Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/196/2011

Shri Abid Hussain - Complainant(s)

Versus

ICICI Lombard General Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

10 Dec 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/196/2011
 
1. Shri Abid Hussain
R/0 Iqbal Nagar Joya Thana Didoli Distt. J.P Nagar
...........Complainant(s)
Versus
1. I.C.I.C.I Lombard General Insurance Company Ltd.
Parsavnath Plaza Delhi Road Thana Majhola Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने अनुरोध किया है कि ट्रक दुर्घटनाग्रस्‍त हो जाने के सन्‍दर्भ में विपक्षी से उसे 24 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  सहित 2,00,000/- रूपये की धनराशि दिलाई जाऐ। परिवाद व्‍यय के रूप में  10,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने अपने ट्रक संख्‍या- यू0पी0 23 सी0 9019 का बीमा दिनांक 29/09/2007 से  28/09/2008 तक की अवधि हेतु विपक्षी से कराया था। दिनांक 19/8/2008 को कोटद्वार-लालढ़ांग मार्ग पर उक्‍त ट्रक दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया जिसकी सूचना विपक्षी को  दी गई। विपक्षी ने सर्वेयर नियुक्‍त कर सर्वे कराया। परिवादी ने ट्रक स्‍वयं ठीक कराया जिसमें लगभ्‍सग 2,00,000/- रूपये का खर्चा आया, खर्चों के मूल  बिल बाउचर विपक्षी को भेजे गऐ। विपक्षी के सर्वेयर ने भी 1,66,705/- रूपये की क्षति का आंकलन किया। परिवादी का आरोप है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद भी विपक्षी ने क्‍लेम का निस्‍तारण नहीं किया। परिवादी ने एक कानूनी नोटिस दिनांकित 30/10/2009 विपक्षी को भिजवाया। इसके बावजूद भी क्‍लेम  का निस्‍तारण नहीं किया गया। परिवादी के अनुसार क्‍लेम निस्‍तारित न  कर  विपक्षी ने सेवा में कमी की है, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष विपक्षी से दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/2 दाखिल किया जिसमें परिवाद को  प्रीमैच्‍योर  बताते हुऐ और  यह  कहते हुऐ  कि परिवाद कालबाधित है, इन्‍हीं बिन्‍दुओं पर परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।  परिवाद पत्र  में  अग्रेत्‍तर  कथन   किया गया  है  कि  परिवाद दुर्भावना पर आधारित है।  परिवादी ने  अभिकथित  दुर्घटना की  कोई एफ0आई0आर0  थाने  में  दर्ज नहीं कराई और  कथित दुर्घटना में  हुऐ  नुकसान के  निर्धारण हेतु परिवादी ने  किसी लैबोरेटरी से  जॉंच कराने  हेतु विपक्षी से  अनुरोध नहीं किया। यह  अभिकथित करते हुऐ कि  विपक्षी ने परिवादी को सेवा प्रदान करने में किसी  प्रकार की  कमी  नहीं की  है,  परिवाद को  खारिज किऐ  जाने की  प्रार्थना की।
  4.   परिवाद के  साथ  परिवादी ने  आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्‍बार्ड जनरल  इंश्‍योरेंस  कम्‍पनी  लिमिटेड के  जनरल मैनेजर को अभिकथित रूप  से  भेजे गऐ  नोटिस दिनांकित 18/10/2010 की  फोटो प्रति, इसे  भेजे जाने  की  डाकखाने की  रसीद की  फोटो प्रति तथा  बीमा कवरनोट की  प्रति को  दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के  कागज सं0-3/4 लगायत 3/6 हैं। परिवादी की  ओर  से  सूची कागज सं0-3/7  के माध्‍यम  से  विपक्षी  के सर्वेयर श्री रमेश  कुमार हसीजा की  सर्वे रिपोर्ट दिनांकित 31/8/2009 की  नकल  को  भी  दाखिल  किया, यह सर्वे रिपोर्ट पत्रावली  का  कागज सं0-3/8  लगायत 3/12  है।
  5.   परिवादी ने  अपना साक्ष्‍य  शपथ  पत्र कागज सं0-15/1  लगायत  15/2  तथा  विपक्षी की  ओर  से  विपक्षी के  मैनेजर लीगल श्री मनीष श्रीवास्‍तव  का  साक्ष्‍य  शपथ  पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/2 दाखिल  हुआ। विपक्षी के साक्ष्‍य  शपथ  पत्र के साथ  विपक्षी के सर्वेयर श्री रमेश कुमार हसीजा की सर्वे रिपोर्ट  दिनांकित 31/8/2009  को  बतौर संलग्‍नक  दाखिल किया गया  है  जो  पत्रावली का  कागज सं0-18/3  लगायत 18/7 है।
