राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1227/2022
हरीशंकर अग्रवाल पुत्र स्व0 श्री छज्जनलाल, निवासी नौहझील तहसील मॉट जिला मथुरा।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक, भूतेश्वर टेरा टावर के पास मथुरा द्वारा शाखा प्रबन्धक।
2- क्षेत्रीय प्रबन्धक आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक संजय पैलेस आगरा।
3- चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर, पंजीकृत कार्यालय लैण्ड मार्क रेसकोर्स सकिल बड़ोदरा (गुजरात)
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री नवीन कुमार तिवारी
प्रत्यर्थीगण की अधिवक्ता : श्रीमती सुचिता सिंह
दिनांक :- 09.5.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ हरीशंकर अग्रवाल द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, मथुरा द्वारा परिवाद सं0-188/2018 में पारित आदेश दिनांक 29.7.2022 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को साक्ष्य के अभाव में एवं परिवादी की अनुपस्थिति को उल्लिखित करते हुए खण्डित कर दिया है, जिससे व्यथित होकर प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख 02 माह 10 दिन के विलम्ब से योजित की गई है।
इस मामले में बिना किसी गुणदोष पर विचार किये उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्व्य सर्व श्री नवीन कुमार तिवारी एवं श्रीमती सुचिता सिंह को सुनने के उपरांत समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए
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न्यायहित में मेरे विचार से अपीलार्थी/परिवादी को साक्ष्य प्रस्तुत किये जाने का एक अवसर प्रदान किया जाना न्यायोचित प्रतीत हो रहा है, तद्नुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार करते हुए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-188/2018 में पारित आदेश दिनांक 29.7.2022 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-188/2018 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, इस आदेश की प्राप्ति से एक वर्ष की अवधि में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 10.6.2024 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
चूंकि प्रत्यर्थी/विपक्षी बैंक की अधिवक्ता इस न्यायालय के सम्मुख अपील की सुनवाई के दौरान उपस्थित है अत्एव यह माना जाता है कि इस आदेश की सूचना प्रत्यर्थी/विपक्षी बैंक को पूर्व से है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1