Uttar Pradesh

Mau

CC/194/2013

DR AFTAB AHAMED - Complainant(s)

Versus

ICICI BANK - Opp.Party(s)

ANIL KUMAR SHARMA

06 Feb 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum Mau
Collectreat Compound MAU
 
Complaint Case No. CC/194/2013
 
1. DR AFTAB AHAMED
MUBARAKPUR MAU
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 HON'BLE MRS. LAL MUNNI YADAV MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, मऊ।
                परिवाद संख्या - 194/2013
                                प्रस्तुति दिनांकः- 
                                निर्णय दिनांकः- 
डा0 आफताब अहमद पुत्र फैजुल हसन, प्रा0 हेल्थ सेन्टर मुबारकपुर, जनपद- आजमगढ़। स्थायी निवासी मऊनाथ भंजन जनपद- मऊ।
                                        .......................... परिवादी
                       बनाम
1-    आई.सी.आई.सी.आई.बैंक लि0 शाखा मऊनाथ भंजन, जनपद- मऊ द्वारा शाखा प्रबन्धक।
2-    यूनियन बैंक आफ इण्डिया, शाखा आजमगढ़ मेन 99 तकिया आजमगढ़ जनपद- आजमगढ़ बजरिये शाखा प्रबन्धक।
3-    यूनियन बैंक आफ इण्डिया सेन्ट्रल आफिस मुम्बई यूनियन बैंक भवन 239 विधान भवन मार्ग नरीमन प्वाइन्ट मुम्बई, बजरिये जनरल मैनेजर पर्सनल वैकिग एण्ड आपरेशन डिपार्टमेन्ट।
.........................विपक्षीगण 

