध कराने हेतु विपक्षी संख्या 02 द्वारा ही बीमाकृत किया गया है। ऐसी दशा में परिवादीगण विपक्षी संख्या 02 के उपभोक्ता की परिधि में नहीं आते हैं। पात्र पाए जाने की दशा में बीमित धनराशि का भुगतान विपक्षी संख्या 01 द्वारा ही किया जाना सम्भव है। विपक्षी संख्या 02 किसी धनराशि का भुगतान परिवादी अथवा अन्य कृषकों को किए जाने का प्रावधान नहीं है। अतः वाद पोषणीय नहीं है। परिवाद के संज्ञान का क्षेत्राधिकारी माo उपभोक्ता फोरम को नहीं है तथा उपरोक्त कारणों से परिवादी का परिवाद सव्यय निरस्त होने योग्य है। शाखा प्रबन्धक आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में कागज संख्या 12क एडिशनल प्ली एवं कथन के सम्बन्ध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
पुकार के समय उभय पक्ष अनुपस्थित पाए गए। चूंकि पत्रावली काफी पुरानी है। अतः पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में किसान बीमा योजना के तहत मुo एक लाख रुपया विपक्षीगण संख्या 01 शाखा प्रबन्धक आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड शाखा शाहजनफ रोड लखनऊ एवं विपक्षीगण संख्या 02 से सव्यय मांगा है। इस सन्दर्भ में विपक्षीगण का यह कहना उचित एवं न्याय संगत प्रतीत होता है कि परिवादीगण द्वारा स्वo वंशी मौर्य का पोस्ट मार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया तथा विपक्षी संख्या 02 किसान बीना योजना धनराशि के भुगतान का जिम्मेदार होता है। ऐसी स्थिति में परिवादीगण विपक्षी संख्या 02 के उपभोक्ता के परिधि में नहीं आते हैं। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 31.08.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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