Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/41/2015

Shri Charan Singh - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard General Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Shri Brijesh Kumar

23 Sep 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/41/2015
 
1. Shri Charan Singh
R/o Village Mishripur, Post Office Kanth, Distt. Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. I.C.I.C.I Lombard General Insurance Company Ltd.
Add:- Veersavarkar Marg Near Siddhi Vinayak Mandir Prabha Devi Mumbai
Mumbai
Maharastra
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 23 Sep 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन-अध्‍यक्ष।

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षी से उसे उसकी चोरी गई मोटर साईकिल की बीमित राशि 46,000/- रूपया दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 1,00,000/- रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में 20,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी मोटर साईकिल सं0-यू0पी0 21 ए0के0-3034 का मालिक है। दिनांक 09/9/2013 से 08/9/2014 तक की अवधि हेतु यह मोटर साईकिल विपक्षी से बीमित थी जिसकी पालिसी सं0-3005/17063973/30047/000 है। दिनांक 15/16 अप्रैल, 2014 की रात में परिवादी की यह मोटर साईकिल घर के अन्‍दर से अज्ञात चोरों ने चुरा ली। चोर घर में रखा 55 लीटर मैंथा का तेल भी साथ ले गऐ। इस घटना की रिपोर्ट परिवादी ने थाना  कांठ पर दर्ज कराई जो मुकदमा अपराध सं0-130/14 पर धारा-380 आई0पी0सी0 के अधीन दर्ज हुई। विवेचना के आधार पर अभियुक्‍तगण गुफरान, माजिद तथा अनस उर्फ बब्‍बू के विरूद्ध न्‍यायालय में आरोप पत्र प्रेषित हुआ उनके विरूद्ध मुकदमा न्‍यायालय में विचाराधीन है। परिवादी ने विपक्षी के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत किया। विपक्षी के सर्वेयर ने बीमा राशि के भुगतान हेतु परिवादी से 5000/-रूपया अवैध धन की मांग की जिसे परिवादी ने पूरा नहीं किया। विपक्षी ने दिनांक 03/11/2014 के पत्र द्वारा परिवादी का क्‍लेम इस आधार पर निरस्‍त कर दिया कि परिवादी ने मोटर साईकिल के प्रति पर्याप्‍त सावधानी नहीं बरती। परिवादी के अनुसार विपक्षी ने उसका दावा गलत आधार पर खारिज किया है क्‍योंकि उसकी मोटर साईकिल घर के अन्‍दर खड़ी हुई थी और चोरों ने घर की दीवार फांदकर और दरवाजा तोड़कर चोरी की थी। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4   दाखिल किया। परिवादी ने परिवाद के साथ बीमा सर्टिफिकेट, मोटर साईकिल की आर0सी0, रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 03/11/2014, एफ0आई0आर0 तथा विपक्षी के सर्वेयर श्री राममिलन द्वारा दिनांक 28/5/2014 को क्‍लेम के सिलसिले में तैयार की गई क्‍वालिटी चेक  रिपोर्ट की नकलों को दाखिल किया गया है।
  4. विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/3   दाखिल हुआ जिसमें परिवादी की मोटर साईकिल का दिनांक 09/9/2013  से 08/9/2014 तक की अवधि हेतु विपक्षी द्वारा बीमा किया जाना तथा  परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत किया जाना तो स्‍वीकार किया गया है  किन्‍तु परिवाद के शेष कथनों से इन्‍कार किया गया। विपक्षी की ओर   से कहा गया है कि विपक्षी ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की  है, परिवादी ने मोटर साईकिल के इगनीशन में चाबी लगी छोड़ दी थी  और उसे घर में ऐसे स्‍थान पर खड़ा कर रखा था जहॉं ताला नहीं लगा था। ऐसा करके  परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया। परिवादी ने मोटर  साईकिल को सुरक्षित तरीके से नहीं रखा और उसके द्वारा बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किऐ जाने की वजह से उसका बीमा दावा विपक्षी ने अस्‍वीकृत किया और ऐसा करके विपक्षी ने कोई त्रुटि नहीं की।  विपक्षी द्वारा परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/3   दाखिल किया जिसके साथ उसने बतौर संलग्‍नक मोटर साईकिल की  आर0सी0, बीमा सर्टिफिकेट, एफ0आई0आर0, विपक्षी के सर्वेयर द्वारा क्‍लेम के सन्‍दर्भ में तैयार की गई क्‍वालिटी चेक रिपोर्ट तथा रिप्‍यूडिऐशन  लेटर दिनांकित 03/11/2014 की नकलों को दाखिल किया गया, यह  प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-8/4 लगायत 8/8 हैं।