उपस्थितिः- जनार्दन सिंह            लाल मुन्नी यादव        राम चन्द्र यादव
          अध्यक्ष                     सदस्य                सदस्य
आदेशः- जनार्दन सिंह
निर्णय     
प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अन्तर्गत इस आशय की प्रार्थना के साथ योजित किया गया है कि मु0 74000 रू0 मुलधन तथा 10000.00 रू0 वाद व्यय के रूप मे दिलाया जाय।
परिवाद पत्र मे संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि परिवादी पेशे से चिकित्सक है जिसका एक बचत खाता विपक्षी सं0 2 के यहा सम्बद्ध है जहा से उसे ए0टी0एम0 कार्ड दिया गया है। परिवादी का खाता नं0 302802011005390 है। तथा ए0टी0एम0 कार्ड सं0 4213683028056495 है। 21.01.2013 को विपक्षी सं0 1 के ए0टी0एम0 मशीन से जो मऊनाथ भंजन मे स्थित है। 4000-4000 रू0 चार बार निकाला गया इस प्रकार उसके खाते में 168947.00 रू0 शेष रह गया था। इसके पश्चात उसके द्वारा 21.01.2013 से 23.01.2013 तक अपने ए0टी0एम0 कार्ड का कोई प्रयोग नही किया गया नही कोई खरीददारी की गयी न ही उसके द्वारा किसी चेक के द्वारा उसके खाते से निकाली गयी। इसके बावजुद परिवादी के उपरोक्त खाते से किसी ए0टी0एम0 मशीन द्वारा पाँच बार मे पाँच-पाँच हजार रू0 कुल 25000.00 रू0 डेविट कर लिया गया। तथा दिनांक 22.01.2013 को विपक्षी सं0 2 व 3 ने 6 बार मे कुल 24000.00 रू0 उसके खाते से ए0टी0एम0 से डेविट होना दिखाया। पुनः दिनांक 23.01.2013 को उसके खाते मे 7 बार मे गलत ढंग से 25000.00 रू0 डेविट होना दिखाया गया है। दिनांक 23.01.2013 को इस बात की सूचना विपक्षी सं0 2 के शाखा को दी गयी और अपना ए0टी0एम0 बन्द करवाया गया। परिवादी ने इसकी सूचना थाना कोतवाली मे भी दी और उसी दिन डर वस अपने खाते से 90000.00 रू0 चेक के जरिये से निकाल लिया। परिवादी के द्वारा इसकी सूचना 2 व 3 को दि गयी जिन्होने 29.01.2013 को 17000.00 रू0 परिवादी के खाते मे आंशिक रूप् से क्रेडिट होना दिखाया है परिवादी द्वारा विपक्षी सं0 1 व 2 को बार बार सूचना दी गयी कि उसका ए0टी0एम0 मशीन से उपरोक्ट 74000.00 रू0 निकाल लिये गये है उसके द्वारा इस सम्बन्ध में सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत यह सूचना मांगी की उपरोक्त धनराशि किस ए0टी0एम0 मशीन से और कहा से निकाली गयी है तथा उसका फुटेज परिवादी को दिलाया जाय। विपक्षी सं0 2 के द्वारा यह बताया गया कि परिवादी ए0टी0एम0 का फुटेज उसके कार्यालय मे आकर देख सकता है उसके खाते से जो रकम ए0टी0एम0 के जरिये डेबिट की गयी है उसकी प्रविष्टी विपक्षी नं0 3 के द्वारा की गयी है। जब विपक्षी सं0 2 व 3 ने परिवादी के उपरोक्त धनराशि उसके खाते मे क्रेडिट नही किया तब उसके द्वारा विधिक नोटिस देकर यह दावा योजित किया गया।
मेरे पुर्वाधिकारी द्वारा दिनांक 06.01.2014 को विपक्षीगण को भेजी गयी पंजीकृत नोटिस एक माह मे वापस प्राप्त न होने पर उनपर तामिला पर्याप्त माना गया और उनकी तरफ से कोई आपत्ति प्रस्तुत न होने के कारण उनके विरूद्ध एक पक्षिय कार्यवाही प्रस्तु की गयी।
वादहु विपक्षी सं0 1 प्रस्तुत हुआ और उसने जवाबदावा प्रस्तुत किया जिसमे उसके द्वारा यहा कहा गया है कि उसके द्वारा स्थापित संबन्धित ए0टी0एम0 मशीन मे बैंक के नियमावली के अनुसार किसी भी बैंक के ए0टी0एम0 धारक द्वारा धनराशि निकालने का प्रवधान है इसके तहत याचि द्वारा 21.01.2013 को 4-4 हजार रू0 कुल 16000.00 रू0 आहरित किया गया है इसके आलावा उसके ए0टी0एम0 मशीन से परिवादी द्वारा कोई धनराशि आहरित नही की गयी है। उसके द्वारा सेवा मे कोई कमी नही की गयी है । विपक्षी सं0 2 व 3 का बैंक आजमगढ़ जनपद से सम्बद्ध है अतः इस मंच को इस मामले को देखने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नही है। विपक्षी सं0 1 को अनावस्यक पक्षकार बनाया गया है अतः याचि से उसे 100000.00 रू0 बतौर विशेष हर्जा दिलाया जाय।
मंच द्वारा परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क सुना गया तथा सम्पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया।
याची के द्वारा अपने कथन के समर्थन मे शपथ पत्र 4ग/1 ता 4ग/2 प्रस्तु किया गया है जिसमे उसने अपने सम्पूर्ण कथन को दुहराया है तथा इसके अतिरिक्त उसके द्वारा अपने उपरोक्त खाते की छायाप्रति 5ग/1 ता 5ग/2 प्रस्तुत की गयी है। जिसके अवलोकन से यह विधित हो रहा है कि विपक्षी सं0 2 व 3 के द्वारा परिवादी के उपरोक्त खाते से सम्बन्धित ए0टी0एम0 के जरिये 21.01.2013 को उसके द्वारा कुल 4 बार मे 16000.00 रू0 निकाला गया है। इस अभिलेख से यह प्रमाणित होता है कि दिनांक 21.01.2013 से लेकर 23.01.2013 तक परिवादी के उपरोक्त खाते के ए0टी0एम0 से कुल 75000.00 रू0 निकाला जाना दर्शाया गया है। परिवादी के तरफ से अपने परिवाद पत्र में कथन किया गया है कि यह 75000.00 रू0 उसने अपने ए0टी0एम0 से नही निकाला तथा जो 17000.00 रू0 दिनांक 29.01.2013 को परिवादी के खाते मे क्रेडिट दर्शाया गया है वह धनराशि उसके द्वारा खाते मे जमा नही की गयी है। इस आशय का परिवादी का अपना शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया है। इस कथन को विपक्षी सं0 2 व 3 की तरफ से खडित नही किया गया है अतः याची का कुल 58000.00 रू0 इस प्रकार उसके खाते से जो डेविट किया गया है वह उसके अनुसार उसने अपने ए0टी0एम0 को प्रयोग करके नही निकाला है। परिवादी द्वारा अपने कथन को अभिपुष्ट करने हेतु विपक्षी सं 2 व 3 से सुचना के अधिकार अधिनियम के अनुरूप् प्राथना पत्र 5ग/4 प्रेषित करके उत्तर मांगा गया। जिसके उत्तर मे विपक्षी सं0 2 के द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया है कि उपरोक्त धनराशि 21.01.2013 से 23.01.2013 तक उसने ए0टी0एम0 का प्रयोग करके निकाला है उसके खाते मे ए0टी0एम से निकाली गयी सम्पूर्ण धनराशि की प्रविष्टी तथा 29.01.2013 को उसके खाते मे जो 17000.00 रू0 क्रेडित किया गया उसका विवरण उसके केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई के द्वारा की गयी है प्रश्नोत्तर 5ग/6 मे विपक्षी सं0 2 ने बताया है कि उपरोक्त धनराशि किस बैंक के किस ए0टी0एम0 मशीन से निकाली गयी है इसका उत्तर उसके केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई से बताने के लिए पुछा गया है इस तथ्य की जानकारी के लिए परिवादी को बताया गया है कि यह जानने के लिए उसे मशीन का फुटेज विपक्षी सं0 2 के कार्यालय मे दिखाया जा सकता है यह देखने के लिए याची के द्वारा उसके कार्यालय मे पहुच कर एक पत्र दिनांक 09.07.2013 जिसकी छायाप्रति 5ग/7 है विपक्षी सं0 दो को प्राप्त करायी है इससे विपक्षी सं0 दो के द्वारा मशीन का फुटेज परिवादी को नही दिखाया गया। इससे यह ज्ञात हो सकता था कि उपरोक्त विवादित धनराशि किस ए0टी0एम0 मशीन से निकाली गयी है। इससे यह प्रमाणित होता है कि परिवादी द्वारा उपरोक्त 75000.00 रू0 अपने ए0टी0एम0 उपरोक्त के  द्वारा नही निकाली गयी। तथा 17000.00 रू0 उसके द्वारा बैंक मे क्रेडिट नही किया गया। इस आधार पर यह न्यायोचित है कि विपक्षी सं0 2 व 3 को निदेर्शित किया जाय की वह 30 दिन के अन्दर परिवादी को मशीन का फुटेज दिखाकर उसके उपरोक्त खाते से डेविट किये गये धनराशि का उचित समायोजन करे। ऐसा न करने पर विपक्षी सं0 2 व 3 के द्वारा उपरोक्त धनराशि पर समायोजन किये जाने की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक व्याज देय होगा।