  6.   परिवादी तथा  विपक्षी ने अपनी-अपनी लिखित बहस  क्रमश: कागज सं0-21 व कागज सं0-23  दाखिल की।
  7.  
  8.   हमने  विपक्षी  के  विद्वान  अधिवक्‍ता  के  तर्कों  को  सुना  और  पत्रावली  का  अवलोकन  किया।  परिवादी  की  ओर  से  बहस  हेतु  कोई  उपस्थित  नहीं  हुऐ। 
  9.       पक्षकारों के मध्‍य  इस  बिन्‍दु   पर  कोई  विवाद नहीं है  कि  परिवाद में उल्लिखित परिवादी का मिनी ट्रक दिनांक 29/9/2007 से 28/9/2008 तक  की अवधि हेतु विपक्षी से  बीमित था। परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता  का  तर्क है  कि  दिनांक 19/8/2008 को  उसका ट्रक‍ दुर्घटनाग्रस्‍त  हो  गया  था। इस दुर्घटना में  ट्रक को  काफी नुकसान हुआ उसने बीमा कम्‍पनी  को  दुर्घटना की  सूचना दे  दी  थी। बीमा कम्‍पनी  ने सर्वेयर नियुक्‍त  किया और  जॉंच कराई, किन्‍तु  बार-बार  अनुरोध के बावजूद परिवादी को  क्‍लेम  का  पैसा नहीं दिया। परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी  कथन  है  कि  ट्रक को  ठीक  कराने  में  परिवादी का  लगभग 2,00,000/-  रूपया खर्च हुआ जिसके मूल  बाउचर परिवादी ने बीमा कम्‍पनी  को  भेजे दिऐ थे।  परिवादी  के  विद्वान अधिवक्‍ता  का तर्क है  कि  विपक्षी द्वारा क्‍लेम  का  भुगतान न कर  परिवादी को  सेवा देने में  कमी  की है।   
  10.   प्रत्‍युत्‍तर  में  बीमा कम्‍पनी  के  विद्वान अधिवक्‍ता  ने  कहा  कि परिवाद कालबाधित है। परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता  ने  उक्‍त  तर्क का  प्रतिवाद  किया। विपक्षी के  विद्वान अधिवक्‍ता  ने  कहा  कि  ट्रक दुर्घटना की  तिथि अर्थात् 19/8/2008 से  परिवादी को  वाद हेतुक उत्‍पन्‍न  हो  गया  था। 2 वर्ष तक  उसने परिवाद योजित नहीं किया  उसने परिवाद दिनांक 28/6/2011 को  इस  फोरम के  समक्ष प्रसतुत किया, इस  प्रकार परिवाद कालबाधित है। परिवादी के विद्वान  अधिवक्‍ता  ने  उक्‍त  तर्क  का  प्रतिवाद करते हुऐ  कहा  कि  बार-बार  अनुरोध के बावजूद विपक्षी ने  परिवादी  के  क्‍लेम  का  निस्‍तारण नहीं  किया और  चॅूंकि परिवाद योजित किऐ जाने की  तिथि को  उसका क्‍लेम  लम्बित था  और  उसे  क्‍लेम  निस्‍तारण की  कोई  सूचना बीमा कम्‍पनी  ने  नहीं दी  थी अत: परिवाद कालबाधित नहीं  माना जा  सकता। परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता  का  यह भी  कथन  है  कि  जब परिवादी ने दुर्घटना क्‍लेम  विपक्षी के  समक्ष प्रस्‍तुत  कर  दिया था  तो क्‍लेम के सन्‍दर्भ में  वाद  हेतुक उसे उस दिन उत्‍पन्‍न होता जब उसे क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने की सूचना विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा दे दी गई होती और चॅूंकि परिवाद योजित किऐ जाने की  तिथि तक परिवादी को  क्‍लेम  निस्‍तारण की कोई सूचना विपक्षी  ने  नहीं  दी  थी अत: परिवादी का  क्‍लेम किसी भी  दृष्टि  से  कालबाधित नहीं  माना  जा  सकता।  हम  परिवाद के  विद्वान  अधिवक्‍ता  के  उक्‍त  तर्कों  से  सहमत हैं  और  हम  इस  मत  के  है  कि परिवाद कालबाधित  नहीं है।
  11.   विपक्षी  के  विद्वान  अधिवक्‍ता  का  यह  भी  तर्क है  कि  परिवादी ने  प्रथम सूचना रिपोर्ट  पुलिस में  दर्ज नहीं कराई क्‍योंकि उसका क्‍लेम  फर्जी था। हम विपक्षी के उक्‍त तर्क से सहमत नहीं हैं। विपक्षी के सर्वेयर की सर्वे रिपोर्ट के  अवलोकन से  प्रकट है  कि  सर्वेयर ने  मौके पर जाकर स्‍थलीय जॉंच भी  की  थी।  सर्वेयर का यह कहीं निष्‍कर्ष नहीं है  कि  परिवाद में  उल्लिखित ट्रक दुर्घटना परिवादी ने  फर्जी अभिकथित की  है।  ऐसी  दशा में  मात्र इस आधार पर कि  परिवादी ने  दुर्घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई, दुर्घटना को फर्जी नहीं माना जा सकता।