  6. विपक्षी की ओर से विपक्षी के मैनेजर लीगल श्री सिद्धार्थ जैन का  साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/2 दाखिल हुआ  जिसके   साथ बीमा पालिसी की शर्तों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया गया है,  यह पपत्र पत्रावली के कागज सं0-13/3 और 13/4 हैं।
  7. विपक्षी की ओर से प्रार्थना पत्र कागज सं0-16 के माध्‍यम से एक  शपथ पत्र की फोटो प्रति भी दाखिल की गई जो पत्रावली का कागज सं0-16/2 है। विपक्षी के अनुसार यह शपथ पत्र परिवादी ने क्‍लेम के सिलसिले  में विपक्षी के समक्ष दाखिल किया था। 
  8. परिवादी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की। विपक्षी की ओर से  लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  9. हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  10. आर0सी0 नकल कागज सं0-3/7 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी मोटर साईकिल सं0-यू0पी0 21 ए0के0-3034 का पंजीकृत स्‍वामी  है। बीमा सर्टिफिकेट की नकल कागज सं0-3/6 के अनुसार अभिकथित चोरी की तारीख पर यह मोटर साईकिल विपक्षी से बीमित थी और इसकी बीमा राशि अंकन 30,301/-रूपया थी। एफ0आई0आर0 की नकल कागज सं0-3/9 के अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 15/16 अप्रैल 2014 की  मध्‍य रात्रि में परिवादी की यह मोटर साईकिल उसके घर के अन्‍दर से  अज्ञात चोरों ने चोरी कर ली। चोर साथ में 55 लीटर मैंथा आयल भी   ले गऐ। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-5 में उल्‍लेख   किया है कि चोरी के इस मामले में अभियुक्‍तगण के विरूद्ध न्‍यायालय  में विचारण लम्बित है। विपक्षी की ओर से मोटर साईकिल चोरी होने  तथा चोरी के इस मामले में अभियुक्‍तगण के विरूद्ध न्‍यायाल में विचारण   लम्बित होने से अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में इन्‍कार नहीं किया गया है।   इस प्रकार परिवादी की मोटर साईकिल उसके घर के अन्‍दर से रात के  समय चोरी हो जाना प्रमाणित है।
  11. विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी ने मोटर साईकिल घर के अन्‍दर ऐसे स्‍थान पर खड़ी कर रखी थी जहॉं ताला नहीं  लगा हुआ था। इसके अतिरिक्‍त मोटर साईकिल के इगनीशन में चाबी  लगी हुई भी परिवादी ने छोड़ दी थी। इस प्रकार परिवादी ने मोटर साईकिल की अपेक्षित सुरक्षा नहीं की। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने   रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांक 03/11/2014 का समर्थन करते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी ने चॅूंकि बीमा पालिसी की शर्त सं0-4 का उल्‍लंघन किया है  अत: परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षी ने न तो सेवा में   कमी की और न ही कोई गलती की। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने  अपने तर्क के समर्थन में पत्रावली में अवस्थित शपथ पत्र की नकल  कागज सं0-16/2 का भी अबलम्‍व लिया और कहा कि यह शपथ पत्र  परिवादी ने दिनांक 28/5/2014 को नोटरी कराया था।
  12.  प्रतिवाद पत्र में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षी के  विद्वान अधिवक्‍ता के इस तर्क का खण्‍डन किया कि परिवादी ने मोटर साईकिल के इगनीशन में चाबी लगी छोड़ दी थी अथवा मोटर साईकिल को उसने ऐसे स्‍थान पर खड़ा कर रखा था जहॉं ताला नहीं लगा था।  परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने विपक्षी की ओर से दिऐ गऐ इस तर्क का भी जोरदार खण्‍डन किया कि शपथ पत्र कागज सं0-16/2 परिवादी  ने निष्‍पादित कर विपक्षी को उपलब्‍ध कराया था। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों में बल है।
  13. परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/3 के  पैरा सं0-11 एवं पैरा सं0-12 में स्‍पष्‍ट रूप से यह कहा है कि उसने मोटर साईकिल में चाबी लगी हुई नहीं छोड़ी थी तथा मोटर साईकिल में ताला  लगा हुआ था। चोरों ने घर की दीवार फांदकर और दरवाजा तोड़कर चोरी   की थी। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-10 में स्‍पष्‍ट रूप  से यह भी कहा है कि उसने मोटर साईकिल की चाबी सर्वेयर को दे दी थी। परिवादी द्वारा सर्वेयर को मोटर साईकिल की चाबी दिऐ जाने की   पुष्टि विपक्षी के सर्वेयर द्वारा दिनांक 28/5/2014 को तैयार की गई क्‍वालिटी चेक रिपोर्ट कागज सं0-3/10 से होती है। यह चेक रिपोर्ट विपक्षी  के सर्वेयर श्री राममिलन द्वारा हस्‍ताक्षरित है। इस क्‍वालिटी चेक रिपोर्ट के कालम सं0-17 में यह उल्‍लेख है कि मोटर साईकिल दोनों चाबियां  जब विपक्षी की क्‍लेम पत्रावली में उपलब्‍ध हैं। मोटर साईकिल की दोनों चाबियां विपक्षी की क्‍लेम पत्रावली में उपलब्‍ध होना चेक लिस्‍ट में दर्शाई गई हैं तब विपक्षी की ओर से दिया गया यह तर्क कि चोरी के समय मोटर  साईकिल के इगनीशन में चाबी लगी हुई थी, असत्‍य हो जाता है।
