Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/72/2011

Smt. Shaheen Begum & Others - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard General Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

18 Jul 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/72/2011
 
1. Smt. Shaheen Begum & Others
R/o Moh. Sadaat Kundarki, Post Khas, Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. I.C.I.C.I Lombard General Insurance Company Ltd.
Branch Manager Parsavnath Plaza Delhi Road Thana Majhola Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 18 Jul 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादिनी सं0-1 ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे दुर्घटना में पति  की मृत्‍यु हो जाने के फलस्‍वरूप व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा के 1,00,000/-रूपया12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाऐ जाय। परिवाद व्‍यय की मद में 10,000/- रूपया और अधिवक्‍ता फीस की मद में 10,000/-रूपया परिवादिनी ने अतिरिक्‍त मांगे  हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी के पति मौ0  आकिल मोटर साईकिल सं0- यू0पी0-21ए0 डी0-3060 के पंजीकृत स्‍वामी थे। मोटर साईकिल विपक्षीगण से दिनांक 02/5/2010 से 01/5/2011 तक  की अवधि हेतु बीमित थी। दिनांक 30/9/2010 को वाहन दुर्घटना में थाना बिलारी के क्षेत्रान्‍तर्गत कुन्‍दरकी में उनकी मृत्‍यु हो गई उनके पास बैध  ड्राईविंग लाईसेंस था। दुर्घटना की रिपोर्ट उसी दिन थाना बिलारी जिला मुरादाबाद पर दर्ज कराई गई जो आई0पी0सी0 की धारा- 279,/338/427 व 304 ए के अधीन दर्ज हुई। दुर्घटना में परिवादिनी के पति की मोटर साईकिल भी काफी क्षतिग्रस्‍त हुई जो क्षतिग्रस्‍त हालत में थाना बिलारी  में खड़ी है। परिवादिनी ने बीमा पालिसी के अनुसार पति का व्‍यक्तिगत दुघर्टना क्‍लेम मुवलिग 1,00,000/-रूपया प्राप्‍त करने के लिए दिनांक 12/10/2010 को एक पत्र गांधी नगर शाखा मुरादाबाद को पंजीकृत डाक  से भेजा जो वापिस आ गया। दूसरा पत्र उसने दिनांक 23/10/2010 को  विपक्षी सं0-2 को भेजा जो वापिस नहीं आया। परिवादिनी के अनुसार दावे का  भुगतान विपक्षीगण ने नहीं किया तब उसने विपक्षीगण को दिनांक 19/1/2011 को एक कानूनी नोटिस भिजवाया फिर भी उसे क्‍लेम का  भुगतान विपक्षीगण ने नहीं किया। परिवादिनी ने उक्‍त कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया।
  3.   परिवाद के साथ परिवादिनी ने सूची कागज सं0-3/4 के माध्‍यम से  दुर्घटना की एफ0आई0आर0, बीमा कवरनोट, मोटर साईकिल की  आर0सी0, मौ0 आकिल के ड्राईविंग लाईसेंस, विपक्षी की गांधी नगर, मुरादाबाद शाखा को पंजीकृत डाक से भेजे गऐ पत्र दिनांक 12/10/2010  और 20/12/2010, विपक्षी सं0-2 को पंजीकृत डाक से भेजे गऐ पत्र दिनांकित 23/10/2010, विपक्षी सं0-1 को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 19/1/2011 की नकल तथा पत्र एवं नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की  असल रसीदों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5  लगायत 3/13 हैं। परिवादिनी पक्ष की ओर से मृतक मौ0 आकिल के  पोस्‍टमार्टम की प्रमाणित प्रति कागज सं0-25/1 लगायत 25/4 भी दाखिल   की गई है।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/2  दाखिल किया गया जिसमें उन्‍होंने परिवादिनी के पति मौ0 आकिल की  मोटर साईकिल दिनांक 02/5/2010 से 01/5/2011 तक की अवधि हेतु बीमित होने से तो इन्‍कार नहीं किया, किन्‍तु शेष कथनों से इन्‍कार करते हुऐ कहा कि परिवादिनी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ, परिवादिनी का दावा विपक्षीगण के समक्ष लम्बित है अत: परिवाद प्रीमैच्‍योर है जो  पोषणीय नहीं है। विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया कि इस फोरम को परिवाद की सुनवाई का अधिकार नहीं है। उक्‍त कथनों के आधार पर  परिवाद खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  5.   परिवादिनी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/3 दाखिल किया।
  6.   विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्‍पनी के मैनेजर लीगर श्री मनीष श्रीवास्‍तव का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0- 22/1 लगायत 22/2 दाखिल  किया गया।
  7.   दोनों पक्षों की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई।
  8.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  9.   पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं  है कि परिवादिनी सं0-1 के पति मौ0 आकिल की मोटर साईकिल सं0-यू0पी0-21ए0डी0-3060 अभिकथित दुर्घटना की तिथि अर्थात् 30/9/2010 को विपक्षी सं0-1 से बीमित थी। बीमा कवरनोट की फोटो प्रति पत्रावली का कागज सं0-3/6 है। इसके अवलोकन से प्रकट है कि परिवादिनी के पति स्‍व0 मौ0  आकिल व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी था। मृतक मौ0 आकिल के ड्राईविंग लाईसेंस की नकल पत्रावली का कागज सं0-3/8 है। विपक्षीगण की ओर से  इस ड्राईविंग लाईसेंस की बैधता पर कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है।  ड्राईविंग लाईसेंस के अनुसार अभिकथित दुर्घटना के समय मृतक मौ0  आकिल मोटर साईकिल चलाने हेतु अधिकृत था।
  10.   परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षीगण को पंजीकृत डाक  से भेजे गऐ पत्र कागज सं0-3/9, 3/10 व 3/11 तथा भेजे गऐ कानूनी  नोटिस की नकल कागज सं0- 3/12 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित   करते हुऐ कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद भी विपक्षीगण ने मृतक 