  12.   परिवादी ने  ट्रक ठीक  कराने  में  लगभग 2,00,000/- रूपया व्‍यय  होने का कथन  अपने परिवाद  तथा  साक्ष्‍य शपथ  पत्र में किया है, किन्‍तु  उसने खर्चे के  बिल  बाउचरों की  नकल  पत्रावली  में  दाखिल  नहीं की  है।  यह  परिवादी का  उत्‍तरदायित्‍व  था  कि  वह  ट्रक की रिपेयर में  हुऐ  खर्चों को  फोरम के समक्ष पालिसी की  शर्तों एवं प्रतिबन्‍धों  के अधीन  प्रमाणित करता जो  उसने नहीं किया। इसके विपरीत विपक्षी बीमा कम्‍पनी  के सर्वेयर श्री रमेश कुमार हसीजा ने  अपनी सर्वे रिपोर्ट  कागज सं0- 18/3  लगायत 18/7 में ट्रक में  हुई  क्षति का  आंकलन करके नियमानुसार 55,736/- (पचपन हजार सात सौ छत्‍तीस रूपया) 50 पैसे की  देयता की  संस्‍तुति की  है।  हमने इस सर्वे रिपोर्ट का  अवलोकन किया। बीमा कम्‍पनी  के सर्वेयर ने देयता का  सकारण आंकलन किया है। विधि का  यह  स्‍थापित सिद्धान्‍त है  कि  युक्तियुक्‍त  और  ठोस  आधार के  बिना सर्वेयर की  रिपोर्ट के  निष्‍कर्षों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
  13.   मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा (2008) 11, एस0सी0सी0 पृष्‍ठ- 256, नेशनल  इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड बनाम नितिन खण्‍डेलवाल के  मामले  में यह व्‍यवस्‍था  दी  गई  है  कि  बीमा क्‍लेम  के  मामलों में  वाहन का व्‍यवसायिक प्रयोग किऐ  जाने का  प्रश्‍न सुसंगत नहीं है।
  14.   हमारे अभिमत  में  सर्वेयर रिपोर्ट  के  अनुसार अनुमन्‍य 55,736/- रूपया 50  पैसे की धनराशि परिवाद योजित किऐ जाने की  तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित परिवादी को  विपक्षी से दिलाई जानी चाहिए। परिवादी को परिवाद व्‍यय की  मद  में  2500/- (दो  हजार पाँच सौ  रूपया) तथा  क्‍लेम  निस्‍तारण की  सूचना न दिऐ  जाने के कारण क्षतिपूर्ति की मद में 5,000/- (पाँच हजार रूपया) विपक्षी से अतिरिक्‍त  दिलाया  जाना भी  हम  न्‍यायोचित  समझाते हैं। तदानुसार परिवाद निस्‍तारित होने योग्‍य  है।   

 

अादेश

  परिवाद योजित  किऐ  जाने  की  तिथि से वास्‍तविक  भुगतान की  तिथि तक  की अवधि  हेतु  9 प्रतिशत  वार्षिक  ब्‍याज  सहित  रू0 55,736 = 50 पैसा (पचपन हजार सात सौ छत्‍तीस रूपया पचास पैसा) की वसूली हेतु  यह  परिवाद परिवादी के  पक्ष में,  विपक्षी के  विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षी से  परिवाद व्‍यय  की  मद  में  2500/- (दो  हजार पाँच सौ  रूपया) तथा मानसिक कष्‍ट की  क्षतिपूर्ति की मद  में  5000/- (पाँच हजार रूपया) अतिरिक्‍त  पाने का  अधिकारी होगा। समस्‍त  धनराशि का  भुगतान इस  आदेश की  तिथि से  दो  माह के  भीतर किया जाये।

 

 

       (सुश्री अजरा खान)              (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद               जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

          10.12.2015                       10.12.2015

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 10.12.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

       (सुश्री अजरा खान)              (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                         अध्‍यक्ष

  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद               जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

          10.12.2015                       10.12.2015

 

 

 

 

 

 

 

 

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