  14. जहॉं तक शपथ पत्र की नकल कागज सं0-16/2 का प्रश्न है इसके अवलोकन से प्रकट है कि इस शपथ पत्र का स्‍टाम्‍प तहसील कांठ जिला  मुरादाबाद में दिनांक 26/5/2014 को खरीदा गया था। परिवादी तहसील कांठ का निवासी है जैसा कि परिवाद पत्र से प्रकट है। विपक्षी के विद्वान  अधिवक्‍ता इस बात का स्‍पष्‍टीकरण नहीं दे पाऐ कि यदि परिवादी ने  दिनांक 26/6/2014 को तहसील कांठ से यह स्‍टाम्‍प खरीदा था तो शपथ  पत्र परिवादी ने उसके दो दिन बाद दिनांक 28/5/2014 को मुरादाबाद आकर क्‍यों बनवाया। कदाचित परिवादी पक्ष के इस कथन में बल है कि  विपक्षी के सर्वेयर ने कोरे स्‍टाम्‍प पर परिवादी के हस्‍ताक्षर करा लिऐ थे  और बाद में विपक्षी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्‍य से तद्नुरूप स्‍टाम्‍प पर  इबारत टाइप कराकर उसे मुरादाबाद में नोटरी करा लिया। कदाचित   शपथ पत्र की नकल कागज सं0-16/2 विपक्षी की इस मामले में कोई  सहायता नहीं करती।
  15. पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य सामग्री और अभिलेखों से यह प्रमाणित  हुआ है कि परिवादी ने मोटर साईकिल अपने घर के अन्‍दर सुरक्षित रूप  से खड़ी कर रखी थी और उसकी इगनीशन में चाबी लगी हुई उसने नहीं छोड़ी थी। इस प्रकार परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्त सं0-4 का उल्‍लंधन नहीं किया। यह भी प्रमाणित हुआ है कि चोरों ने परिवादी के घर की  दवार फांदकर और दरवाजा तोड़कर मोटर साईकिल और परिवादी का 55  लीटर मैंथा आयल चोरी कर लिया था जिसका विचारण मुरादाबाद के  न्‍यायालय में लम्बित है। विपक्षी ने परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत करके त्रुटि की है।
  16.  बीमा सर्टिफिकेट के अनुसार मोटर साईकिल की बीमित राशि  अंकन 30,301/- रूपया है। परिवादी को यह बीमित राशि और इस पर  परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक  की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज विपक्षी से दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। परिवादी को विपक्षी से  परिवाद व्‍यय की मद में एकमुश्‍त 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया)  और क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्‍त 5000/- (पाँच हजार रूपया) अतिरिक्‍त   दिलाया जाना भी हमारे मत में न्‍यायोचित होगा। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

    परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित मोटर साईकिल की  बीमित राशि 30,301/- (तीस हजार तीन सौ एक रूपया)) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में, विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी से क्षति‍पूर्ति की मद में एकमुश्‍त 5000/- (पांच हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। समस्‍त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो माह के भीतर की जाये।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)                  (पवन कुमार जैन)

    सामान्‍य सदस्‍य                        अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद                     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    23.09.2016                          23.09.2016

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 23.09.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)                  (पवन कुमार जैन)

    सामान्‍य सदस्‍य                        अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद                     जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    23.09.2016                          23.09.2016

 

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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