Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/252/2009

ASHA - Complainant(s)

Versus

ICICI LAMBORD - Opp.Party(s)

JAY PRAKASH YADAV

30 Jan 2021

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 252 सन् 2009

प्रस्तुति दिनांक 23.12.2009

                                                                                            निर्णय दिनांक 30.01.2021     

आशा देवी उम्र तखo 28 साल पत्नी स्वo लौटू निवासिनी ग्राम- जिगिना करमनपुर, पोस्ट- मेहमौनी, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।

     ......................................................................................परिवादिनी।

बनाम

  1. उoप्रo सरकार व जरिए जिलाधिकारी आजमगढ़।
  2. आई.सी.आई.सी.आई. लोमबार्ड जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo इल्डिको चैम्बर-2 चतुर्थ दल जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo विभूतीखण्ड गोमती नगर लखनऊ।
  3. जिलाधिकारी आजमगढ़, जिला- आजमगढ़।       
  4.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके पति लौटू पुत्र लुरखुर की दिनांक 10/11.09.2007 को थाना- अतरौलिया जिला आजमगढ़ के क्षेत्राधिकार में वाहन की चपेट में आने के कारण गम्भीर चोटे आयी थीं। मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गयी थी। पोस्ट मार्टम दिनांक 11.09.2007 को सदर अस्पताल आजमगढ़ में हुआ। उसके पति की वाहन दुर्घटना में बुरी तरह से घायल होने के परिणामस्वरूप व मृत्यु के उपरान्त स्थानीय थाना अतरौलिया आजमगढ़ में लिखित सूचना दी गयी थी। परिवादिनी के पति लौटू कृषक थे जिनका नाम भू-राजस्व अभिलेख में दर्ज था। उत्तर प्रदेश सरकार की सीमा में रहने वाला 12 से 70 वर्ष की आयु वाले ऐसे समस्त कृषक जिनका नाम रेवेन्यू रिकार्ड में खातेदार/सहखातेदार के रूप में दर्ज होगा। उनके लिए अप्राकृतिक मृत्यु होने की दशा में व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना लागू की गयी है। इस बीमा योजना के तहत ऐसे सभी कृषक अच्छादित होंगे जिनकी मृत्यु अप्राकृतिक होगी और अप्राकृतिक मृत्यु की दशा में बीमा की धनराशि एक लाख रुपए प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना विपक्षी संख्या 02 के यहाँ से कराया गया है। जिसका भुगतान विपक्षी संख्या 02 को करना है। परिवादिनी द्वारा इस बीमा में कथित धनराशि प्राप्त करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया और जिलाधिकारी से कई बार सम्पर्क किया गया, लेकिन उसके साथ उपेक्षात्मक कार्यवाही की गयी।

P.T.O.

2

अतः परिवादिनी को विपक्षीगण से एक लाख रुपए का भुगतान कराया जाए, मानसिक व शारीरिक तथा आर्थिक क्षति हेतु 25,000/- रुपया तथा वाद व्यय 5000/- रुपया कुल 1,30,000/- रुपया दिलवाया जाए।  

परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1 एफ.आई.आर. की नकल, इसके बाद पोस्ट मार्टम की नकल, कागज संख्या 5/4 खतौनी की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/5 खतौनी की छायाप्रति, कागज संख्या 28/1 कृषकों के लिए जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के निर्देश तथा शर्तों की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।  

विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि विपक्षी संख्याय 02 के विरुद्ध कोई भी वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। परिवादिनी कन्ज्यूमर की परिभाषा में आती है। विपक्षी संख्या 02 ने परिवादिनी को बेहतर सुविधा दिया और उसकी सर्विस में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की गयी है। अतः वह कोई भी धनराशि पाने के लिए हकदार नहीं है। परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 02 को कभी सूचित नहीं किया। रेवेन्यू रिकार्ड के अनुसार मृतक किसान था और उसका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं था। परिवाद गलत तथ्यों पर दाखिल किया गया है। अतः परिवाद पत्र खारिज किया जाए।  

विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

बहस के समय कोई पक्ष उपस्थित नहीं था। अतः पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादिनी की ओर से कागज संख्या 28/1ता28/2 जो निर्देश/शर्तें प्रस्तुत की गयी है उसके पैरा 04 के उपपैरा में यह कहा गया है कि इन्श्योरेन्स बीमा कम्पनी द्वारा कोई विवाद उठाए जाने पर सम्बन्धित जिलाधिकारी का निर्णय अन्तिम व बीमा कम्पनी पर बाध्य होगा। इस प्रकार इसके अवलोकन से यह स्पष्ट है कि सरकार ने विवाद के निस्तारण का क्षेत्राधिकार जिलाकलेक्टर को दिया था न कि फोरम को प्राप्त था। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

आदेश

                                                    परिवाद- पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

                                                                गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

                                            (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

             दिनांक 30.01.2021

                                   यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

                            गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                               (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

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