मौ0 आकिल के व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा की राशि परिवादिनी को अदा  नहीं की और ऐसा करके उन्‍होंने सेवा में कमी की है।

  1.   प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल कागज सं0-3/5 के अनुसार अभिकथित दुर्घटना के समय मौ0 आकिल मोटर साईकिल चला रहा था उसकी मृत्‍यु विपरीत दिशा से आते हुऐ टैंकर की टक्‍कर लगने की वजह से होना बताया है। इस प्रकार दुर्घटना ‘’ मोटरवाहन दुर्घटना ’’ है। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि मोटर व्‍हीकल एक्‍ट ,1988 की धारा-165 के अनुसार वाहन दुर्घटना में हुई मृत्‍यु से सम्‍बन्धित बीमा दावों  के  सम्‍बन्‍ध   में सुनवाई का क्षेत्राधिकार केवल मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के अधीन गठित अधिकरणों को है, कम्‍न्‍जयूमर प्रोटेक्‍शन एक्‍ट के अधीन उपभोक्‍ता   न्‍यायालयों को उक्‍त मामलों की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है।  क्षेत्राधिकार से सम्‍बन्धित विपक्षीगण की ओर से प्रस्‍तुत किऐ गऐ उक्‍त  तर्कों से हम सहमत हैं।
  2.   चेयरमैन, थिरूवल्‍लोर ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन बनाम कम्‍न्‍ज्‍यूमर प्रोटेक्‍शन  कौंसिल, I (1995) सी0पी0जे0 3 (सुप्रीम कोर्ट) की रूलिंग में  मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दी गई व्‍यवस्‍था का अनुसरण करते हुऐ  नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड बनाम बोल्‍म रामा देवी आदि, I (2009) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-273 की निर्णयज विधि में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद  प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि मोटर व्‍हीकल एक्‍ट ,1988 की धारा-165 के अनुसार वाहन दुर्घटना में  हुई मृत्‍यु से सम्‍बन्धित बीमा दावों के सम्‍बन्‍ध में सुनवाई  का क्षेत्राधिकार केवल मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के अधीन गठित अधिकरणों को है, कम्‍न्‍जयूमर  प्रोटेक्‍शन एक्‍ट के अधीन उपभोक्‍ता न्‍यायालयों को उक्‍त मामलों की  सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस विधि व्‍यवस्‍था के दृष्टिगत फोरम को  इस परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है और परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
  3.  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     18.07.2016           18.07.2016        18.07.2016

 

 

   

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.07.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      18.07.2016          18.07.2016         18.07.2016

 

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