आदेश
अतः परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है तदनुसार परिवादी सं0 2 व 3 को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को विवादित धनराशि का मशीन का फुटेज 30 दिन के अन्दर दिखा कर यह बताये कि उक्त धनराशि किस बैंक के ए0टी0एम0 मशीन से निकाली गयी और 17000.00 रू0 दिनांक 29.01.2013 को परिवादी के खाते मे कैसे क्रेडिट हुआ तथा यदि यह धनराशि परिवादी के ए0टी0एम0 के जरिये नही निकाली गयी है तो उसे 30 दिन के अन्दर विपक्षी सं0 1 व 2 अदा करे। ऐसा न करने पर विपक्षी सं0 2 व 3 के द्वारा उपरोक्त धनराशि पर समायोजन किये जाने की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक व्याज देय होगा।


उपस्थितिः- जनार्दन सिंह            लाल मुन्नी यादव        राम चन्द्र यादव
          अध्यक्ष                     सदस्य                सदस्य
दिनांकः-

आज खुले न्यायालय में दिनांकित एवं हस्ताक्षरित करके निर्णय सुनाया गया। 


उपस्थितिः- जनार्दन सिंह            लाल मुन्नी यादव        राम चन्द्र यादव
          अध्यक्ष                     सदस्य                सदस्य
दिनांकः-

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. LAL MUNNI YADAV]
MEMBER

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